उत्तराखंड के अस्पतालों में मुफ्त जांच योजना पर हावी अव्यवस्था, मरीजों को देना पड़ रहा शुल्क
सरकारी अस्पतालों में नियमों की वजह से मुफ्त जांच सुविधा का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि मरीजों को जांच के लिए शुल्क देना पड़ जाता है। इससे सरकार की मुफ्त जांच योजना प्रभावित हो रही है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 12 Sep 2021 12:05 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में नियमों की वजह से मुफ्त जांच सुविधा का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि मरीजों को जांच के लिए शुल्क देना पड़ जाता है। इससे सरकार की मुफ्त जांच योजना प्रभावित हो रही है। हालांकि, सरकार का कहना है कि विसंगतियों को दूर किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने हाल ही में सभी अस्पतालों में विभिन्न जांचों को मुफ्त करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में सरकार ने राज्य के छह जनपदों देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और अल्मोड़ा के 38 अस्पतालों में ये योजना शुरू करने का निर्णय किया है। इसकी शुरुआत देहरादून से की गई है। 17 सितंबर से अन्य जिलों में इसे शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत मरीजों की बायोकेमिस्ट्री, हेमेटोलाजी, विटामिन, हार्मोन, बायोप्सी, इम्युनोलोजी व ट्यूमर मार्कर समेत 207 तरह की मुफ्त जांच शामिल हैं।
दूसरे चरण में शेष सात जिलों के 32 चिकित्सालयों में जांच सुविधा शुरू की जाएगी। स्थिति यह है कि मुफ्त जांच की व्यवस्था के बाद भी मरीजों को पैसे देने पड़ रहे हैं। दरअसल, सरकार ने जांच लिए जिस कंपनी से अनुबंध किया है, उसकी टीम सुबह नौ बजे अस्पताल में आ जाती है। सुबह नौ बजे से 11 बजे तक सरकारी जांच लैब भी खुलती हैं। जो जांच सरकारी लैब में नहीं हो पाती उसकी जांच अनुबंधित लैब से कराई जाती है।
यह भी पढ़ें- ESI Hospital: हरिद्वार में 287 करोड़ की लागत से बनेगा 300 बेड का अस्पताल, होंगे छह आपरेशन थियेटरअनुबंधित लैब सुबह नौ से 11 बजे तक जो जांच कर रही हैं, उनका शुल्क ले रही हैं। सुबह 11 बजे के बाद सारी जांच मुफ्त हो रही है। इससे सुबह दो घंटे अनुबंधित लैब से जांच कराने वालों को शुल्क देना पड़ रहा है।इस संबंध में अनुबंधित लैब के वाइस प्रेसिडेंट मनोज बेलवाल का कहना है कि अनुबंध की शर्तों के तहत ही सेवाएं दी जा रही हैं। मरीजों को आधार कार्ड लाने पर मुफ्त जांच की सुविधा दी जाती है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि अभी यह योजना केवल देहरादून में शुरू की गई है। इसमें जो भी विसंगतियां हैं, सबको दूर किया जाएगा। इस योजना का विधिवत शुभारंभ 17 सितंबर से किया जाएगा।
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