Move to Jagran APP

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल पर 11.82 लाख जुर्माना

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की लाभार्थी को उपचार न देने पर राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने श्री महंत इंदिरेश अस्पताल पर 1182500 रुपये का जुर्माना लगाया है।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 24 Apr 2019 06:31 AM (IST)
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल पर 11.82 लाख जुर्माना

जागरण संवाददाता, देहरादून: अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की लाभार्थी को उपचार न देने पर राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने श्री महंत इंदिरेश अस्पताल पर 11,82,500 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह अस्पताल द्वारा मरीज को अनाधिकृत रूप से दिए गए एस्टिमेट की पांच गुना रकम है। जिसे अस्पताल को एक सप्ताह के भीतर राज्य स्वास्थ्य अभिकरण में जमा करना होगा। बता दें, इस प्रकरण में मरीज की समय पर इलाज न मिलने के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती गई और बाद में उसकी मृत्यु हो गई।

दरअसल, 18 जनवरी को कोटद्वार निवासी पिंकी प्रसाद को चंद्रमोहन सिंह नेगी राजकीय बेस चिकित्सालय, कोटद्वार में भर्ती कराया गया था। हृदय रोग के कारण उन्हें हायर सेटर के लिए रेफर कर दिया गया। जिस पर परिजनों ने 21 जनवरी को उन्हें श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमित ने मरीज के परीक्षण के बाद उपचार शुरू किया। उन्हें आइसीयू में रखा गया। साथ ही डॉक्टर ने सीटीवीएस (कार्डियो थोरेक्स एंड वैस्कुलर सर्जरी) विभाग से ओपिनियन लेने की सलाह दी। सीटीवीएस विभाग ने कहा कि मरीज को ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता है। पर योजना के अनुरूप अनुमन्य चिकित्सा उपचार देने के बजाय 29 जनवरी को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। उस पर सर्जरी का 2,36,500 रुपये का एस्टिमेट उन्हें दिया गया। जबकि यह सर्जरी योजना में शामिल है। चिकित्सालय से डिस्चार्ज होने के बाद महिला के पति ने कोटद्वार तहसील पर धरना दिया व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इलाज के लिए अनुरोध किया। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर इसे अनुबंध की शर्तो का उल्लंघन माना। अस्पताल प्रबंधन ने अपना पक्ष रखते कहा कि मरीज की सर्जरी लायक अवस्था नहीं थी। स्टेबल होने पर ही उन्हें डिस्चार्ज किया गया। इसके बाद वह वापस अस्पताल नहीं आईं। खर्च का ब्योरा दिए जाने का कोई उल्लेख अस्पताल ने नहीं किया। जबकि इसके प्रमाणित साक्ष्य मौजूद थे। ऐसे में अस्पताल का उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण की कार्यकारिणी समिति की बैठक में अस्पताल पर अर्थदंड लगाने का निर्णय लिया गया। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष युगल किशोर पंत ने मंगलवार को इसके आदेश कर दिए हैं। .और भी हैं मामले

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में मरीज को योजना का लाभ न दिए जाने का यह अकेला मामला नहीं है। इसके अलावा दो अन्य मरीज शोएब व अमृता देवी के साथ ही ऐसा ही हुआ। अमृता को 3,95,800 रुपये का एस्टिमेट दिया गया। जबकि शोएब से तीन लाख रुपये लिए गए। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण द्वारा जवाब तलब करने पर अस्पताल ने गलती स्वीकार की। मरीज से ली गई रकम अस्पताल ने वापस कर दी और अटल आयुष्मान योजना के तहत क्लेम प्रस्तुत किया। दूसरे प्रकरण में भी मरीज से वापस संपर्क कर इलाज योजना के तहत किया गया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।