साथ में आनलाइन सेवा उपलब्ध कराने वाली रैपिडो और एंबुलेंस व तिपहिया वाहन उपलब्ध कराने वाली हिटो हिट सोल्यूशन, हल्द्वानी को एग्रीगेटर लाइसेंस देने पर पर मुहर लगाई है। साथ ही प्राधिकरण ने परमिटधारक की मृत्यु अथवा वाहन खराब होने के कारण संचालन न होने की स्थिति में विलंब शुल्क माफ करने का निर्णय लिया है।
मंगलवार को परिवहन मुख्यालय में परिवहन आयुक्त बीके संत की अध्यक्षता में राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक हुई। बैठक में टैक्सी आन डिमांड के तहत एग्रीगेटर के चार प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए गए। इसका विभिन्न वाहन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने विरोध किया।
प्राधिकरण अध्यक्ष ने यात्रियों की सुविधाओं का हवाला देते हुए इन सभी आवेदनों को मंजूरी दी। इनमें हीटो-हिट ने शुरुआत में 500 तिपहिया और 200 एंबुलेंस चलाने का प्रस्ताव दिया है। भविष्य में इसका दायरा बढ़ाने की बात कही गई है। बैठक में रूपकुंड पर्यटन विकास समिति और रोपन ट्रांसपोर्टेशन के एग्रीगेटर के रूप में शामिल करने के आवेदनों को स्वीकार किया गया।
इसे भी पढ़ें- उत्तराखंड में बिजली उपभाेक्ताओं के काम की खबर, जल्द बढ़ सकते हैं टैरिफ
वाहनों से 20 प्रतिशत से अधिक कमीशन नहीं ले पाएंगे एग्रीगेटर
राज्य परिवहन प्राधिकरण सचिव एवं परिवहन संयुक्त आयुक्त एसके सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में आनलाइन बुकिंग के आधार पर संचालित होने वाले वाहनों को नियमों के दायरे में रहकर ही अपने वाहनों का संचालन करना होगा।
आनलाइन बुकिंग कर वाहन उपलब्ध कराने वाली कंपनी (एग्रीगेटर) 20 प्रतिशत से अधिक कमीशन नहीं ले सकेंगी। साथ ही प्राइवेट नंबर के दोपहिया वाहन इसमें नहीं संचालित किए जा सकेंगे। इनके लिए जल्द ही ड्रेस कोड पर निर्णय लिया जाएगा।
किराया बढ़ोत्तरी पर नहीं हुआ फैसला
एसटीए की बैठक में व्यावसायिक वाहनों के किराये की बढ़ोत्तरी का विषय भी उठाया गया। बताया गया कि इस संबंध में गठित समिति की रिपोर्ट एसटीए को नहीं मिल पाई है। इस पर एसटीए अध्यक्ष ने इस विषय को आगामी बैठक में रखने के निर्देश दिए।
वाहनों की माडल सीमा निर्धारण रिपोर्ट में होगा संशोधन
बैठक में राज्य के मैदानी व पर्वतीय मार्गों पर चल रहे स्टेज कैरिज, ठेका बस, मैक्सी, टैक्सी, तिपहिया वाहन एवं निजी सेवायान के परमिट पर संचालित वाहनों की माडल सीमा निर्धारित करने संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। बताया गया कि विभागीय समिति ने रिपोर्ट में स्टेज कैरिज मैदानी मार्गों में वाहनों की माडल सीमा 18 वर्ष और पर्वतीय मार्गों पर 15 वर्ष तय की है।
इसी प्रकार कांटेक्ट कैरिज वाहनों के लिए माडल सीमा 10 वर्ष और ग्रामीण क्षेत्र में 12 वर्ष प्रस्तावित की गई है। इसी प्रकार निजी व्यावसायिक वाहनों की माडल सीमा मैदानी मार्ग के लिए 18 और मैदानी मार्ग के लिए 15 वर्ष प्रस्तावित है। बैठक में यह कहा गया कि प्रस्ताव में वाहनों के क्षेत्र को लेकर स्पष्टता नहीं है। ऐसे में समिति को इसमें संशोधन के लिए यह प्रस्ताव वापस भेजा जाए।
