दून में डेंगू ने उड़ाई नींद, एक और संदिग्ध मरीज की मौत
डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता निरंतर बढ़ती ही जा रही है। अब यह खतरनाक होता जा रहा है। डेंगू संदिग्ध राजपुर रोड निवासी 44 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
By BhanuEdited By: Updated: Sat, 24 Aug 2019 01:28 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता निरंतर बढ़ती ही जा रही है। अब यह खतरनाक होता जा रहा है। डेंगू संदिग्ध राजपुर रोड निवासी 44 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई है। उसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि परिजन उसे डिस्चार्ज करा ले गए थे। रैपिड टेस्ट में डेंगू की पुष्टि हुई, जबकि एलाइजा जांच के लिए सैंपल भेज दिया गया था। इधर, सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता का कहना है कि इसकी जानकारी नहीं है। मरीज का डेथ ऑडिट कराने की मांग उन्होंने की है। डेंगू के रोजाना नए मरीज सामने आने से स्वास्थ्य महकमा भी चिंतित है। देहरादून में शुक्रवार को 12 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इस तरह देहरादून में अब तक डेंगू पीडि़तों की संख्या बढ़कर 531 हो गई है। जबकि अन्य जनपदों से 12 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इस तरह राज्य में मरीजों का कुल आंकड़ा बढ़कर 545 तक पहुंच गया है।
खास बात यह कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को डेंगू का ज्यादा डंक लग रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई व अगस्त में अब तक जितने लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है उनमें 353 पुरुष व 192 महिलाएं शामिल हैं।
बता दें, डेंगू के कारण एक महिला की मौत भी कुछ दिन पहले हो चुकी है। कुछ मरीज गंभीर रूप से बीमार हैं। इनका उपचार शहर के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। स्थिति ये कि अस्पतातों में बेड कम पड़ रहे हैं।
अब कोरोनेशन अस्पताल में भी होगी एलाइजा जांच
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के बाद अब कोरोनेशन में भी डेंगू (एलाइजा) की जांच होगी। अस्पताल में एलाइजा रीडर मशीन की खरीद के लिए आवश्यक धनराशि जिलाधिकारी सी रविशंकर ने स्वीकृत कर दी है। मशीन न लगने के कारण यह मामला पिछले काफी वक्त से लंबित था।
जिलाधिकारी ने कहा कि डेंगू की जांच के लिए लैब में जल्द मशीन स्थापित की जाए। साथ ही आपदा को मद्देनजर रखते हुए अस्पतालों में स्टाफ की जो कमी है उसकी पूर्ति के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक को प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं। स्थलीय निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने देखा कि कोरोनेशन व गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए जो वार्ड बनाया गया है, उसमें मच्छरदानी की व्यवस्था नहीं है।
इन पर उन्होंने नाराजगी जताई और अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला को मरीजों के लिए मच्छरदानी की तुरंत व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देख हाकिम भी मैदान में
दून में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम द्वारा बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए अब तक किए सभी इंतजाम नाकाफी साबित हुए हैं। ऐसे में जिलाधिकारी सी रविशंकर को मैदान में उतरना पड़ा। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का अवकाश होने के बाद भी जिलाधिकारी एक्टिव दिखे और दून अस्पताल, गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय व राजकीय कोरोनेशन अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने तीनों अस्पतालों में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती डेंगू पीडि़त मरीजों का हाल जाना। साथ ही अस्पताल प्रबंधन से व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली।आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के लिए समुचित उपचार की सुविधा देने व बेड पर मच्छरदानी लगाने के निर्देश भी उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को दिए हैं। अस्पताल में लैब टेक्नीशियन, फार्मेसिस्ट, नर्सेज व वार्ड ब्वाय के साथ ही उन्होंने ब्लड सैंपल की जांच के लिए एलाइजा रीडर मशीन की भी जानकारी भी ली। ब्लड बैंक में खून व प्लेटलेट्स की उपलब्धता की जानकारी भी अस्पताल प्रबंधन से मांगी है। कहा कि मरीजों को प्लेटलेट्स की कमी नहीं होनी चाहिए। समय रहते हुए ब्लड बैंक में खून व प्लेटलेट्स की व्यवस्था की जाए। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता, दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा व कोरोनेशन अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. बीसी रमोला, डॉ. आरके सिंह, सुभाष जोशी आदि मौजूद रहे। डेंगू की रोकथाम को किए इंतजाम से डीएम नाखुशडेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिलाधिकारी ने कैंप कार्यालय में आपात बैठक बुलाई। बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश उन्होंने दिए। डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर की सक्रियता को कम करने के लिए महकमों द्वारा अब तक किए गए इंतजाम को भी उन्होंने नाकाफी बताया है। