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Paris Olympics 2024: 'द्रोणनगरी' की साधना से मनु का अचूक निशाना, जसपाल राणा शूटिंग रेंज में ली है ट्रेनिंग

Paris Olympics 2024 पेरिस ओलिंपिक में इतिहास रचने वाली मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने हर किसी का सीना चौड़ा कर दिया है। मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने ओलिंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है। दोनों की कामयाबी के पीछे जसपाल राणा की मुख्य भूमिका है। दोनों वर्ष 2018 से जसपाल राणा के सानिध्य में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

By jaideep jhinkwan Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 31 Jul 2024 07:51 AM (IST)
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Paris Olympics 2024: जसपाल राणा शूटिंग रेंज में तीन बार प्रशिक्षण ले चुकी मनु
जयदीय झिंक्वाण, देहरादून। Paris Olympics 2024: पेरिस ओलिंपिक में इतिहास रचने वाली मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने हर किसी का सीना चौड़ा कर दिया है। दोनों की कामयाबी के पीछे अपने शहर 'द्रोणनगरी' का भी बड़ा योगदान है। दोनों के कोच प्रसिद्ध निशानेबाज जसपाल राणा हैं।

दोनों वर्ष 2018 से जसपाल राणा के सानिध्य में प्रशिक्षण ले रहे हैं। मनु भाकर का नाता देहरादून स्थित पौंधा जसपाल राणा शूटिंग रेंज से भी रहा है। मनु तीन बार देहरादून में प्रशिक्षण ले चुकी हैं। वह दो महीने पहले भी देहरादून आई थीं। पंजाब के सरबजोत सिंह दिल्ली में प्रशिक्षण ले रहे हैं। वह भी एक बार देहरादून शूटिंग रेंज में आ चुके हैं।

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10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक

मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने ओलिंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है। दोनों की कामयाबी के पीछे जसपाल राणा की मुख्य भूमिका है। जसपाल दोनों के निजी कोच के रूप में पेरिस ओलिंपिक गए हैं। जसपाल राणा के पिता नारायण सिंह ने बताया मनु और सरबजोत जब जूनियर वर्ग की प्रतियोगिता खेल रहे थे, उसी समय दोनों जसपाल राणा के संपर्क में आ गए थे।

इस समय दोनों सीनियर वर्ग में खेल रहे हैं। उन्होंने बताया कि टोक्यो ओलिंपिक में भी मनु से उम्मीद थीं लेकिन उस वक्त जसपाल राणा उनके साथ नहीं गए थे। मनु सिंगल और मिश्रित स्पर्धा में देश को दो मेडल दे चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मनु तीन बार जसपाल राणा शूटिंग रेंज में प्रशिक्षण ले चुकी हैं।

सोमवार को मनु की माता से उनकी दूरभाष पर बातचीत हुई थी। उन्होंने मनु के अच्छे प्रदर्शन के लिए कोच की अहम भूमिका बताई। इधर, दोनों की कामयाबी पर देहरादून में जसपाल राणा शूटिंग रेंज में मंगलवार को जश्न का माहौल रहा। यहां प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ियों ने एक दूसरे को मिठाई बांटकर खुशी मनाई।

लगन है तो कामयाबी कदम चूमती है

खुद निशानेबाज रह चुके जसपाल राणा के पिता नारायण सिंह ने बताया कि मनु में सीखने की चाहत कूट-कूटकर भरी है। इसलिए उन्होंने दिल्ली देखा न देहरादून। जब जहां मौका मिला वहां प्रशिक्षण के लिए पहुंचीं।

वह हमेशा देश के लिए पदक का सपना देखती रही हैं। उनकी खूबी यह रही है कि चीजों को बारीकी से पकड़ती हैं। एक बार तय कर लिया तो उसे पूरा करने में ही दम लेती हैं। सरबजोत सिंह भी डटकर मुकाबला करने वालों में रहे हैं।

प्रशिक्षक, अभिभावक की भूमिका निभाते हैं जसपाल

नारायण सिंह ने बताया कि जसपाल राणा का सपना रहा है कि वह शूटिंग में नई पौध तैयार करें। उनकी शूटिंग रेंज में जो भी खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं उन्हें समर्पित होकर तैयारी करने की सीख दी जाती है। जसपाल प्रशिक्षक के साथ ही अभिभावक की भूमिका में नजर आते हैं। खुद मेहनत करते हैं और खिलाड़ियों से भी यही उम्मीद करते हैं। इसका परिणाम सामने है। बहुत खुशी होती है जब देश के लिए कोई इस तरह की उपलब्धि लेकर आए।

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