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उत्‍तराखंड में 4910 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश जारी

सरकार ने प्रवक्ता व एलटी के पहले विज्ञापित करीब 4910 पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 01 Feb 2020 10:04 AM (IST)
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उत्‍तराखंड में 4910 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश जारी
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति को लेकर अतिथि शिक्षकों का इंतजार खत्म हुआ। सरकार ने प्रवक्ता व एलटी के पहले विज्ञापित करीब 4910 पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। साथ में एलटी से प्रवक्ता पद पर पदोन्नति के 1949 पदों के बंद पड़े लिफाफे को खुलवाने के लिए हाईकोर्ट में पैरवी करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट बीती 14 जनवरी को आदेश जारी कर प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में प्रवक्ता व एलटी शिक्षकों के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती को हरी झंडी दिखा चुका है। दरअसल, कोर्ट में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को चुनौती देने से पहले शिक्षा महकमे की ओर से एलटी के 834 और प्रवक्ता के 4076 पदों पर तैनाती के लिए अतिथि शिक्षकों के चयन की कार्यवाही पूरी कर चुका था। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर पदस्थापना करने के आदेश दिए हैं। साथ में अतिरिक्त पद उपलब्ध होने पर वर्ष 2015 में अनुबंधित अतिथि शिक्षकों को भी नियुक्त किए जाने पर अनापत्ति दी है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने शुक्रवार को अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने के आदेश शिक्षा निदेशक को जारी किए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में प्रवक्ताओं और एलटी के करीब सात हजार पद रिक्त हैं। अब इन रिक्त पदों पर भी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति मुमकिन होगी। हालांकि शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि उक्त व्यवस्था नितांत अस्थायी होगी। नियमित नियुक्ति होने पर अस्थायी व्यवस्था खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी। भविष्य में अतिथि शिक्षक किसी प्रकार के लाभ की मांग नहीं कर सकेंगे।

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इस आदेश से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नत 1949 शिक्षकों का मामला भी जल्द हल होने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नत उक्त शिक्षकों के मामले को पुनर्विचार को हाईकोर्ट में रखने के निर्देश भी दिए थे। राज्य लोक सेवा आयोग से पदोन्नत किए गए उक्त प्रवक्ताओं की पदोन्नति का मामला लिफाफे में बंद है। शासन ने निदेशक को हाईकोर्ट में सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता उच्च न्यायालय को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

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