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सड़कों पर बेतरतीब खड़े रहते वाहन, आम लोगों को होती दिक्‍कत

बीते 18 साल में दूने में वाहनों की संख्या तीन गुना बढ़ गई जबकि सड़कों पर चलने लायक जगह नहीं बची। बावजूद इसके यहां लाखों वाहनों के लिए महज दो पार्किंग ही बन सकीं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 29 Jul 2019 02:00 PM (IST)
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सड़कों पर बेतरतीब खड़े रहते वाहन, आम लोगों को होती दिक्‍कत
देहरादून, अंकुर अग्रवाल। दून शहर में यातायात का पहिया पूरा दिन जाम रहना तो आम बात है, लेकिन कारणों की तलाश करें तो बड़ा हाथ यहां बेतरतीब पार्किंग का भी है। सड़कों को घेरकर आड़े और तिरछे खड़े रहने वाले वाहनों के कारण ही जाम लगता है। मगर इसके लिए केवल वाहनों को तो जिम्मेदार ठहराया जाना सही नहीं। सवाल ये है कि आखिरकार शहर की बेतरतीब पार्किंग पटरी पर क्यों नहीं आ पा रही। दिनोंदिन चौगुनी तेजी से बढ़ोत्तरी कर रहे वाहनों को कहां पार्क किया जाए। शहर में तो पर्याप्त पार्किंग स्थल ही नहीं हैं। बीते 18 साल में राजनीतिक व सरकारी तंत्र यहां सिर्फ दो नई पार्किंग बना पाया जबकि इसी अवधि में वाहनों की संख्या में 300 फीसद इजाफा हो गया। यह कहना बेमानी है कि शहर में नई पार्किंग नहीं बनाई जा सकती, लेकिन शर्त है कि सरकार व नीति-नियंता आरामतलबी से बाहर निकलकर हाथ-पैर चलाएं।

उत्तराखंड की राजधानी बने देहरादून शहर में वैसे तो काफी कुछ बदला, मगर बदलाव अव्यवस्थित तरीके से हुआ। बीते 18 साल में यहां वाहनों की संख्या तीन गुना बढ़ गई, जबकि सड़कों पर चलने लायक जगह नहीं बची। बावजूद इसके यहां लाखों वाहनों के लिए महज दो पार्किंग ही बन सकीं। जिनमें एक घंटाघर पर एमडीडीए कांप्लेक्स जबकि दूसरी डिस्पेंसरी रोड एमडीडीए कांप्लेक्स में। यह दोनों भी पांच वर्ष पूर्व अस्तित्व में आईं। यानी साफ है कि 13 साल प्रशासन ने यूं ही बिता दिए। हैरत की बात ये है कि ट्रैफिक पुलिस ने शहर में चार नए पार्किंग स्थल विकसित करने को कसरत की और प्लान तैयार कर जिम्मेदार विभाग एमडीडीए को भेज दिया, मगर एमडीडीए ने ये प्लान फाइल से बाहर नहीं निकाले। वहीं पुलिस की भूमिका सिर्फ बेतरतीब खड़े वाहनों को खदेडऩे या उन्हें क्रेन से सीज करने तक ही सीमित रह गई। जो वाहन सड़क पर पार्क किए जाते हैं, पुलिस की फटकार के बाद दूसरी सड़क पर खड़े हो जाते हैं। साफ है कि सड़क पर वाहनों की पार्किंग पर अंकुश तब तक नहीं लग पाएगा जब तक पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं होती।

शॉपिंग कांप्लेक्सों पर नकेल नहीं

शॉपिंग कांप्लेक्सों के ऊपर पुलिस व जिम्मेदार विभाग मेहरबान नजर आते हैं। बेसमेंट में पार्किंग व्यवस्था होने के बाद भी कांप्लेक्सों के बाहर सड़क पर वाहन खड़े किए जाते हैं पर वहां पुलिस कभी कार्रवाई की जहमत नहीं उठाती। पुलिस-एमडीडीए की जांच में हर बार यह बात सामने आती है कि कांप्लेक्सों में पार्किंग में अनियमितता हैं, मगर कार्रवाई कभी नहीं की गई।

