उत्तराखंड के अशासकीय शिक्षकों को प्रोन्नति का अवसर, जानिए कितने प्राध्यापकों को मिलेगा लाभ
18 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को प्रोन्नति का अवसर दिया है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र भेजकर प्रोन्नति नियम के तहत आने वाले प्राध्यापकों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन करने के आदेश दिए हैं।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 01 Dec 2020 08:43 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेशभर के 18 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को प्रोन्नति का अवसर दिया है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र भेजकर प्रोन्नति नियम के तहत आने वाले प्राध्यापकों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन करने के आदेश दिए हैं। सरकार के इस निर्णय से कम से कम तीन सौ से अधिक प्राध्यापकों को प्रोन्नति के साथ अपग्रेड वेतनमान के साथ आर्थिक लाभ भी होगा।
प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विनियम 2018 को पूर्ण रूप से अंगीकृत कर लिया है, जिसके अंतर्गत सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को लाभ मिलेगा। उच्च शिक्षा निदेशक ने समस्त प्राचार्यों को इस आशय का पत्र भेजा है, जिसमें कॅरियर प्रोन्नति योजना (सीएएस) के तहत अपने संस्थान के पात्र प्राध्यापकों से प्रपत्र भरवाने के कहा गया है। इस महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक, एसोसिएट प्राध्यापकों को प्राध्यापक पद पर प्रोन्नति का अवसर मिल रहा है।
प्रोन्नति से शिक्षकों को अपग्रेड वेतनमान का लाभ भी मिलेगा। देहरादून में डीएवी, डीबीएस, श्रीगुरु राम राय पीजी कॉलेज, एमकेपी पीजी कॉलेज, डब्ल्यूआइटी पांच महाविद्यालय हैं, जिसके शिक्षक कॅरियर प्रोन्नति योजना के लाभार्थी होंगे। श्रीगुरु राम राय पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो.वीए बोड़ाई ने उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी की ओर से करियर प्रोन्नति योजना संबंधी पत्र मिलने की पुष्टि की। बताया कि उनके कॉलेज में करीब आठ शिक्षकों को इसका लाभ होगा। उन्होंने बताया कि यह कदम उच्च शिक्षा निदेशालय का स्वागत योग्य है।
उच्च शिक्षा निदेशक(हल्द्वानी) प्रो. कुमकुम रौतेला ने बताया कि करियर प्रोन्नति योजना के लाभार्थी शिक्षकों को निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र भरकर उनकी तीन प्रतियां संबंधित कॉलेज के प्राचार्य के पास जमा करनी होगी। प्राचार्य प्राप्त आवेदनों की जांच कर प्राप्त आवेदनों की दो-दो प्रतियां उच्च शिक्षा निदेशालय प्रेषित करनी होगी।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में प्री-प्राइमरी स्कूलों को जल्द मिलेगी ऑनलाइन एनओसी, पढ़िए पूरी खबर
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