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उत्तराखंड में वन नेशन वन कार्ड की दिक्कतें दूर करेगी कैबिनेट, मिलेगा सस्ता खाद्यान

वन नेशन वन कार्ड योजना से उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों की 1700 से ज्यादा सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों अब तक जुड़ नहीं पाई हैं।

By Edited By: Updated: Wed, 15 Jul 2020 02:08 PM (IST)
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उत्तराखंड में वन नेशन वन कार्ड की दिक्कतें दूर करेगी कैबिनेट, मिलेगा सस्ता खाद्यान
देहरादून, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार की वन नेशन वन कार्ड योजना से उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों की 1700 से ज्यादा सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों अब तक जुड़ नहीं पाई हैं। इंटरनेट कनेक्टिविटी, छोटी दुकानें और ज्यादा लागत समेत तमाम तकनीकी अड़चनें इन दुकानों के दायरे में आने वाली आबादी को इस राष्ट्रीय योजना का हिस्सा बनने से रोक रही हैं। इन अड़चनों को दूर करने के लिए खाद्य महकमे की ओर से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। 

प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के 13.40 लाख राशनकार्डधारकों यानी 61.94 लाख यूनिटों को राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के तहत जोड़ा जा रहा है। वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत इन कार्डधारकों को उत्तराखंड के साथ अन्य प्रदेशों में भी सरकारी सस्ता खाद्यान्न मिल सकेगा। बीती एक जुलाई से प्रदेश में वन नेशन वन कार्ड योजना लागू की जा चुकी है। इसके तहत पूरे प्रदेश की कुल 9225 राशन की दुकानों में से 7500 को बायोमैट्रिक प्रणाली से जोड़ा जा चुका है। शेष 1725 राशन की दुकानों में ज्यादातर पर्वतीय जिलों में हैं। 
केवल टिहरी जिले में ही करीब एक हजार राशन की दुकानों में बायोमैट्रिक प्रणाली लागू नहीं हुई है। इस वजह से ये दुकानें राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी योजना के लाभ से भी वंचित हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की बड़ी परेशानी है। साथ ही छोटी दुकानें होने से करीब 150-200 लोग ही इनसे जुड़े हैं। इस वजह से बायोमैट्रिक प्रणाली स्थापित करने की लागत ज्यादा बैठ रही है। पर्वतीय क्षेत्रों की आबादी का एक हिस्सा वन नेशन वन कार्ड योजना का अंग नहीं बन सका है। कुल राशन की दुकानों में से 18 फीसद दुकानों को तुरंत बायोमैट्रिक प्रणाली से जोड़ने के लिए अब वैकल्पिक बंदोबस्त पर विचार किया जा रहा है।
खाद्य महकमा तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है। खाद्य सचिव सुशील कुमार के मुताबिक तमाम दिक्कतों को दूर करने के लिए जरूरी प्रविधानों के साथ प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस पर मंत्रिमंडल का अनुमोदन लिया जाएगा। अगले माह अगस्त तक इन सभी सरकारी राशन की दुकानों को वन नेशन वन कार्ड योजना का हिस्सा बना लिया जाएगा।
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