अटल आयुष्मान योजना के पैकेज बढ़ा रहे मरीजों का दर्द
मरीज गोल्डन कार्ड लेकर अस्पताल इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को पैकेज का झमेला समझाया जाता है। कईयों को बिना इलाज लौटना पड़ रहा है जबकि कई जेब से पैसा भर रहे हैं।
By BhanuEdited By: Updated: Tue, 26 Mar 2019 09:15 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान योजना मरीजों के लिए भूलभुलैया सरीखी बन गई है। इस योजना में इम्पैनल्ड अस्पतालों ने सभी बीमारियों की बजाय कुछेक के पैकेज लिए हैं। मसलन किसी ने हृदय रोग से जुड़ा पैकेज लिया है, तो किसी ने डायलिसिस का। इसकी जानकारी मरीजों को नहीं है। ऐसे में आपात स्थिति में वह मुश्किल में फंस रहे हैं।
स्थिति यह है कि मरीज गोल्डन कार्ड लेकर अस्पताल इलाज के लिए पहुंचते हैं तब पैकेज का झमेला समझाया जाता है। कईयों को बिना इलाज लौटना पड़ रहा है, जबकि कई जेब से पैसा भर रहे हैं। ऐसे में इन्हें सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।मरीज को नहीं मिला उपचार
न्यूरो सबंधी दिक्कत पर एक मरीज को योजना के तहत संबद्ध निजी अस्पताल में ले जाया गया। बताया गया कि अस्पताल केवल दिल की बीमारियों के लिए इम्पैनल्ड है। वह भी केवल राज्य कर्मचारियों के लिए। परिजन मरीज को एक अन्य अस्पताल में लेकर पहुंचे पर वहां भी इलाज से इन्कार कर दिया गया।प्रसव सामान्य हुआ तो देने पड़ेंगे पैसे
प्रसव में सरकारी अस्पताल मामला क्रिटिकल बता मरीज को रेफर कर दे रहे हैं। पर योजना के तहत निजी अस्पतालों में सामान्य प्रसव की व्यवस्था नहीं है, बल्कि सिजेरियन को लिया गया है। ऐसे में सामान्य डिलिवरी होने पर मरीज को जेब से पैसे भरने पड़ रहे हैं।आपात स्थिति में नहीं लौटा सकते मरीज
अटल आयुष्मान योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत के मुताबिक आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों ने बीमारियों के अलग-अलग पैकेज लिए हैं। इसके चलते वह पैकेज के हिसाब से इलाज दे रहे हैं। इसकी जानकारी वेबसाइट व एप पर भी है। आपात स्थिति में वह किसी मरीज को नहीं लौटा सकते। मरीज के स्टेबल होने तक उसे इलाज देना होगा और उसके बाद संबंधित अस्पताल में भेजना होगा। अन्य किसी भी तरह की दिक्कत है तो उसे भी दूर किया जाएगा।यह भी पढ़ें: यहां स्वास्थ्य सेवाएं हैं 'बीमार', मरीजों का कैसे सुधरेगा हाल
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