आइएसबीटी बस अड्डा घोषित, शुल्क पर आवास विभाग लेगा फैसला
प्राधिकरण ने आइएसबीटी को बस अड्डा घोषित कर दिया है। अभी तक यह अड्डे के रूप में संचालित हो रहा था, लेकिन नियमानुसार बस अड्डा नहीं बना था। किसी भी स्थान को बस अड्डा घोषित करने के लिए परिवहन प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है। जो अभी तक नहीं ली गई थी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब अड्डे के रखरखाव, पार्किंग व प्रवेश शुल्क के संबंध में आवास सचिव फैसला करेंगे।
बैठक में यह विषय आइएसबीटी में लिए जाने वाले शुल्क को लेकर आया था। पहले आइएसबीटी से संचालित होने वाले वाहनों से 20 रुपये प्रति फेरा शुल्क लिया जाता था। वर्ष 2023 में एमडीडीए द्वारा आइएसबीटी का अधिग्रहण करने के बाद यह राशि बढ़ाकर 120 रुपये कर दी गई थी।इसे लेकर मोटर ओनर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने इस पर परिवहन सचिव को इस पर निर्णय लेने को कहा। परिवहन सचिव ने बढ़े हुए शुल्क पर रोक लगाते हुए इस पर निर्णय लेने के लिए एसटीए को निर्देश दिए। बैठक में पक्षकारों को सुनने के बाद यह निर्णय लिया गया कि यह विषय शहरी विकास सचिव को सौंप दिया जाए। वही इस पर निर्णय ले सकेंगे।
दून से पौंटा के बीच हो सकेगा बसों का संचालन
जल्द ही देहरादून से पौंटा साहिब के बीच बसों का संचालन किया जा सकेगा। एसटीए ने इसके लिए सशर्त मंजूरी प्रदान कर दी है। यह कहा गया कि इसके लिए पक्षकारों को हिमाचल प्रदेश के राज्य परिवहन प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त करनी होगी। इसके बाद ही इस मार्ग पर बसों का संचालन हो पाएगा।
राजमार्ग में बसों के संचालन को बनेगी नियमावली
बैठक में देहरादून-मसूरी, देहरादून-हरिद्वार और देहरादून-ऋषिकेश के बीच निजी वाहन स्वामियों को परमिट देने का विषय भी आया। यह बताया गया कि अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी वाहन संचालक वाहन संचालन कर सकते हैं। इसके लिए इनमें 15-15 वाहनों की सीमा तय की गई है।
इसे भी पढ़ें-देवभूूमि में बारिश थमते ही चारधाम यात्रा ने फिर पकड़ा जोर, इस साल अब तक 37.91 लाख यात्री कर चुके हैं दर्शन
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इन तीनों मार्गों के अलावा पौड़ी, श्रीनगर, जोशीमठ, कर्णप्रयाग व रुद्रप्रयाग से भी वाहनों का संचालन देहरादून तक संचालन किया जा सकता है। मार्गों में सीमित संख्या में ही परमिट दिए जाने हैं। ऐसे में इसके लिए नियमावली बनाई जाए ताकि किसी एक कंपनी अथवा एजेंसी को ही इसका लाभ न मिल सके। नियमावली बनने के बाद अंतर संभागीय मार्गों पर संभागीय परिवहन प्राधिकरण फैसला लेगी।
सीएनजी मैजिक व ड्रेस कोड का रखा विषय
राज्य परिवहन प्राधिकरण सदस्य चंद्रशेखर जोशी ने बैठक में मैजिक वाहनों को पेट्रोल के साथ ही सीएनजी के लिए भी अनुमति देने और सभी व्यावसायिक वाहनों में एक समान वर्दी का विषय उठाया। इस पर एसटीए ने अपनी सहमति जताई।