लोकसभा चुनाव में आधी आबादी पर सियासी दलों की नजर
देवभूमि में आधी आबादी लोकतंत्र की मजबूत प्रहरी के रूप में उभरी है। राज्य गठन के बाद हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में महिलाओं का बढ़ता मतदान प्रतिशत इसकी तस्दीक करता हैैै।
By BhanuEdited By: Updated: Wed, 27 Mar 2019 09:02 AM (IST)
देहरादून, केदार दत्त। देवभूमि में आधी आबादी लोकतंत्र की मजबूत प्रहरी के रूप में उभरी है। उत्तराखंड गठन के बाद हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में महिलाओं का लगातार बढ़ता मतदान प्रतिशत इसकी तस्दीक करता है। साफ है कि राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने में आधी आबादी अहम किरदार निभा रही है।
जाहिर है कि इस लोकसभा चुनाव में भी उनकी भूमिका अहम रहने वाली है। ऐसे में चुनावी वैतरणी पार लगाने के लिए सियासी दलों की नजर 3645047 महिला मतदाताओं पर रहेगी। इसके लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने उनका समर्थन पाने के हिसाब से रणनीति तय की है और वे इसे धरातल पर उतारने की कोशिशों में जुट भी गए हैं।भौगोलिक लिहाज से देखें तो 13 जिलों वाले उत्तराखंड के 10 जिले विशुद्ध रूप से पहाड़ी हैं। खासकर पर्वतीय जिलों में तो आधी आबादी को यहां की रीढ़ कहा जाता है। वह घर परिवार से लेकर खेत खलिहान तक खटती है। बावजूद इसके लोकतंत्र में उसकी अगाध आस्था है। लोकतंत्र के महोत्सव में उसकी सक्रिय भागीदारी यह बयां भी करती है।
उत्तराखंड बनने के बाद हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखें तो इनमें उसकी भागीदारी निरंतर बढ़ रही है। 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में जहां महिलाओं का मतदान प्रतिशत 52.64 था, 2017 में उसने लंबी छलांग लगाई और यह पहुंच गया 69.30 फीसद। इसी प्रकार 2004 के लोकसभा चुनाव में 44.94 फीसद महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। यह आंकड़ा 2014 में बढ़कर 63.05 फीसद पर पहुंच गया।सूरतेहाल, इस लोकसभा चुनाव में भी राज्य में महिलाओं की भूमिका अहम रहने वाली है। मतदान को लेकर उनमें बढ़ी जागरूकता के मद्देनजर सभी सियासी दलों ने महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए रणनीति पर फोकस किया है। इस कड़ी में महिलाओं के बोझ को कम करने के साथ ही उनके सशक्तीकरण के मद्देनजर तमाम वायदे किए जा रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में इन वायदों को लेकर झड़ी लगेगी, यह तय है।
राज्य में हुए चुनावों में मतदान प्रतिशतलोकसभा चुनाव
वर्ष--------महिला-----पुरुष2004-----44.94---53.43
2009-----51.11---56.672014-----63.05---61.34
विधानसभा चुनाव2002-----52.64---55.94
2007-----59.45---58.952012-----68.84---65.74
2017-----69.30---58.95लोस क्षेत्रवार मतदाता
क्षेत्र-------------महिला---------पुरुषटिहरी----------691899-----773527पौड़ी गढ़वाल---638311----698981अल्मोड़ा--------635996----685655नैनीताल--------841601----947110हरिद्वार--------837240-----966576कुल--------------3645047---4071849यह भी पढ़ें: चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने को प्रशासन लेगा टैटू और पतंगबाजी का सहारायह भी पढ़ें: यहां है संयुक्त परिवारों का बोलबाला, संस्कारों में जिंदा है लोकतंत्रयह भी पढ़ें: महिला सशक्तीकरण के लिए शिक्षा है अहम हथियार
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