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नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने चुनाव खर्च का ब्योरा न दिया तो खतरे में पड़ेगी कुर्सी

ग्राम पंचायत सदस्य ग्राम प्रधान और क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों का चुनाव संपन्न होने के बाद अब नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को तय अवधि में चुनाव खर्च का ब्योरा जमा कराना है।

By Edited By: Updated: Sat, 26 Oct 2019 11:17 AM (IST)
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नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने चुनाव खर्च का ब्योरा न दिया तो खतरे में पड़ेगी कुर्सी
देहरादून, राज्य ब्यूरो। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों का चुनाव संपन्न होने के बाद अब नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को तय अवधि में चुनाव खर्च का ब्योरा जमा कराना है। ऐसा न करने पर उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। 

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को निर्वाचन के एक माह के भीतर खर्च जमा कराना अनिवार्य है। इस लिहाज से देखें तो 22 अक्टूबर को मतगणना संपन्न होने के बाद उन्हें 22 नवंबर तक अनिवार्य रूप से खर्च का ब्योरा जमा कराना है। 

आयोग के आदेश के मुताबिक नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को चुनाव खर्च का ब्योरा जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना है। यह ब्योरा निर्वाचन व्यय की सत्यापित प्रति होगी, जो निर्वाचित प्रतिनिधि या उसके अभिकर्ता द्वारा रखी गई है। साथ ही उसे खर्च के संबंध में शपथ पत्र भी देना होगा। 

जोनल मजिस्ट्रेटों की तैनाती नवंबर के पहले सप्ताह में 

संभावित जिला पंचायतों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों के प्रमुख, ज्येष्ठ व कनिष्ठ उपप्रमुखों के चुनाव के लिए आयोग ने कसरत शुरू कर दी है। इस कड़ी में आयोग के निर्देशानुसार जिलों में जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत स्तर पर जोनल मजिस्ट्रेटों की तैनाती की जा रही है। 

अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के लिए 3.50 लाख खर्च सीमा 

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों के लिए अधिकतम खर्च सीमा साढ़े तीन लाख रुपये निर्धारित की गई है। इसी प्रकार जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी अधिकतम ढाई लाख रुपये खर्च सकेंगे। इसके अलावा क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों के उम्मीदवारों के लिए 1.40 लाख, ज्येष्ठ उपप्रमुख के लिए 60 हजार और कनिष्ठ उपप्रमुख पद के प्रत्याशियों के लिए अधिकतम खर्च सीमा 50 हजार रुपये नियत की गई है। 

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आपत्तियों के निस्तारण को अंतिम दिन 

जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के आरक्षण के लिए आई आपत्तियों के निस्तारण के लिए शनिवार को अंतिम दिन है। आरक्षण पर विभिन्न जिलों से 15 आपत्तियां आई हैं। इन्हें लेकर होमवर्क भी शासन स्तर पर पूरा कर लिया गया है। 

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