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Uttarakhand: उत्तराखंड में अब दूर होगी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी, धामी सरकार ने बढ़ाया पोस्टिंग का समय

Uttarakhand प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी अब काफी हद तक दूर हो सकेगी। प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीट में सीनियर रेजिडेंट की कमी दूर करने के लिए मंत्रिमंडल ने बांड की शर्तों में शिथिलता दी है। अब बांड धारक सीनियर रेजिडेंट की मेडिकल कॉलेजों में एक वर्ष के स्थान पर दो वर्ष तैनाती करने का निर्णय लिया गया है।

By Ravindra kumar barthwal Edited By: Swati Singh Updated: Sat, 23 Dec 2023 09:08 AM (IST)
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उत्तराखंड में अब दूर होगी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में अब चिकित्सकों की कमी अब दूर होने वाली है। प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी अब काफी हद तक दूर हो सकेगी। प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीट में सीनियर रेजिडेंट की कमी दूर करने के लिए मंत्रिमंडल ने बांड की शर्तों में शिथिलता दी है।

अब बांड धारक सीनियर रेजिडेंट की मेडिकल कॉलेजों में एक वर्ष के स्थान पर दो वर्ष तैनाती करने का निर्णय लिया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीट की अनुमति के लिए सीनियर रेजिडेंट की कमी बड़ी बाधा बनी हुई है। वर्तमान में सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों की 60 से 70 प्रतिशत तक कमी है। इस कारण मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीट को अनुमति मिलने में अड़चन आ रही है।

चिकित्सकों की कमी की समस्या होगी दूर

पीजी सीट की अनुमति नहीं मिलने से विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी की समस्या भी बनी हुई है। इस समस्या के समाधान के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेजों से उत्तीर्ण परा-स्नातक चिकित्सकों को कॉलेज में ही दो वर्ष की सीनियर रेजीडेंसी करने की अनुमति देने पर मंत्रिमंडल ने सहमति दी। बांड धारक सीनियर रेजिडेंट के रूप में उनकी सेवाएं किसी भी मेडिकल कालेज में स्थानांतरणीय होंगी।

अभी तक एक साल तक की थी व्यवस्था

अभी सीनियर रेजिडेंट को एक वर्ष मेडिकल कॉलेज और एक वर्ष दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने की व्यवस्था लागू है। मंत्रिमंडल के निर्णय से सीनियर रेजीडेंट अब दो वर्ष तक मेडिकल कॉलेजों में ही सेवाएं दे सकेंगे।

मुख्य परीक्षा के लिए मिलेंगे एक लाख रुपये

मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के दृष्टि पत्र 25 संकल्प 2022 के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा और सैन्य अधिकारी भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष आर्थिक सहायता बढ़ाने का निर्णय लिया। कार्मिक सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि सहायता राशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी देने का निर्णय लिया गया है।

प्रीमियम दोगुना, बीमा कवर मिलेगा पांच गुना

उत्तराखंड राज्य कर्मचारी सामूहिक बीमा एवं बचत योजना के अंतर्गत मासिक प्रीमियम की राशि और बीमा राशि में संशोधन पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। अब 2800 रुपये ग्रेड वेतन तक कर्मचारी से 100 रुपये के स्थान पर 350 रुपये मासिक प्रीमियम की वसूली की जाएगी। उन्हें एक लाख के स्थान पर अब पांच लाख की राशि तक बीमा कवर मिलेगा।

मिलेगी ये सुविधा

इसी प्रकार 2801 से 5400 रुपये ग्रेड वेतन में कार्यरत कार्मिकों से मासिक प्रीमियम 200 रुपये के स्थान पर 700 रुपये लिया जाएगा। उन्हें बीमा कवर दो लाख रुपये के स्थान पर 10 लाख रुपये तक मिलेगा। 5401 रुपये से अधिक ग्रेड वेतन में कार्यरत कार्मिक अब 700 रुपये के स्थान पर 1400 रुपये मासिक प्रीमियम का भुगतान करेंगे। उन्हें 20 लाख की राशि तक बीमा कवर मिल सकेगा। बीमा प्रीमियम राशि में बीमा निधि और बचत निधि 50-50 प्रतिशत है।

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