कोरोना के खिलाफ जंग में नर्स ने फर्ज को माना सर्वोपरि, टाली शादी
ऋषिकेश निवासी हिमालयन हॉस्पिटल की स्टाफ नर्स दीपिका की मई में शादी होनी थी मगर फर्ज को सर्वोपरि मानते हुए उन्होंने अपनी शादी टाल दी है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 29 Apr 2020 09:47 AM (IST)
ऋषिकेश, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ सभी लोग एकजुट होकर लड़ रहे हैं। इसमें चिकित्सकों से लेकर नर्स और अस्पताल स्टाफ की अहम भूमिका है। ऐसी ही ड्यूटी ऋषिकेश निवासी हिमालयन हॉस्पिटल की स्टाफ नर्स दीपिका निभा रही है। खास बात यह है कि दीपिका की मई में शादी होनी थी, मगर फर्ज को सर्वोपरि मानते हुए उन्होंने अपनी शादी टाल दी है।
ऋषिकेश के खदरी खड़क माफ की पूर्व प्रधान सुनीता रावत की पुत्री दीपिका रावत हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में स्टाफ नर्स है। उसके पिता विजयपाल रावत ने बताया कि दीपिका का विवाह अमित ग्राम निवासी मनीष नेगी के साथ एक मई को होना था। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन से पहले शादी की सभी तैयारी पूरी कर ली गई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से दूसरा लॉकडाउन का चरण शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि हमने मन बनाया कि प्रशासन की शर्तों के मुताबिक सादगी के साथ शादी कर देंगे, लेकिन उनकी पुत्री दीपिका ने कहा कि इन विकट परिस्थितियों मे उन्हें शादी के लिए अस्पताल से छुट्टी लेनी पड़ेगी, जबकि अस्पताल और मरीजों को उनकी ज्यादा जरूरत है। इसलिए वह इस समय शादी नहीं कर सकती। इसलिए उन्होंने पुत्री की इच्छा को ध्यान में रखते हुए शादी अगली तिथि के लिए टाल दी है।
कोरोना मुक्त विश्व के लिए की गई प्रार्थनापरमार्थ निकेतन में हिन्दू धर्म की सर्वोच्च पीठ के जगद्गुरु, सनातन धर्म के ज्योर्तिधर भारत की महान विभूति आदिगुरु शंकराचार्य के जन्मोत्सव पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सभी संतों ने वेद मंत्रों से शंकराचार्य का पूजन किया।
मंगलवार प्रात: आदिगुरु शंकराचार्य का अभिषेक, हवन, विशेष पूजन और विश्व शान्ति से कोरोना से मुक्ति के लिये विशेष मंत्रों से जप किया गया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि वर्तमान समय में पूरा विश्व कोरोना वायरस की चपेट में है। भारत के प्रधानमंत्री ने 'दो गज दूरी जो है जरूरी' का मंत्र दिया है, उसका हम सभी देशवासियों को गंभीरता से पालन करना चाहिए।यह भी पढ़ें: बेटे की शादी में सिर्फ मां बनी बराती, सेनिटाइजेशन के बाद दूल्हा-दुल्हन ने मास्क लगाकर लिए फेरे
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित ज्योतिर्मठ, श्रृंगेरी शारदा पीठ, द्वारिका पीठ, गोवर्धन पीठ के विषय में जानकारी देते हुए भारतीय हिन्दू दर्शन के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डाला। आदि गुरु शंकराचार्य ने छोटी सी उम्र में भारत का भ्रमण कर हिन्दू समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए चार पीठों की स्थापना की। कश्मीर से कन्याकुमारी तक, दक्षिण से उत्तर तक, पूर्व से पश्चिम तक पूरे भारत का भ्रमण कर एकता का संदेश दिया। इस अवसर पर पालघर में दो संतों की हुई निर्मम हत्या को दुखद बताते हुये संतों की आत्मा की शान्ति के लिए मौन रख कर श्रद्धाजंलि अर्पित की।
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