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के निर्देश दिए कि लैब में मरीजों के ब्लड सैंपल की की एलाइजा जांच के लिए अतिरिक्त मशीनें खरीदी जाएं। साथ ही प्लेटलेट्स की आपूर्ति के लिए स्वस्थ्य नागरिकों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया जाए। कहा कि रक्तदाताओं का अब ऑनलाइन पंजीकरण भी कराया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पुनीत कार्य में सहयोग कर सकें। डेंगू की रोकथाम करने के लिए लोगों को छोटे-छोटे संदेशों के माध्यम से भी जागरूक किए जाने पर उन्होंने बल दिया। सोशल मीडिया के साथ ही प्रचार के अन्य साधनों जैसे सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्स में पर भी डेंगू से बचाव की जानकारी देने को कहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी उन्होंने निर्देश दिए हैं कि छात्र-छात्राओं को स्कूल में फुल आस्तीन वाली ड्रेस पहनकर आने के लिए कहा जाए। अभिभावकों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। ताकि स्कूल में मच्छर डंक न मार सके। जिलाधिकारी ने एनएसएस, सिविल डिफेंस, एनसीसी कैडेट व रेडक्रास सोसाइटी के स्वयंसेवियों से भी सहयोग लेकर डेंगू की बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। प्लेटलेट्स चढ़ाने की जिद न करें मरीजजिलाधिकारी ने ब्लड बैंक में खून व प्लेटलेट्स के बारे में भी जानकारी हासिल की। कहा कि मरीजों को प्लेटलेट्स की कमी नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने मरीजों से अपील भी की है कि वह प्लेटलेट्स चढ़ाने की जिद स्वयं न करें। चिकित्सक यह निश्चित करेंगे की मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्कयता है या नहीं। डेंगू मरीजों को प्रतिदिन 40 यूनिट ब्लड की दरकारजनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि गुरुवार तक देहरादून में डेंगू के मरीजों की संख्या 531 हो गई थी। इनमें कई मरीजों का उपचार दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, कोरोनेशन अस्पताल व गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में चल रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए गांधी शताब्दी अस्पताल में 24 बेड, संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर में छह, बेड, दून अस्पताल में 34, कोरोनेशन में 9, सीएससी रायपुर, सहसपुर व विकासनगर में दो-दो, सीएचसी डोईवाला में चार और एसडीएस अस्पताल ऋषिकेश में 9 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। बताया कि प्रतिदिन 40 यूनिट ब्लड की आवश्यकता पड़ रही है, जिसकी वर्तमान में मांग सामान्य है। लेकिन, आने वाले दिनों में डिमांड बढ़ सकती है। बताया कि डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों को जानकारी दी जा रही है। नगर निगम द्वारा सभी वार्डों में लगातार फॉगिंग भी की जा रही है। लोगों से अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखने व खाली बर्तनों में पानी एकत्र नहीं होने देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।डेंगू पैकेज-रक्तदान के लिए जिलाधिकारी ने की पहलडेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी के साथ बढ़ रही है प्लेटलेट्स की डिमांड। पर रक्तदान उस मुताबिक नहीं हो रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन ने एक पहल की है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले की वेबसाइट (एनआइसी)पर स्वैच्छिक रक्तदाता अपना पंजीकरण करा सकते हैं। प्लेटलेट्स की आवश्यकता होने पर रक्तदाता को रक्तदान के लिए फोन कर सूचित किया जाएगा।यह भी पढ़ें: डेंगू का डंक: राजधानी में अब तक का आंकड़ा 500 पार Dehradun Newsदरअसल, आपात बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने प्लेटलेट्स की कमी की बात उठाई थी। इस पर जिलाधिकारी ने इसके लिए तत्काल प्रभाव से व्यवस्था करने के निर्देश जिले की एनआइसी टीम को दिए थे। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि जिले की सरकारी वेबसाइट देहरादून डॉट जीओवी डॉट इन पर स्वैच्छिक रक्तदाता पंजीकरण शुरू कर दिया है। यह भी पढ़ें: अब घातक होती जा रही डेंगू की बीमारी, घर-घर मच्छर ढूंढ रहा स्वास्थ्य महकमा Dehradun Newsइस पंजीकरण में रक्तदान करने के इच्छुक व्यक्ति का फोन नंबर और अन्य जानकारियां अपलोड की जाएंगी। क्योंकि,प्लेटलेट्स 48 घंटों तक ही सुरक्षित रहते हैं तो समय आने पर स्वैच्छिक रक्तदाता को फोन कर रक्तदान के लिए बुलाया जाएगा। रक्तदान के बाद अन्य मेडिकल प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद प्लेटलेट्स मरीज को चढ़ाई जाएंगी।यह भी पढ़ें: सरकारी भवनों में मिल रहे डेंगू के लार्वा, 51 नए मरीजों में पुष्टि Dehradun News
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