नशे में धुत रोडवेज चालक को देख यात्री ने संभाला बस का स्टेरिंग, फिर हुआ ऐसा
गुरुग्राम से चंपावत जा रही बस के चलाक को नशेे में देख सवारियों ने बस रुकवा दी। इसके बाद एक यात्री ने स्टेरिंग संभालकर बस चलाई। रोडवेज प्रबंधन ने चालक को बर्खास्त कर दिया।
By BhanuEdited By: Updated: Tue, 09 Jul 2019 11:16 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। गुरुग्राम से चंपावत जा रहे 30 यात्रियों की जान पूरी रात सांसत में रही। नशे में चूर चालक वहां से गाजियाबाद तक तो बेतरतीब ढंग से बस चलाते हुए आ गया, मगर जब उससे गियर तक लगने बंद हो गए तो यात्रियों ने जबरन बस रुकवा ली। गनीमत रही कि यात्रियों में शामिल एक युवक बस चलाना जानता था। वह रुद्रपुर तक बस लेकर पहुंच गया। एक यात्री ने पूरी घटना का वीडियो बना रोडवेज मुख्यालय को भेज दिया। जिस पर रोडवेज की महाप्रबंधक प्रशासन निधि यादव ने उक्त चालक को तत्काल बर्खास्त कर दिया और सूचना न देने पर परिचालक को सस्पेंड कर दिया गया। मामले में जांच बैठा दी गई है।
घटना रविवार रात की है। गुरुग्राम से पिथौरागढ़ डिपो की साधारण बस (यूके07 पीए-2906) सवारी लेकर चंपावत के लिए चली। बस में तीस सवारी थी। जब दिल्ली आइएसबीटी के बाद बस रवाना हुई तो बस अनियंत्रित ढंग से चलने लगी। यात्रियों द्वारा चालक के पास जाकर कारण पूछा गया तो मालूम चला कि चालक नशे में पूरी तरह से धुत है। यात्रियों ने उसे बस चलाने से रोका, लेकिन वह जबरन बस चलाता रहा। बताया गया कि थोड़ी दूर बाद वह पूरी तरह बेसुध हो गया। उससे गियर भी नहीं लग रहे थे। यात्रियों ने परिचालक से बस रोकने के लिए कहा, लेकिन उसने एक नहीं सुनी। इस पर यात्रियों ने जबरन बस रुकवा ली।
यात्रियों ने शराबी चालक को हटाकर दूसरी सीट पर बैठा दिया। एक यात्री बस संचालन जानता था, लिहाजा यात्रियों के आग्रह पर वह बस लेकर रुद्रपुर तक पहुंच गया। सोमवार को मामले का वीडियो वॉयरल होने पर रोडवेज प्रबंधन में हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जांच के बाद आरोपित संविदा चालक राजेंद्र सिंह मेहर को बर्खास्त कर दिया गया व सूचना न देने पर परिचालक उमाकांत राणाकोटी के निलंबन के आदेश दे दिए गए। नशा उतरा तो खुद ले गया बस
यात्री द्वारा बस को सोमवार सुबह सात बजे रुद्रपुर बस अड्डे तक लाया गया। इस दौरान पूरे रास्ते चालक सोता हुआ ही आया। यहां नशा उतरने पर उसने यात्री से बस की चाबी ले ली और जबरन खुद ही बस को चंपावत ले गया। नहीं मिली हेल्पलाइन से मदद
रोडवेज प्रबंधन ने यूं तो प्रत्येक बस पर आपातकालीन सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर अंकित किए हुए हैं लेकिन यह नंबर कभी-कभार ही उठते हैं। रविवार रात नंबर पर घंटी बजती रही, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। वॉयरल वीडियो में यात्रियों का आरोप है कि उन्होंने हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल की, लेकिन कोई रेस्पांस नहीं मिला। सबक नहीं ले रहा रोडवेज प्रबंधन
रोडवेज चालकों की लगातार नई करतूतें सामने आ रहीं, लेकिन प्रबंधन कोई सबक लेने को तैयार नहीं। यात्रियों की जिंदगी से खिलवाड़ करना रोडवेज प्रबंधन का शगल बन चुका है। शराबी चालकों के मामले तो अकसर सामने आ रहे। इसके अलावा हर रोज कुछ चालकों से डयूटी कराई जा रही। तीन दिन पूर्व भी पर्वतीय डिपो एजीएम पर एक ही चालक को लगातार बागेश्वर जैसे लंबी दूरी के मार्ग पर भेजने के आरोप लगे थे। लंबी दूरी पर दो चालक भेजे जाने का नियम है लेकिन यहां तमाम नियम हवा में उड़ाए जा रहे। प्रवर्तन टीमों को मिलेंगे एल्कोमीटर
बीच मार्ग में बसों में टिकटों की जांच करने वाली प्रवर्तन टीमों को अब प्रबंधन एल्कोमीटर देने की तैयारी कर रहा। इससे शराबी चालक की मौके पर ही जांच होगी। हालांकि, दो साल पूर्व भी रोडवेज प्रबंधन ऐसे प्रयास कर चुका है, लेकिन वह कुछ ही दिन बाद बंद हो गए। उस वक्त चालकों को बस अड्डे पर ही एल्कोमीटर से जांच करने के बाद रूट पर भेजा जाता था। प्रभारी एजीएम के भरोसे रोडवेज
रोडवेज के आधे डिपो प्रभारी एजीएम के भरोसे चल रहे। निचले अधिकारियों को इन पदों पर बैठा तो दिया गया, लेकिन चालकों व परिचालकों पर इनका कोई नियंत्रण नहीं है। पिथौरागढ़ डिपो भी प्रभारी एजीएम के भरोसे चल रहा। माल उतारने का वीडियो वॉयरल, चालक-परिचालक ऑफरूट
सोमवार को दून के बी डिपो के चालक व परिचालक का बस में अवैध रूप से लाया गया सामान उतारने का वीडियो भी वॉयरल हुआ। हाईटेक बस दिल्ली से दून आई थी। प्रबंधन ने चालक सरोज थापा व परिचालक पवन कुमार को ऑफरूट कर दिया गया व मामले की जांच कराई जा रही। बताया गया कि वीडियो डेढ़ माह पुराना है। की जा रही उच्चस्तरीय जांच उत्तराखंड रोडवेज के महाप्रंधक प्रशासन निधि यादव के अनुसार, शराब पीकर गाड़ी चलाने की हरकत बेहद शर्मनाक है। यह सीधे-सीधे यात्रियों की जान से खिलवाड़ है। आरोपित चालक को तत्काल बर्खास्त कर दिया गया। सूचना नहीं देने व लापरवाही बरते पर परिचालक को भी सस्पेंड किया गया है। पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच कराई जा रही है। प्रवर्तन टीमों को और सक्रिय किया जाएगा। टीमों को एल्कोमीटर भी दिए जाएंगे, ताकि रास्ते में वे टिकट के साथ चालक के शराब पीये होने की जांच भी कर सकें।यह भी पढ़ें: दिल्ली में नहीं घुस सकेंगी उत्तराखंड की 450 बसें, यात्रियों को होगी दिक्कतयह भी पढ़ें: हर साल 25 लाख रुपये पानी में बहा रहा उत्तराखंड परिवहन निगम, जानिए वजहयह भी पढ़ें: रोडवेज में 500 कर्मियों की 'नेतागिरी' अब खत्म, पढ़िए पूरी खबर Dehradun News
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