चमोली में बादल फटने से एक महिला की मौत, पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल बहा
चमोली जिले के घाट ब्लॉक के पडेर गांव के तिमदो थोक में बादल फटने की घटना से एक महिला की मौत हो गयी है जबकि एक बच्ची घायल हो गई।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 28 Jul 2020 09:10 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में बारिश ग्रामीण क्षेत्रों में मुसीबत का सबब बनी हुई है। चमोली जिले के विकासखंड घाट के पडेर-बूरा गांव में तिमदो तोक में बादल फटने से हुई तबाही में घर में सो रही एक महिला की मौत हुई है, जबकि 12 वर्षीय किशोरी घायल हो गई। आपदा में 18 मवेशियों की भी मौत हुई है। नाले का मलबा घरों में घुसने से पांच घरों को नुकसान पहुंचा है। वहीं, सीमांत पिथौरागढ़ जिले के धारचूला, बंगापानी तहसील क्षेत्र में सोमवार रात 179. 20 एमएम बारिश हुई। इससे चीन सीमा को जोड़ने वाले जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग में लुमती के पास बीआरओ का मोटर पुल बह गया है। मौरी गांव में चार मकान बह गए हैं।
चमोली जिले में रात भर बारिश होती रही। तड़के 3:30 बजे लगभग पडेर गांव के तिमदो तोक के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटने से बरसाती नाले में पानी के साथ मिट्टी, पत्थर बहकर आए। इस दौरान नाले का रुख मुड़कर बस्ती की ओर आ गया। तिमदो तोक में रघुवीर सिंह का मकान मलबे की चपेट में आ गया। इस दौरान घर मे तीन सदस्य सो रहे थे। जिसमें से 36 वर्षीय देवेश्वरी देवी और 12 वर्षीय किशोरी प्रीता मलबे में दब गए। गृह स्वामी रघुवीर सिंह ने तत्काल रेस्क्यू कर प्रीता को मलबे से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। वह जैसे वापस लौटकर पत्नी देवेश्वरी को मलबे से निकालता तब तक भारी मलबे के नीचे देवेश्वरी दब चुकी थी।
घायल किशोरी को तत्काल इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाट ले जाया गया। बताया गया कि मकान का बड़ा हिस्सा मलबे से क्षतिग्रस्त हो गया। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तत्काल रेस्क्यू शुरू किया तथा इसकी सूचना आपदा कंट्रोल रूम व तहसील प्रशासन को दी। ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर मलबे में दबी देवेश्वरी देवी को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। ग्राम प्रधान पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि बादल फटने के दौरान इतनी तेज आवाज आई, जिससे अन्य ग्रामीण सतर्क होकर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग गए। सूचना के बाद एसडीएम बुसरा अंसारी, नायब तहसीलदार राकेश देवली, पटवारी अनुज बंडवाल, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचे। तब तक राहत एवं बचाव कार्य पूरा हो चुका था।
नायब तहसीलदार राकेश देवली ने बताया कि आपदा से 14 बकरी, दो गाय और दो बैल जिंदा दफन हुए हैं। इसके अलावा पांच भवनों को नुकसान पहुंचा है। अतिवृष्टि के कारण क्षेत्र में 0.601 हेक्टेयर कृषि भूमि को क्षति पहुंची है। राजस्व विभाग क्षति का आंकलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि मृतका के शव का पोस्टमार्टम जिला चिकित्सालय में कराया गया है। बताया गया कि क्षेत्र में मध्य रात्रि दो बजे से भारी बारिश शुरू हुई थी। घाट क्षेत्र में हुई बारिश से नंदाकिनी नदी भी उफान पर है। आपदा प्रभावितों को कंबल, तिरपाल, राशन किट दी गई है। दबे मवेशियों को निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम जुटी है। ऐहतियात के लिए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर रहने को कहा गया है।
पिथौरागढ़ में फिर फटा बादल, चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल बहासीमांत पिथौरागढ़ जिले के धारचूला, बंगापानी तहसील क्षेत्र में सोमवार रात 179. 20 एमएम बारिश हुई। इससे चीन सीमा को जोड़ने वाले जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग में लुमती के पास बीआरओ का मोटर पुल बह गया है। मौरी गांव में चार मकान बह गए हैं। जाराजिबली गांव में जाने वाली चार पुलिया बह गई है। बंगापानी के मेंतली में मलबे में दबकर राधा देवी 45 वर्ष की मौत हुई है। भारी संख्या में जानवर भी मलबे में दबे है।
धारचूला तहसील के ख़ुमती में एक दुकान और चार वाहन बह गए हैं। धारचूला बाजार में मल्लिकार्जुन के पास भूस्खलन हुआ है। काली नदी धारचूला में और गोरी नदी जौलजीबी में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। गोरी नदी बरम में मोटर पुल तक पहुंच चुकी है। लुमती, मौरी, जाराजिबली में लोगों ने घर छोड़ दिए हैं। गोरी नदी घाटी में लुमती से आगे का संपर्क कट गया है। बताया जा रहा है कि 100 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से सम्पर्क कट गया है। बंगापानी में तहसील भवन की भूमि बह गई है।
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