Uttarakhand News: एक साल पहले त्रिशूल चोटी पर एवलांच का शिकार हुए थे नौसेना के पर्वतारोही, आज तक दो लापता
Avalanche in Uttarakhand एक साल पहले त्रिशूल चोटी की चढ़ाई के दौरान नौसेना के पर्वतारोही एवलांच की चपेट में आ गए थे। रेस्क्यू में नौसेना के 4 पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए थे। नौसेना का एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 04 Oct 2022 06:46 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Avalanche in Uttarakhand पर्वतारोहण जितना रोमांच भरा होता है, यह उतना ही जोखिम भरा भी होता है। आज से करीब एक साल पहले उत्तराखंड के त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान एवलांच की चपेट में आने से नौसेना के पांच और एक पोर्टर लापता हो गए थे। रेस्क्यू के दौरान नौसेना के पांच पर्वतारोहियों में से चार के शव बरामद कर लिए गए थे। नौसेना का एक पर्वतारोही और पोर्टर अभी भी लापता है।
पर्वतारोही दल निकाला था माउंट त्रिशूल अभियान पर
वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष के तहत नौसेना के पर्वतारोही माउंट त्रिशूल अभियान पर निकले थे। 3 सितंबर 2021 को मुंबई से नौसेना का 20 सदस्यीय दल त्रिशूल पर्वत की चोटी आरोहण करने को रवाना हुआ था।
30 सितंबर 2021 को कैंप से आगे बढ़े थे 10 पर्वतारोही
7120 मीटर ऊंची त्रिशूल पर्वत की चोटी उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद में है। 30 सितंबर 2021 को छह हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप-3 से नौसेना के 10 पर्वतारोही आगे बढ़े थे।
एक अक्टूबर 2021 की सुबह आया था एवलांच
एक अक्टूबर 2021 की सुबह करीब 6700 मीटर की ऊंचाई पर दल के 5 सदस्य और एक पोर्टर एवलांच की चपेट में आ गए थे। इस पर बाकी सदस्यों ने अभियान रोक दिया था और वापस कैंप में लौट आए थे।रेस्क्यू आपरेशन में जुटी थी कई टीमें
लापता सदस्यों की खोजबीन के लिए एक अक्टूबर 2021 शुक्रवार दोपहर बाद से रेस्क्यू अपरेशन चलया गया था। इस रेस्क्यू आपरेशन को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास), वायुसेना, थलसेना और एसडीआरएफ संयुक्त रूप से चलाया था।
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