Uttarakhand Day: राज्य स्थापना दिवस पर झांकियों ने मोहा मन, दिखी उत्तराखंड की झलक; पुलिस जवानों ने दिखाए हैरतंगेज करतब
Uttarakhand Day 2023 राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रतिभाग किया। इस दौरान विभागों की ओर से प्रदर्शित झांकियों के माध्यम से राज्य के समग्र विकास एवं नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य जैवविविधता धार्मिक अध्यात्म के साथ साहसिक पर्यटन गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराई गई।
By Soban singhEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 10 Nov 2023 02:11 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Day 2023: राज्य स्थापना दिवस पर विभिन्न विभागों की ओर से आठ झाकियां निकाली गई, जोकि विशेष आकर्षण का केंद्र रही। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रतिभाग किया।
इस दौरान विभागों की ओर से प्रदर्शित झांकियों के माध्यम से राज्य के समग्र विकास एवं नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य, जैवविविधता, धार्मिक, अध्यात्म के साथ साहसिक पर्यटन गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराई गई।
सूचना एवं लोक संपर्क विभाग की ओर से प्रदर्शित केदारखंड से मानसखंड झांकी के माध्यम से राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जैव विविधता, हिमाच्छादित उच्च पर्वत शृंखलाओं की समग्रता से परिचित कराने का प्रयास किया गया।
मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर हो रहा काम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में मानसखंड पर आधारित झांकी इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में प्रदर्शित की गई थी, जिसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। केदारनाथ व बदरीनाथ की तर्ज पर कुमांऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है, जिसमें इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है। पहले चरण में जागेश्वर महादेव के साथ करीब दो दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है।
दुनियाभर में देवभूमि के रूप में रही विशेष पहचान
महानिदेशक सूचना वंशीधर तिवारी ने कहा कि सदियों से उत्तराखंड की देश-दुनिया में देवभूमि के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रही है। गढ़वाल क्षेत्र के बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री के साथ अन्य मंदिरों का वर्णन जहां केदारखंड में वर्णित है वहीं मानसखंड के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के जागेश्वर बागेश्वर सहित अन्य मंदिर समूह राज्य को देवभूमि बनाते हैं। इसके साथ ही हिमालय की चोटियों में स्थित ऊं पर्वत आदि कैलाश पार्वती कुंड इसकी दिव्यता को विशिष्ट पहचान दिलाते हैं।इसके अतिरिक्त कार्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क सहित अन्य अभयारण्य समृद्ध जैव विविधता से भी परिचित कराते है। इन विषयों को झांकी में शामिल किए जाने का प्रयास किया गया है। ग्राम्य विभाग, पर्यटन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, यूपीसीएल, बाल विकास विभाग, उद्योग की ओर से भी विभिन्न झांकियां निकाली गई। झांकियों की राष्ट्रपति ने भी तारीफ की।
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