चकराता वन प्रभाग में पेड़ों के अवैध कटान को जांच के आदेश
चकराता वन प्रभाग के आरक्षित जंगलों में वृक्षों के अवैध कटान मामले में सूबे के काबिना मंत्री ने वन संरक्षक यमुना वृत्त को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री ने चकराता क्षेत्र के जंगलों में पेड़ों के अवैध कटान की शिकायत को गंभीरता से लिया है।
By Edited By: Updated: Wed, 21 Apr 2021 01:46 AM (IST)
संवाद सूत्र, चकराता: चकराता वन प्रभाग के आरक्षित जंगलों में वृक्षों के अवैध कटान मामले में सूबे के काबिना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने वन संरक्षक यमुना वृत्त को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री ने चकराता क्षेत्र के जंगलों में पेड़ों के अवैध कटान की शिकायत को गंभीरता से लिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि लकड़ी तस्कर जंगलों को साफ कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे भविष्य में बड़ी समस्या खड़ी हो गई। तस्करों की सक्रियता बढ़ने से जंगल खाली होते जा रहे हैं।
जौनसार-बावर के चकराता वन प्रभाग से जुड़े कनासर और रिखनाड़ क्षेत्र के आरक्षित जंगलों में हो रहे वृक्षों के अवैध कटान की रोकथाम को खारसी निवासी भाजपा जनजाति मोर्चा के प्रदेश संयोजक श्याम सिंह चौहान ने काबिना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को पत्र प्रेषित कर कार्रवाई की मांग की है। शिकायती पत्र में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से चकराता वन क्षेत्र के कुडोग, खंडबा, कोटी-कनासर, रिखनाड़ समेत आसपास के जंगलों में देवदार और चीड़ के हरे पेड़ों का अवैध कटान किया जा रहा है।
क्षेत्र में सक्रिय लकड़ी तस्कर जंगलों से वृक्षों का कटान कर उसे रातों-रात ठिकाने लगा रहे हैं। इससे भविष्य में मानव समाज और जीव-जंतुओं को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ेगा, जिससे निपटना काफी मुश्किल होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि जंगलों की सुरक्षा को तैनात वन कर्मी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे। वन विभाग की उदासीनता व निष्क्रियता से तस्कर जंगलों को साफ कर रहे हैं। प्रदेश संयोजक ने नाप खेतों में दी जा रही वृक्षों के कटान की अनुमति मिलने की आड़ में जंगलों से चोरी-छुपे हो रहे पेडों के अवैध कटान मामले में वन विभाग की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।
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