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नगर निगम की ऑनलाइन टैक्स जमा कराने की व्यवस्था पहले दिन ध्वस्त

गुजरे तीन साल से हाउस टैक्स को ऑनलाइन करने की नगर निगम की कसरत पहले ही दिन धवस्त हो गई। सुबह से ही निगम की हाउस टैक्स की वेबसाइट ठप रही।

By BhanuEdited By: Updated: Tue, 23 Apr 2019 12:32 PM (IST)
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नगर निगम की ऑनलाइन टैक्स जमा कराने की व्यवस्था पहले दिन ध्वस्त
देहरादून, जेएनएन। गुजरे तीन साल से हाउस टैक्स को ऑनलाइन करने की नगर निगम की कसरत पहले ही दिन धवस्त हो गई। निगम ने दावा किया था कि सोमवार से लोग अपने घर बैठे-बैठे हाउस टैक्स ऑनलाइन जमा कर सकेंगे, लेकिन सुबह से ही निगम की हाउस टैक्स की वेबसाइट ठप रही। दोपहर तक लोग कोशिश करते रहे, लेकिन साइट सुचारु नहीं हुई। 

दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे साइट ने काम करना शुरू किया, मगर बार-बार हैंग होती रही। इस कारण किसी भी व्यक्ति का टैक्स पहले दिन ऑनलाइन जमा नहीं हो सका। हालांकि, निगम दफ्तर पहुंचकर लोगों ने लाइन में खड़े होकर पूरा दिन टैक्स जरूर जमा कराया। 

स्मार्ट सिटी के तहत जन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी को लेकर नगर निगम तमाम दावे तो कर रहा, लेकिन धरातल पर सफल कोई नहीं हो रहा। पिछले तीन साल हाउस टैक्स ऑनलाइन सेवा से जोडऩे की कवायद चल रही है, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़चन आ जाती है। 

ताजा प्रकरण ऑनलाइन टैक्स का है, जिसे सोमवार से नगर निगम जनता के लिए लागू करने का दावा कर रहा था। सुबह से लोग ऑनलाइन टैक्स जमा कराने की तैयारी में थे लेकिन इसकी साइट खुली ही नहीं। लोगों के फोन नगर निगम दफ्तर में घनघनाते रहे लेकिन साइट तब भी नहीं चली। 

इसके बाद लोग पहले की तरह ही नगर निगम में टैक्स जमा कराने पहुंचे और तपती धूप में कतार में लगकर हाउस टैक्स जमा कराया। वहां एक ही काउंटर चलने के कारण कई बार हंगामा भी हुआ और लोगों ने निगमकर्मियों को काफी खरीखोटी सुनाई। 

शाम तक 92 लोगों ने पहले की तरह कतार में लगकर टैक्स जमा कराया। वहीं, निगम के टैक्स अनुभाग अधीक्षक विनय प्रताप ने बताया कि ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में कुछ तकनीकी दिक्कत आने की वजह से दोपहर तक साइट नहीं चली। इस वजह से एक भी टैक्स ऑनलाइन जमा नहीं हुआ। प्रयास है कि यह सेवा सुचारु चले। 

धूप में तपते रहे बुजुर्ग, नहीं कोई जनसुविधा की व्यवस्था

ऑनलाइन टैक्स व्यवस्था तो बाद में शुरू करते लेकिन पहले वहां तो व्यवस्था सुधार लेते, जहां सालों से हाउस टैक्स जमा होता आ रहा है। तपती धूप में टैक्स जमा कराने पहुंचे कतार में खड़े बुजुर्ग यही दुखड़ा सुना रहे थे। निगम ने टैक्स अनुभाग नई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया और हाउस टैक्स जमा कराने के लिए खिड़की पर सिर्फ दो काउंटर बनाए हैं। 

इनमें भी महज एक काउंटर काम कर रहा था। जिस वजह से पूरा दिन वहां कतार लगी रही। न तो कतार में खड़े लोगों के सिर को ढकने के लिए कोई छांव थी, न टीन-शेड, जबकि महापौर एक हफ्ते पहले ही वहां टीन-शेड बनाने के आदेश दे चुके हैं। न शौचालय न ही पेयजल की कोई व्यवस्था। 

बुजुर्गों समेत महिलाओं को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। ये सभी यही दोहरा रहे थे कि बेहतर सेवा देना अच्छी बात है लेकिन नई सेवा सुचारु करने के बजाए पुरानी सेवा दुरुस्त करते तो ज्यादा बेहतर होता। 

सड़कों की सफाई को पहुंची जटायु

शहर में सड़कों पर पत्तों की सफाई के लिए नगर निगम ने दो जटायु मशीनें खरीदी हैं। लंबे समय से इन मशीनों की खरीद को लेकर निगम प्रयास कर रहा था। अभी तक केवल ऋषिकेश नगर निगम के पास मशीन थी। ये मशीन पत्तों को वक्यूम-क्लीनर की तर्ज पर अंदर खींच लेती है। एक मशीन की कीमत करीब साढ़े सात लाख रुपये बताई जा रही। निगम शहर की मुख्य सड़कों पर इन मशीनों से सफाई करेगा। 

नगर निगम के सामुदायिक भवन पर कब्जे का प्रयास

शहर के बीचोंबीच आर्यनगर में नगर निगम की ओर से प्रस्तावित सामुदायिक भवन की भूमि पर सोमवार को कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया। यह लोग बिजली-पानी का बिल भी दिखाने लगे, जबकि वहां कनेक्शन भी नहीं थे। इस पर स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो दोनों पक्षों में विवाद हो गया व जमकर हंगामा हुआ। बाद में पुलिस के साथ नगर निगम की टीम वहां पहुंची व दस्तावेजों की जांच के बाद अवैध कब्जा हटाया। महापौर सुनील उनियाल गामा ने कब्जा करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। 

मामला आर्यनगर वार्ड नंबर-नौ का है। यहां नगर निगम की ओर से अपनी जमीन भीमराव आंबेडकर सामुदायिक भवन बनाने के लिए आरक्षित की हुई है। भूमि पर एक खंडहर भी है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि एक सरकारी विभाग में तैनात अधिकारी ने कुछ जनप्रतिनिधियों की मदद से भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया। 

उसने वहां खंडहर में अपने माता-पिता को बैठाकर दावा करने लगा कि ये जमीन उसकी है। आरोप है कि उसने फर्जी तरीके से रविवार रात ही जमीन पर बिजली मीटर भी लगा लिया व पानी के बिल भी दिखाने लगा। यही नहीं जब क्षेत्र के पार्षद योगेश योगी ने उसे रोकना चाहा तो वह पार्षद से भिड़ गया व गाली-गलौज की। 

पार्षद ने महापौर सुनील उनियाल गामा व विधायक गणेश जोशी को फोन पर कब्जे की जानकारी दी। जिस पर विधायक जोशी ने सिटी मजिस्ट्रेट को फोन किया और फिर तहसीलदार, नगर निगम व पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जांच के बाद उक्त जमीन नगर निगम की पाई गई और आरोपी पक्ष का कब्जा हटाया गया। 

नगर निगम के पटवारी राजेंद्र उनियाल व इंस्पेक्टर नेपाल सिंह ने पुलिस की मौजूदगी में उक्त जमीन की तालेबंदी की। इस दौरान बबीता सहोत्रा आनंद समेत पार्षद भूपेंद्र कठैत और संजय नौटियाल समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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