राज्य कर्मियों को सातवें वेतन के एरियर भुगतान के आदेश
सरकार ने राज्य कर्मियों को दीपावली से पहले सौगात दी। सातवें वेतन के बकाया एरियर का पचास फीसद राज्य कर्मियों को देने के शासनादेश जारी हो गए हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: त्योहारी सीजन में कर्मचारियों को खुश करने का मौका सरकार चूकना नहीं चाहती। तकरीबन पौने दो लाख राजकीय कार्मिकों को दीपावली के मौके पर ही सातवें वेतनमान के बकाया एरियर का 50 फीसद यानी एक जनवरी, 2016 से 30 जून, 2016 तक अवधि का एरियर भुगतान के आदेश मंगलवार को वित्त प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने जारी कर दिए। उधर, सरकार ने उरेडा कार्मिकों को सातवां वेतन देने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही उरेडा के सीधी भर्ती के पदों को फ्रीज करते हुए चयन की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है।
राज्य मंत्रिमंडल की बीती 28 सितंबर की बैठक में राज्य कर्मचारियों सातवें वेतनमान का 50 फीसद एरियर के भुगतान का निर्णय लिया गया था। इस फैसले पर अमल करते हुए मंगलवार को जारी शासनादेश में कहा गया है कि एक जनवरी, 2016 से 30 जून, 2016 तक अवधि के अवशेष वेतन-भत्तों का भुगतान चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में और एक जुलाई, 2016 से 31 दिसंबर, 2016 तक अवधि के अवशेष वेतन-भत्ते का भुगतान अगले वित्तीय वर्ष 2018-19 में किया जाएगा।
एरियर को कार्मिकों के भविष्य निर्वाह निधि (जीपीएफ) खाते में जमा किया जाएगा। ऐसे कार्मिक जिनका जीपीएफ खाता न खुला हो, उन्हें एरियर का नकद भुगतान होगा।
नई पेंशन योजना के दायरे में आने वाले कार्मिकों को देय एरियर की धनराशि का 10 फीसद उनके टियर-एक खाते में जमा की जाएगी। शेष धनराशि का नकद भुगतान होगा। शासनादेश में कहा गया कि एक जनवरी, 2016 से 31 दिसंबर, 2016 के बीच सेवानिवृत्त या मृत कार्मिकों एवं अन्य कारणों से सेवामुक्त हुए कार्मिकों को उक्त अवधि के एरियर का भुगतान आयकर कटौती करते हुए किया जाएगा।
एरियर देने से सरकारी खजाने पर करीब 550 करोड़ का भार पड़ेगा। वर्ष 2005 के बाद नई पेंशन योजना के दायरे में आने वाले तकरीबन 50 हजार से ज्यादा कार्मिकों को करीब 200 करोड़ एरियर का नगद भुगतान होगा। जीपीएफ खातों में किया जाएगा।
उधर, ऊर्जा सचिव राधिका झा ने उरेडा कार्मिकों को सातवां वेतनमान देने के आदेश मंगलवार को जारी किए। उरेडा को अवशेष वेतन-भत्ते एवं एरियर के भुगतान के लिए अलग से आदेश होंगे। शासन ने नया वेतनमान देने के आदेश के साथ ही सीधी भर्ती के पदों पर चयन प्रक्रिया रोकने के आदेश भी दिए हैं। ऐसे पदों पर चयन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले शासन की अनुमति लेनी होगी। भविष्य में उरेडा के अधीन स्वीकृत पदों की परिधि में ही आउटसोर्स से कार्मिकों की तैनाती की जाएगी।
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