उत्तराखंड में गंगा किनारे की 42 ग्राम पंचायतों में होगी जैविक कृषि, पढ़िए पूरी खबर
गंगा किनारे की 42 ग्राम पंचायतों में केंद्र की परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए राज्य का कृषि महकमा कार्ययोजना तैयार करने में जुटा है।
By Edited By: Updated: Sat, 20 Apr 2019 01:51 PM (IST)
देहरादून, केदार दत्त। राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता के लिए संचालित नमामि गंगे परियोजना अब गंगा किनारे बसे गांवों में खेती की तस्वीर भी बदलने जा रही है। वहां खेती में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं होगा, ताकि भूमि में मौजूद जहरीले तत्व गंगा जल में न जाने पाएं। इस कड़ी में 'स्वच्छता एक्शन प्लान: नमामि गंगे क्लीन अभियान' के तहत देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी 42 ग्राम पंचायतें चयनित की गई हैं, जिनमें केंद्र की परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए राज्य का कृषि महकमा कार्ययोजना तैयार करने में जुटा हुआ है।
उत्तराखंड के लिहाज से यह योजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि गंगा का उद्गम स्थल इसी राज्य में है। गोमुख से लेकर हरिद्वार तक राज्य की सीमा में गंगा किनारे कई गांव बसे हैं। वहां भी खेती में अधिक पैदावार के लिए रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग होता है, जिससे भूमि व फसलें दोनों ही जहरीली हो रही हैं। इस सबको देखते हुए ही 'स्वच्छता एक्शन प्लान : नमामि गंगे क्लीन अभियान' के तहत गंगा किनारे के गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा देने का निश्चय किया गया है।
जैविक कृषि से जहां भूमि जहरीली नहीं होगी, वहीं रासायनिक उर्वरकों के रूप में जहरीले तत्व वर्षाकाल में गंगा में जाने से बच सकेंगे। नमामि गंगे परियोजना में गंगा किनारे के गांव चयनित कर वहां परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना है। उत्तराखंड में भी इसमें पांच जिलों के गंगा किनारे बसी 42 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इनमें उत्तरकाशी जिले की सबसे अधिक 15 ग्राम पंचायतें शामिल हैं।
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक प्रत्येक ग्राम पंचायत को जैविक कृषि के लिहाज से एक क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। एक क्लस्टर के तहत 50 एकड़ से लेकर 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल अथवा कम से कम 50 कृषकों को शामिल किया जाना है। उत्तराखंड में 42 ग्राम पंचायतें इस योजना में चयनित की गई हैं। इन्हें भी 42 क्लस्टर के तौर पर विकसित किया जाएगा। योजना के लागू होने पर इन क्लस्टरों में जैविक खेती की जाएगी।
उत्तराखंड में चयनित ग्राम पंचायतें
- जिला---------------ग्राम पंचायत
- उत्तरकाशी--------------15
- चमोली-------------------11
- रुद्रप्रयाग-----------------06
- टिहरी---------------------06
- पौड़ी-----------------------04
बोले अधिकारी
गौरीशंकर (कृषि निदेशक, उत्तराखंड) का कहना है कि स्वच्छता एक्शन प्लान: नमामि गंगे क्लीन अभियान में चयनित राज्य की 42 ग्राम पंचायतों के लिए योजना के तहत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इन गांवों या यूं कहें कि क्लस्टरों में सहभागिता जैविक प्रतिभूति प्रणाली (पीजीएस) सर्टिफिकेशन के तहत जैविक कृषि को प्रोत्साहित किया जाएगा।यह भी पढ़ें: प्रदेश की अस्थायी राजधानी में सियासी जमीन पर बिछी अतिक्रमण की बिसातयह भी पढ़ें: 230 साल पहले उत्तराखंड के जंगलों में भी थे गैंडे, ये दस्तावेज करते हैं तस्दीक
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