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ऐसी Pahadi Dal जिसे पांच तरह से बनाकर भोजन में शामिल कर सकते हैं आप, सेहत के लिए भी बेहद गुणकारी

Pahadi Dal पहाड़ी भोजन जितना स्‍वादिष्‍ट होता है उतना ही सेहतमंद भी होता है। यह दाल हर पहाड़ी की पहली पसंद होती है इसी कारण शहरों में रहने वाले उत्‍तराखंडी पहाड़ों से यह दाल मंगाना नहीं भूलते हैं।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Tue, 22 Nov 2022 02:47 PM (IST)
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Pahadi Dal : यह दाल हर पहाड़ी की पहली पसंद
टीम जागरण, देहरादून : Pahadi Dal : पहाड़ी भोजन जितना स्‍वादिष्‍ट होता है, उतना ही सेहतमंद भी होता है। चाहे पहाड़ी सब्जियां हों या फ‍िर दाल सभी में औषधीय गुण छिपे हुए रहते हैं।

ऐसी ही एक दाल है भट्ट की दाल। यह दाल बेहद गुणकारी है और आप इसे पांच अलग-अलग तरीकों से बनाकर भोजन में शामिल कर सकते हैं। यह दाल हर पहाड़ी की पहली पसंद होती है इसी कारण शहरों में रहने वाले उत्‍तराखंडी पहाड़ों से यह दाल मंगाना नहीं भूलते हैं।

भट्ट के डुबके

  • भट्ट के डुबके दो तरह से बनाए जाते हैं।
  • पहले तरीकें में दाल को रातभर पानी में भिगो दें।
  • सुबह दाल को सिल-बट्टे या मिक्सी में दरदरा पीस लें और हल्‍के पानी में घोल लें।
  • लोहे की कढ़ाई में घी या सरसों का तेल गरम करें।
  • तेल में लहसुन, प्याज, जखिया, कढ़ी पत्ता का तड़का लगा लें।
  • अब स्‍वाद के अनुसार नमक, मिर्च व अन्य मसाले भी डाल दें। थोड़ा पानी डाल लें।
  • ग्रेवी बनने पर पानी में घुली दाल को कढ़ाई में डाल दें। लगातार करछी चलाते रहें नहीं तो डुबका तले में चिपक जाएगा।
  • जैसे ही डुबके का रंग थोड़ा काला होने लगे और खुशबू आने लगे तो आपका डुबका बन चुका है।

भट्ट के डुबके बनाने का दूसरा तरीका

  • दूसरे तरीके में दाल को चक्की में पीस लें और पाउडर बना लें।
  • लोहे की कढ़ाई में घी डालें और उसमें वह पाउडर डालें। अब इसे हल्की आंच में भूनें।
  • हल्का भूरा होने पर इसमें नमक, मिर्च, धनिया व जीरा डालें।
  • थोड़ा गाढ़ा होने पर उसमें दो-तीन चम्मच गेहूं का आटा मिलाएं और भून लें।
  • आटा भून लेने के बाद अब कढ़ाई में अंदाजे से पानी डालें।
  • पानी जितना भी डालना है एक बार में ही डालें।
  • डुबका कढ़ाई के तले में न चिपके, इसलिए करछी से चलाते रहें।
  • जब कढ़ाई के ऊपरी हिस्से में डुबका ज्यादा चिपकने लगे और पपड़ी बनने लगे तो डुबका तैयार है।

भट्वाणी या चुड़कानी

  • भट्वाणी या चुड़कानी सर्वाधिक पसंद किया जाता है।
  • भट्ट की दाल को तेल या घी में कढ़ाई या तवे में भूनें।
  • अब लोहे की कढ़ाई में प्याज, लहसुन, जीरे का तड़का लगाएं।
  • अब टमाटर डालकर जरूरत के हिसाब से नमक, मिर्च व अन्य मसाले डालें।
  • ग्रेवी तैयार होने के बाद इसमें भुने भट्ट डाल दें।
  • फिर ढक्कन लगाकर थोड़ी देर तक पकाएं।

भट्ट का जौला

  • जौला भट्ट व चावल से बनता है।
  • रात को भट्ट की दाल भिगोकर रख दें।
  • सुबह इसका छिलका हटा लें। आप छिलका भी एड कर सकते हैं।
  • दाल को पीस लें।
  • लोहे की कढ़ाई में इस पिसी दाल को पकाएं। साथ में जरूरत के हिसाब से चावल भी मिला लें।
  • अब इस मिश्रण को पकाते रहें।
  • जब यह पककर बिल्कुल थोड़ा थिंक हो जाते तो इसके साथ लहसुन वाला हरा नमक मिलाकर खाएं।
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भटुला

  • भटुला डुबके जैसा ही होता है, लेकिन इसे अलग तरीके से बनाया जाता है।
  • इसे बनाने के लिए भट्ट के आटे को पानी में घोलकर रख लें।
  • अब लोहे की कढ़ाई में घी या तेल डालकर प्याज, लहसुन व जीरा का तड़का लगाएं। अब इसमें नमक, मिर्च व अन्य मसाले भी भून लें।
  • भट्ट के आटे के घोल का छौंक लगाएं।
  • अंदाज से पानी डालकर इसे पकाते रहें और करछी चलाते रहें।
  • 15-20 मिनट में यह तैयार हो जाएगा।
Photo Credit : mera-uttarakhand.com

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