बना दी 'लूट' की स्मार्ट पार्किंग

स्थाई पार्किंग बनाने में विफल सरकारी मशीनरी में मुख्य सड़कों के किनारे स्मार्ट पार्किंग के नाम पर 'लूट' की पार्किंग शुरू कर दी। प्रति घंटे के हिसाब से यहां लोगों की जेब पर जमकर डाका डाला जा रहा है और सड़कों पर जनता के बजाए सरकारी मशीनरी का अतिक्रमण नजर आ रहा।

फाइलों में कैद पार्किंग प्लान

  • पुराने रोडवेज बस अड्डे को मल्टी स्टोरी पार्किंग के रूप में विकसित करना।
  • रेंजर्स कॉलेज के एक भाग को अधिग्रहित कर पार्किंग स्थल का निर्माण।
  • यूकेलिप्टिस मोड़ के पास खाली पड़ी भूमि पर मल्टी स्टोरी पार्किंग।
  • दिलाराम चौक के पास नगर निगम की भूमि पर सूडा हाउस में पांच सौ वाहनों के लिए मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण। 

यहां सड़क ही है पार्किंग

  • चकराता रोड: चौड़ा किया गया क्षेत्र, केपरी ट्रेड सेंटर, कनाट प्लेस क्षेत्र, बिंदाल पुल, बल्लूपुर चौक।
  • हरिद्वार रोड: प्रिंस चौक, आराघर क्षेत्र, धर्मपुर खैक क्षेत्र, रिस्पना पुल व जोगीवाला। 
  • राजपुर रोड: घंटाघर क्षेत्र, एस्लेहॉल तिराहा, दिलाराम बाजार, जाखन व साईं मंदिर के बाहर।
  • गांधी रोड: दर्शनलाल चौक क्षेत्र, इनामुल्ला बिल्डिंग क्षेत्र, तहसील चौक, रेलवे स्टेशन क्षेत्र।
  • रायपुर रोड: सहस्रधारा क्रॉसिंग चौक, कर्जन रोड चौक, रायपुर बाजार।
  • सहारनपुर रोड: सहारनपुर चौक क्षेत्र, पटेलनगर, निरंजनपुर मंडी क्षेत्र, माजरा व आइएसबीटी क्षेत्र, मोहब्बेवाला। 
  • अन्य इलाके: डिस्पेंसरी रोड (यहां बनाई गई नई मल्टी स्टोरी पार्किंग में भी पार्किंग नहीं की जा रही है), राजा रोड, धामावाला बाजार, पलटन बाजार, मच्छी बाजार, कोर्ट रोड, दून तिराहा, एमकेपी कॉलेज रोड, करनपुर रोड, डीएवी कॉलेज रोड, खुड़बुड़ा मोहल्ला, हनुमान चौक, तिलक रोड, त्यागी रोड, नेशविला रोड, चुक्खूवाला, कांवली रोड आदि।
  • केवल खुराना (निदेशक यातायात) का कहना है कि यातायात पुलिस ने शहर में चार नई पार्किंग के प्लान बनाए थे, लेकिन इन पर काम शुरू नहीं हुआ। सड़कों पर पार्किंग होती है तो पुलिस चालान भी करती है और उन्हें क्रेन से सीज भी किया जा रहा है। कुछ सड़कों के किनारे खाली जगह पर अस्थायी पार्किंग बनाई गई हैं। ताकि, कुछ राहत मिल सके।

67 शॉपिंग कांप्लेक्स बने रोड़ा

शहर में यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए ट्रैफिक पुलिस पसीना तो बहा रही है, लेकिन इसके सकारात्मक परिणाम आज तक सामने नहीं आए। यही कारण है कि ट्रैफिक एवं पार्किंग की व्यवस्था यहां लगातार बेपटरी होती जा रही। शहर के बड़े माल-कांप्लेक्स बेसमेंट में पार्किंग के बजाए इसका गोदामों के लिए उपयोग कर रहे। ट्रैफिक पुलिस ने कई बार एमडीडीए को पत्र भेजा लेकनि इन माल व कांप्लेक्सों पर एमडीडीए की नजर कभी भी टेढ़ी नहीं हुई।

