उत्तराखंड में पुलिस कर्मियों को अब इनसास रायफल देने की तैयारी
राज्य में अब पुलिस पुलिस कर्मियों को जल्द ही आधुनिक इनसास रायफल से लैस करने की तैयारी है। अभी पुलिस के बाद एसएलआर (सेल्फ लोडिंग रायफल) है। सिटी पुलिस को रायफल के स्थान पर शार्ट रेंज वेपन दिए जाएंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 14 Dec 2020 11:34 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्य में अब पुलिस पुलिस कर्मियों को जल्द ही आधुनिक इनसास रायफल से लैस करने की तैयारी है। अभी पुलिस के बाद एसएलआर (सेल्फ लोडिंग रायफल) है। सिटी पुलिस को रायफल के स्थान पर शार्ट रेंज वेपन दिए जाएंगे।
पुलिस पहले थ्री नॉट थ्री रायफल का इस्तेमाल करती थी। इसके बाद इन्हें एसएलआर दी गई। अब इन्हें इनसास देने की तैयारी है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इससे जवानों का थोड़ा लोड कम होगा। यह एसएलआर से भी हल्की है। सिटी पुलिस को अधिक स्मार्ट बनाने के लिए इन्हें रायफल वापस लेकर शार्ट रेंज वेपन दिए जाएंगे। साथ ही पीएसी की कांबेट ड्रेस भी बदली जाएगी। यह पेरोमिलिट्री की तरह ही होगी, लेकिन इसका रंग खाकी होगा। पीएसी की प्रत्येक कंपनी को तीन मिनी बस व तीन मिनी ट्रक देना भी प्रस्तावित किया गया है।सिटी पेट्रोल के लिए मिलेंगे 100 वाहन
प्रदेश में इस समय सिटी पुलिस यातायात सुचारू रखने में अहम भूमिका निभा रही है। अब इन्हें हाइवे पेट्रोलिंग की भी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। इसके लिए पुलिस विभाग 100 नए स्कॉर्पियों वाहन खरीदना चाहता है, ताकि उसका रिस्पांस टाइम बढ़ सके। इससे कहीं भी आपात स्थिति में तुरंत पहुंचा जा सकेगा।
डीजीपी के बढ़ाए जाएंगे वित्तीय अधिकार
प्रदेश में अभी तक डीजीपी पुलिस कर्मियों को अच्छे कार्यों के लिए इनाम देने की घोषणा करते हैं। डीजीपी को केवल 20 हजार रुपये तक के इनाम की घोषणा करने का अधिकार है। हालांकि, यह भी देखने में आया है कि बजट में व्यवस्था न होने के कारण यह इनाम नहीं बंट पाता है। अब उत्तर प्रदेश की तर्ज पर डीजीपी एक लाख रुपये तक के इनाम दे सकेंगे। इसके लिए अलग खाता खोला जाएगा। इसके लिए सैद्धांतिक सहमति बन गई है।
ट्रैफिक आइ एप की तर्ज पर बनेगा पब्लिक आइ एपट्रेफिक आइ एप की तर्ज पर पब्लिक आइ एप बनाया जाएगा। ट्रैफिक आइ एप के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति ट्रैफिक का उल्लंघन करने की वीडियो बनाकर पुलिस को दे सकता है। इस पर ट्रैफिक का उल्लंघन करने वाले पर कार्रवाई की जा सकती है। इसी तर्ज पर ड्रग्स और महिला अपराध के लिए पब्लिक आइ एप बनाया जाएगा। कोई भी व्यक्ति मादक पदार्थों की तस्करी और महिला अपराध के संबंध में वीडियो बनाकर इस एप पर डाल सकता है। इसके आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
थाने के रिकॉर्ड का होगा डिजिटाइजेशनप्रदेश के सभी थानों के दस्तावेजों का अब डिजिटाइजेशन किया जाएगा। इससे दस्तावेजों में हेराफेरी और इनके खोने की आशंका नहीं रहेगी। इसके साथ ही ई-बीट बुक सिस्टम भी लागू किया जाएगा। इससे बीट पुलिस कर्मियों को अलग से बुक रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मोबाइल पर ही वे सारी जानकारी रख सकेंगे।रायपुर अथवा रिंग रोड पर बनेगा पुलिस मुख्यालय
पुलिस मुख्यालय के लिए जल्द ही नया स्थायी भवन बनाया जाएगा। इसके लिए रिंग रोड अथवा रायपुर में जमीन देखी जा रही है। नया भवन तकरीबन 2.5 से तीन एकड़ भूमि पर बनेगा। मौजूदा पुलिस मुख्यालय बहुत पुराने भवन में चल रहा है और अब यहां अधिकारियों के लिए जगह कम पड़ने लगी है।राजस्व पुलिस पर निर्णय लेने को समिति गठितप्रदेश में राजस्व पुलिस के क्षेत्र को सिविल पुलिस के हवाले करने की मांग काफी समय से उठती रही है। हालांकि, राजस्व पुलिस की अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही व्यवस्था को समाप्त करने के पक्ष में सरकार नहीं है। अब शासन ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें पूर्व मुख्य सचिव मधुकर गुप्ता, इंदू कुमार पांडे और पूर्व डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी शामिल हैं। यह समिति यह तय करेगी कि सीमांत क्षेत्रों में किन राजस्व क्षेत्रों को सिविल पुलिस के दायरे में लाया जाए। इसके अलावा बार्डर आउटपोस्ट पर भी यह समिति अपनी रिपोर्ट शासन को देगी।
गैरसैंण में स्थापित होगी आइआरबी की नई बटालियनप्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में थाने की स्वीकृति के बाद अब यहां इंडियन रिजर्व बटालियन की स्थापना करने की तैयारी है। शासन ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। यदि ऐसा होता है तो फिर प्रदेश में 11 साल बाद नई बटालियन का गठन होगा।अब नियमित तौर पर जारी होंगे ई समनप्रदेश में कोरोनाकाल के दौरान ई-समन जारी करने की व्यवस्था काफी कारगर साबित हुई है। इसे देखते हुए अब इस व्यवस्था को नियमित करने की तैयारी है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि कोरोना काल के दौरान ई-मेल और वाटस एप के जरिये समन भेजे गए थे। अब आगे भी ई-समन भेजे जाएंगे।
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