तेल घोटाला: खड़ा वाहन पी गया 160 लीटर डीजल, ऐसे खुला मामला
वन विकास निगम में लंबे समय से एक ही जगह खड़ा वाहन 160 लीटर डीजल पी गया। इस बात का खुलासा सूचना आयोग में एक अपील की सुनवाई में किया गया।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 06 Jun 2019 07:01 PM (IST)
देहरादून, सुमन सेमवाल। वन विकास निगम में एक के बाद एक वित्तीय अनियमितताएं सामने आ रही हैं। अब तेल घोटाला सामने आया है, जिसमें वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरवाने के नाम पर एक ही सीरियल के बिल पर 2.43 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। गंभीर यह कि बिलों पर यह भी उल्लेख नहीं है कि किस वाहन पर कितना तेल भरवाया गया है। यह भी सामने आया कि लंबे समय से एक ही जगह खड़ा वाहन 160 लीटर डीजल पी गया।
इस बात का खुलासा सूचना आयोग में आरटीआइ क्लब के महासचिव एएस धुन्ता की अपील की सुनवाई में किया गया। आरटीआइ कार्यकर्ता ने 18 मई 2017 में किए गए 1.24 लाख व 23 जुलाई 2017 को किए गए 1.19 लाख रुपये के पेट्रोल-डीजल के भुगतान की जानकारी मांगी थी। इसके साथ ही उन्होंने 11 वाहनों के नंबर देकर इन पर भरवाए गए तेल के बिलों की सत्यापित प्रतियां मांगी थीं। तय समय के भीतर उचित जानकारी न मिलने पर यह मामला सूचना आयोग पहुंचा। प्रकरण पर सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने पाया कि एक ही सीरियल नंबर वाले बिलों पर मात्रा का उल्लेख किए बिना पेट्रोल-डीजल भरवाया गया है। यह वह भुगतान है, जिसको लेकर सूचना मांगी गई है।
महज एक विभागीय पर्ची मिलीसुनवाई में यह भी पता चला कि पेट्रोल-डीजल भरवाते समय संस्थान एक पर्ची जारी करता है। इस पर्ची में तिथि, वाहन की संख्या व तेल की मात्रा लिखी होती है। इस तरह की महज एक पर्ची ही वन विकास निगम ने दिखाई, जिस पर 90 लीटर तेल भरना दिखाया गया। मुख्य सूचना आयुक्त ने वन निगम के लोक सूचनाधिकारी/नियोजन एवं मूल्यांकन अधिकारी को आदेश दिए कि भुगतान से संबंधित ऐसी सभी पर्चियों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। इसके लिए आयोग ने निगम को तीन सप्ताह का समय दिया।
...तो एक समय पर बने बिलजिस तरह से एक ही सीरियल नंबर के बिलों पर भुगतान किया गया है, उससे इस बात को बल मिलता है कि एक समय पर ही सभी बिलों को भरा गया है। इसमें निगम प्रशासन के साथ ही पंप संचालक की मिलीभगत की भी आशंका है।
खड़े-खड़े भी वाहन पी गया 160 लीटर डीजलआरटीआइ में यह भी बात सामने आई कि वन निगम ने यूए07एफ4704 संख्या के वाहन पर 160 लीटर डीजल भरवाया है, जबकि लॉगबुक से पता चला कि यह वाहन लंबे समय से चला ही नहीं।
एक दिन में वाहन चला 10 हजार किलोमीटरतेल घोटाले को अंजाम देने के लिए वन विकास निगम के वाहनों की लॉगबुक की एंट्री में भी खेल किया जा रहा है। एक वाहन ऐसा भी सामने आया, जिसकी लॉगबुक में एक दिन में 10 हजार किलोमीटर सफर करना दिखाया गया।
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