67 माल व कांप्लेक्स चिह्नित 

गुजरे एक दशक में दून में बड़े-बड़े माल व कांप्लेक्सों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। इन कांप्लेक्स में आने वाले लोगों के वाहन सड़क पर ही पार्क हो रहे हैं। जिससे पूरा यातायात बाधित हो रहा। एसपी ट्रैफिक के निर्देशन में ऐसे 67 माल और कांप्लेक्स की सूची बनाई गई है, जो अपने बेसमेंट में पार्किंग का प्रयोग नहीं कर रहे हैं या जिनके बाहर पार्किंग हो रही। 

पहले भी हो चुका सर्वे

गत वर्ष एमडीडीए ने भी शहर में कुछ इलाकों में पुलिस व नगर निगम के साथ संयुक्त सर्वे किया था। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई भी की गई लेकिन मामला दोबारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 

ये हैं वे 67 मॉल व कांप्लेक्स 

-प्रभात सिनेमा, जनपथ कांप्लेक्स, होटल कुकरेजा, ओम सांई टॉवर, बीएसआर प्लाजा, वी-मार्ट किशन नगर चौक, चंद्रा प्लाजा, सिंघल गेनाइट सेरेमिक वल्र्ड, क्रिएशन टावर, केएफसी किशन नगर, एमबीएन टावर, काका टावर, श्री कृष्णा टावर, कुबेर टावर, इंद्रलोक प्लाजा, औरा फाइव स्टार, फोरटोना टावर, ड्रीम व्यूवर्स डोमिनोज, आशीर्वाद टावर, जायसवाल टावर, एबी टावर, लायल्ड, एचआर टावर, ए-1 टावर, खुराना टावर, सीएसएम वेंटेंड, क्यूबिक टावर, क्रॉन टावर, सृष्टि सुपर मार्केट, शिवा आरकेड, माया प्लाजा, विंडलास कांप्लेक्स, कपूर टावर, सेंटर प्वाइंट कांप्लेक्स, तनिष्क, सेठी टावर इंद्रलोक टावर, फस्र्ट क्राई, प्रीमियम प्लाजा, शिवा पैलेस, होटल बुलवार्ड, ओपल लाउंज, कामिनी साड़ी, केएफसी स्पोर्ट्स फिट, लक्ष्मी चैंबर, कृष्णा टावर, मैक प्लाजा, मी एंड मॉम्स, उत्तम पैलेस व वीवा, रेमंड शो रूम, वल्र्ड ट्रेड टावर, आनंद प्लाजा, बिंद्रा कांप्लेक्स, पूर्व टीवीसी शोरूम, टाउन टेबल, लेवल-1 रेस्टारेंट, शिवा टावर, कबीला होटल, एसएल मोटर्स, सिल्वर सिटी, डीडी मोर्ट्स व एंड ए टावर, पंजाब ग्रिल, सतगुरू प्लाजा, कुमार स्वीट जाखन, जोशी कांप्लेक्स, अंजली डेयरी, जीत आर्केड, होटल फोर प्वाइंट, पैसेफिक मॉल, पिनाकल रेजीडेंसी, इथोपिया हुंडई, डिवाइन डिप्लोवैल प्रा.लि, सागर रतन रेस्टोरेंट, ब्लेक पर्ल।

जीसी गुणवंत (सचिव, एमडीडीए) का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस की ओर से मॉल और कांप्लेक्सों की सूची एमडीडीए को मिली है। जल्द ही एमडीडीए, पीडब्ल्यूडी, पुलिस व नगर निगम के संयुक्त निरीक्षण के बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। 

प्रकाश चंद (एसपी ट्रैफिक) का कहना है कि एमडीडीए को दो बार पत्र भेजा जा चुका है। इसमें 67 मॉल व कांप्लेक्सों की सूची फोटोग्राफ के साथ एमडीडीए को सौंपी गई है। प्राधिकरण को ही बेसमेंट पार्किंग दुरुस्त करानी है, ताकि सड़क पर यातायात सुचारू चल सके। 

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