Move to Jagran APP

91 में से महज छह संस्थान ने भेजा टैक्स नोटिस का जवाब

विधानसभा सचिवालय समेत 85 सरकारी संस्थानों ने आठ माह बीत जाने के बावजूद नगर निगम के नोटिस का अब तक जवाब नहीं भेजा है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 12 Sep 2019 03:08 PM (IST)
Hero Image
91 में से महज छह संस्थान ने भेजा टैक्स नोटिस का जवाब
देहरादून, जेएनएन। नगर निगम क्षेत्र में भवन कर के दायरे में शामिल किए गए विधानसभा, सचिवालय समेत 85 सरकारी संस्थानों ने आठ माह बीत जाने के बावजूद नगर निगम के नोटिस का अब तक जवाब नहीं भेजा है। महज छह संस्थान की ओर से निगम को जवाब मिला है। महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि जहां से जवाब नहीं मिला है, उन्हें रिमांडर भेजा जा रहा है। अगर इसका संज्ञान नहीं लिया गया तो निगम विधिक कार्रवाई करेगा।

नगर निगम क्षेत्र में करीब 200 राजकीय व केंद्रीय प्रतिष्ठान हैं। इन सभी को निगम ने व्यवसायिक भवन के दायरे में लिया है। निगम क्षेत्र में भवन कर की दो श्रेणियां हैं। एक आवासीय दूसरी व्यवसायिक। महापौर गामा ने बताया कि व्यवसायिक भवन कर में भी अलग-अलग श्रेणियां हैं। इनमें एक श्रेणी गैर-आवासीय है व इसी में सरकारी कार्यालयों को शामिल किया गया है। जो सरकारी भवन आवास में इस्तेमाल हो रहे हैं, उनसे आवासीय श्रेणी के भवन कर में शामिल किया गया है। भवन कर के दायरे में निजी स्कूल एवं अस्पताल भी हैं। चूंकि, नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2016-17 से ही व्यवसायिक भवन कर की वसूली शुरू की है, लिहाजा इन सभी भवनों से पिछले तीन वर्ष और इस वर्ष का भवन कर साथ लिया जाएगा। हालांकि, चारों वर्षों का भवन कर कुछ समयांतराल में अलग-अलग चुकाने की छूट भी दी जाएगी।

यह भी पढ़ें: देहरादून में आरटीओ का सर्वर ठप, बैरंग लौटे लोग Dehradun News

इसी के तहत निगम ने बीती जनवरी में राज्य संपत्ति विभाग एवं पुलिस मुख्यालय को नोटिस भेजकर भवन कर देने को कहा गया था। राज्य संपत्ति विभाग के कार्यालयों समेत सचिवालय कालोनी, ट्रांजिट हॉस्टल, गेस्ट हाउसों और पुलिस के सभी अफसरों के कार्यालयों व थाने-चौकियों को भी इस दायरे में शामिल किया गया था। निगम को इनसे करीब चार करोड़ रुपये सालाना कर मिलने की उम्मीद है। ऐसे 91 संस्थानों को नोटिस भेजा गया था, लेकिन आठ माह के बावजूद सिर्फ छह का जवाब मिला। इनमें नारी निकेतन, रजिस्ट्रार चिट एंड फंड, बीस सूत्री कार्यक्रम व खादी ग्रामोद्योग समेत छह संस्थान शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड की जमीनों का होगा हवाई सर्वे, इसकी शुरुआत होगी अल्मोड़ा व पौड़ी से

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।