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कांग्रेस में अंदरूनी गुटबाजी हावी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दिग्गज नेताओं पर साधा निशाना

प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इशारों में ही संयुक्त संघर्ष में प्रदेश के बड़े नेताओं का सहयोग नहीं मिलने और समन्वय की कमी को स्वीकार किया है।

By Edited By: Updated: Sun, 05 Jul 2020 05:57 PM (IST)
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कांग्रेस में अंदरूनी गुटबाजी हावी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दिग्गज नेताओं पर साधा निशाना
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी पार्टी के एकजुट प्रदर्शन पर असर डाल रही है। संगठन का मनोबल भी डोल रहा है। प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इशारों में ही संयुक्त संघर्ष में प्रदेश के बड़े नेताओं का सहयोग नहीं मिलने और समन्वय की कमी को स्वीकार किया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में पार्टी हाईकमान सख्त है। 

प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने अनुशासन का आदतन उल्लंघन करने वालों को चिह्नित कर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में काग्रेस के दिग्गज नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यक्रमों में शामिल होने के बजाय अपने स्तर पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। ऐसे में प्रदेश संगठन के सामने गुटबाजी से निपटकर एकजुट दिखने की चुनौती बढ़ गई है। इससे आहत प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी के नेताओं का नाम लिए बगैर माना कि प्रदेश में पार्टी को मजबूत बनाने में अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में काग्रेस आज मजबूत स्थिति में है। केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों के खिलाफ जनता में गुस्सा है। ऐसे में सभी को एकसाथ मिलजुलकर काम करने की जरूरत है, जिससे जनता के बीच एका की कमी का संदेश न जाए। बड़े नेताओं का सहयोग नहीं मिलने के बारे में पूछे गए मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि वह उत्तरप्रदेश के जमाने से काग्रेस की सियासत से जुड़े हैं। उन्होंने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्षों हरीश रावत, यशपाल आर्य और किशोर उपाध्याय को पूरा सहयोग दिया। 

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वर्तमान में पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है तो साथ चलने की जिम्मेदारी सभी की है। भविष्य में पार्टी किसी अन्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो वह उसके खिलाफ चौथा फ्रंट नहीं खोल सकते। उन्होंने बताया कि प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने पत्र भेजकर भ्रष्टाचार और प्रदेश सरकार की नीतियों में खामियों के खिलाफ लोकतांत्रिक विरोध करने को कहा है। संघर्ष की रूपरेखा अलग-अलग के स्थान पर सभी को संयुक्त संघर्ष को प्राथमिकता देने को कहा है। अनुशासनहीनता बरतने वालों के खिलाफ कार्यवाही कर एआइसीसी को अवगत कराने को कहा है।

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