Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाओं का अध्यादेश मंजूर

राजभवन ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी। तमाम स्तर पर उठते विरोध के सुरों को देखते हुए अध्यादेश में नया प्रावधान भी जोड़ा गया है।

By Edited By: Updated: Fri, 06 Sep 2019 07:28 AM (IST)
Hero Image
उत्‍तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाओं का अध्यादेश मंजूर
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्रियों का सियासी रुआब आखिरकार रंग ले आया। राजभवन ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी। तमाम स्तर पर उठते विरोध के सुरों को देखते हुए अध्यादेश में नया प्रावधान भी जोड़ा गया है। अभी तक के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को ही सुविधा मिल सकेंगी। भविष्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये सुविधाएं नहीं दी जाएंगी।

हाईकोर्ट की सख्त हिदायत और आदेश को दरकिनार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास, चालक समेत मुफ्त वाहन, इच्छित सुविधाएं अध्यादेश के जरिए दिए जाने की तोड़ सरकार ने ढूंढ निकाली। पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास समेत अन्य सुख-सुविधाओं के संबंध में अध्यादेश को बीती 13 अगस्त को राज्य मंत्रिमंडल ने गुपचुप तरीके से मंजूरी दी थी। यह जानकारी सार्वजनिक होने के बाद विभिन्न स्तरों पर विरोध के सुर फूटे हैं। इसे देखते हुए मंत्रिमंडल से मंजूर उक्त अध्यादेश को हफ्तेभर बाद राजभवन भेजा जा सका।

राजभवन ने भी इस अध्यादेश को मंजूरी देने में 15 दिन से ज्यादा वक्त लिया। गुरुवार को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद उक्त अध्यादेश सरकार को मिल गया। राज्यपाल की मुहर के बाद अध्यादेश भी अस्तित्व में आ गया है। इस अध्यादेश में नया प्रावधान भी जोड़ा गया है। इस अध्यादेश के तहत सुविधाएं अब तक के पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिल सकेंगी। भविष्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए सुविधाओं पर रोक लगाई गई है। 

यह भी पढ़ें: अभाविप ने लिंगदोह सिफारिशों की उड़ाई धज्जियां Dehradun News

पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं: 

  • सरकारी किराया दर पर आवास 
  • चालक समेत मुफ्त वाहन 
  • मिलेगा ओएसडी या पीआरओ 
  • सुरक्षा गार्ड 
  • टेलीफोन व अन्य सुविधाएं 
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 15 सितंबर को घोषित हो सकता है पंचायत चुनाव का कार्यक्रम

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।