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ओएनजीसी ने जमा कराया 1.60 करोड़ रुपये भवन कर Dehradun News

नगर निगम के भवन कर के खजाने में दो करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। इसमें ओएनजीसी की ओर से 1.60 करोड़ रुपये का भवन कर जमा किया गया।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 10 Jan 2020 12:12 PM (IST)
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ओएनजीसी ने जमा कराया 1.60 करोड़ रुपये भवन कर Dehradun News
देहरादून, जेएनएन। नगर निगम के भवन कर के खजाने में दो करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। यह इस वित्तीय वर्ष में अब तक पहली मर्तबा हुआ है, जब निगम के खजाने में 50 लाख से ज्यादा एक दिन में जमा हुए हों। निगम अधिकारियों ने बताया कि ओएनजीसी की ओर से 1.60 करोड़ रुपये का भवन कर जमा किया गया। बाकी 40 लाख रुपये निगम के काउंटर पर अन्य लोगों का भवन कर जमा हुआ। 

भवन कर में वसूली को लेकर इन दिनों नगर निगम में भीड़ लगी हुई है। दरअसल, बड़ी संख्या में लोग शुरुआती दिनों में कर जमा नहीं कराते और आखिरी दिनों में दौड़ लगाते हैं। नगर निगम की ओर से शुरुआती नौ माह तक भवन कर की राशि में लगभग बीस फीसद छूट दी जाती है। 

इस दफा यह समय-सीमा पंद्रह दिन बढ़ाकर 15 जनवरी कर दी गई। अब चूंकि 15 जनवरी आने में बेहद कम समय रह गया है, लिहाजा लोगों को भवन कर जमा कराने की याद आ गई। लोगों की भीड़ को देखते हुए नगर निगम में तीन अतिरिक्त काउंटर भी लगाए गए हैं, पर ये भी नाकाफी साबित हो रहे। 

नगर निगम ने भवन कर को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा भी दी हुई है, लेकिन लोग अब भी व्यक्तिगत तरीके से निगम दफ्तर पहुंच भवन कर जमा करने को तरजीह दे रहे। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि पंद्रह जनवरी के बाद बीस फीसद छूट बंद कर दी जाएगी। इसके बाद निगम वार्डों में भवन कर वसूली के कैंप लगाएगा, मगर उनमें भी छूट नहीं दी जाएगी। यही नहीं जो बड़े बकाएदार हैं, उनकी सूची भी तैयार की जा रही है।

बिल्डर को चुकाने होंगे निवेशक के 21 लाख

उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने जीआर रियलकॉन प्रा.लि. को निवेशक के 21 लाख रुपये लौटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही चेक बाउंस होने पर बिल्डर पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।।

अखिलेश चंद्र भट्ट ने सहस्रधारा रोड स्थित आइटी पार्क के पास जीआर रियलकॅान प्रा. लि. की परियोजना में फ्लैट बुक कराया था। बुकिंग के बाद निवेशक ने बिल्डर को 30 लाख रुपये का भुगतान किया था। इसके बाद भी जब भट्ट को न तो समय पर फ्लैट दिया गया, न ही राशि ही लौटाई गई तो उन्होंने रेरा में शिकायत दर्ज कराई।

प्रकरण में की गई सुनवाई में सहमति बनी कि बिल्डर निवेशक को पूरी राशि का भुगतान करेगा। इस क्रम में बिल्डर ने निवेशक को पांच चेक दिए थे। जिसमें से नौ लाख रुपये के दो चेक कैश हो गए, जबकि शेष बाउंस हो गए।

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रेरा अध्यक्षता ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक माह के भीतर पूरा भुगतान करने को कहा है। यदि तय समय के भीतर रकम नहीं लौटाई जाती है तो बिल्डर के खिलाफ अन्य तरह की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

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