Move to Jagran APP

देहरादून में तेज बारिश से मकान के ऊपर गिरा पुश्ता, मलबे में दबने से गभर्वती समेत चार की मौत

दून के चुक्खुवाला क्षेत्र के इंद्रा कॉलोनी में मंगलवार रात तेज बारिश से पुश्‍ता गिरने से एक मकान ढह गया। इस हादसे में आठ साल की एक बच्‍ची समेत चार की मौत हो गई।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 15 Jul 2020 10:29 PM (IST)
Hero Image
देहरादून में तेज बारिश से मकान के ऊपर गिरा पुश्ता, मलबे में दबने से गभर्वती समेत चार की मौत
देहरादून, जेएनएन। शहर में मंगलवार-बुधवार मध्य रात्रि बारिश के दौरान इंद्रा कालोनी स्थित चुक्खूवाला मोहल्ले में मकान पर नवनिर्मित पुश्ता ढहने से गर्भवती महिला और एक आठ वर्षीय बच्ची समेत चार की मौत हो गई। करीब आठ घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा नियंत्रण बलों ने मलबे में दबे शवों को बाहर निकाला। दो अन्य को मलबे से जीवित बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। आइजी (गढ़वाल) अभिनव कुमार ने बुधवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति रिपोर्ट ली, जबकि डीएम डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव व डीआइजी अरुण मोहन जोशी पूरी रात घटनास्थल पर डटे रहे। इस प्रकरण में एक प्रापर्टी डीलर की लापरवाही सामने आ रही। डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल को जांच सौंपी है। वह लोनिवि व सिंचाई विभाग से तकनीकी रिपोर्ट लेकर डीएम को देंगे। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हादसे पर शोक जताया है। 

पुलिस के अनुसार, चौधरी विहार लाल मार्ग पर एक प्रापर्टी डीलर ने इंद्रा कालोनी में मकानों के पीछे ऊंचाई पर स्थित अपनी जमीन पर बीते दिनों प्लाटिंग की थी। प्लाट के बाहरी हिस्से पर पुश्ते का निर्माण कराया गया, जिससे नीचे वाले मकान खतरे की जद में आने की आशंका देख क्षेत्रीय लोग विरोध भी कर रहे थे। यह पुश्ता कुछ मकानों के पिछले हिस्से से सटाकर बनाया गया। जिसमें कंकरीट की मोटी स्लैब डाली गई थी। देर रात करीब दो बजे तेज बारिश हो रही थी कि इसी दौरान पुश्ता ढह गया। स्लैब का एक बड़ा हिस्सा पंकज मैसी के मकान पर आ गिरा, जिससे पूरा मकान जमींदोज हो गया। मकान के दो हिस्सों में दो किरायेदार वीरेंद्र सिंह व समीर चौहान परिवार के साथ रहते हैं। हादसे के वक्त वीरेंद्र रात्रि डयूटी पर गए हुए थे, जबकि परिवारों के बाकी सदस्य सो रहे थे। हादसे में वीरेंद्र की पत्नी विमला देवी (37), पुत्री सृष्टि (8) व पुत्र कृष (10) जबकि दूसरे हिस्से में समीर (30), उसकी गर्भवती पत्नी किरन (28) व बहन प्रमिला (22) मलबे में दब गए। समीर मूल रूप से चकराता के रिखाड़ का निवासी है, जबकि उसकी बहन प्रमिला गर्भवती भाभी किरन की देखभाल के लिए पिछले दिनों ही चकराता से यहां आई थी। 

घटना की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने वहां पहुंचकर रेस्क्यू शुरू कर दिया, जो सुबह करीब आठ घंटे तक चला। रेस्क्यू में टीमों ने समीर और कृष को सुरक्षित बचा लिया, जबकि बाकी चार की मलबे में दबने से मौत हो गई। कटर से सरिये को काटकर और जेसीबी से मलबा हटाकर दोनों घायलों व चारों शवों को बाहर निकाला गया। मौके पर आए नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि हादसे के बाद इंद्रा कालोनी का कुछ क्षेत्र सेंसेटिव जोन में आ गया है। इसमें कुछ मकानों पर खतरा है, लिहाजा इनमें रह रहे परिवारों को दूसरे भवनों में शिफ्ट किया जाएगा। 

डीआइजी जोशी ने बताया कि यदि जांच में प्रापर्टी डीलर की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने विमला व सृष्टि की मृत्यु पर वीरेंद्र को आठ लाख रुपये की सहायता राशि का चेक उपलब्ध कराया है। समीर के द्वारा पत्नी और बहन के शव को चकराता दाह संस्कार के लिए ले जाने की बात कही गई। समीर को लौटने पर आठ लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।