उत्तराखंड में मुसीबत बन बरस रहे हैं बादल, जनजीवन अस्त-व्यस्त
उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक दो दिन से लगातार बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। नदियों का वेग दहशत पैदा कर रहा है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 08 Aug 2018 08:54 AM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक मानसून मुसीबतें बरसा रहा है। दो दिन से लगातार बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। नदियों का वेग दहशत पैदा कर रहा है और सड़कें बंद होने से सात सौ से ज्यादा गांव अलग-थलग पड़ चुके हैं। उत्तरकाशी में धरासू-गंगोत्री हाईवे धरासू बैंड के पास बाधित था, जिसे सुबह खोला गया। भटवाडी में घुड़ाल बैण्ड के पास मार्ग अवरुद्ध था, जिससे सुचारु कर दिया गया है। बदरीनाथ मार्ग लामबगड़ में बंद है।
आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत का काम जारी है। इस बीच चमोली जिले के घाट क्षेत्र में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक अधेड़ की मौत हो गई। मौसम के कारण बीते दो दिन में पांच लोगों की जानें जा चुकी हैं। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा के करीब है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश को अगले 24 घंटे में भी राहत मिलने के आसार नहीं हैं।इस दौरान उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग तथा पिथौरागढ़ में भारी बारिश के आसार हैं।हालात के मद्देनजर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ अलर्ट पर हैं। शासन ने जिलाधिकारियों को सजग रहने को कहा है। नदियों के उफान को देखते हुए तटवर्ती इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
भारी बारिश के बीच पुरानी इमारतें धराशायी हो रही हैं। रुड़की के निकट भगवानपुर के सिरचंदी गांव में एक दो मंजिला मकान ढह गया। हालांकि यहां रहने वाला परिवार सुरक्षित है। इसके अलावा कुमाऊं के बागेश्वर जिले में भी दो स्कूल भवन और पांच मकान धराशायी हो गए। वहीं अल्मोड़ा में भी दो मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।
आधी रात को नदी में बही कारइसके अलावा देहरादून के पास जाखन नदी का बहाव भी सांस अटकाने वाला है। सोमवार तड़के करीब तीन बजे बहाव की चपेट में एक कार आ गई। एसडीआरएफ के जवानों ने कार में सवार चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया।
यमुनोत्री हाईवे पर खतरनाक सफर
चार धाम मार्गों समेत सड़कों पर मलबा आने से यातायात बाधित हो रहा है। प्रदेश में 184 संपर्क मार्गों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है। हालांकि बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री हाईवे पर आवागमन जारी है, लेकिन भूस्खलन से इसमें अवरोध आ रहा है। वही यमुनोत्री के निकट जंगलचट्टी में हाईवे का एक बड़ा हिस्सा बह जाने के कारण यात्री जान दांव पर लगा रस्सी के सहारे उस भाग को पार कर रहे हैं।बदरीनाथ को जोड़ने वाले पुल को भी खतरा
बिरही गंगा से हो रहे कटाव के कारण इस नदी पर बना पुल भी खतरे में है। गोपेश्वर से 13 किलोमीटर दूर यह पुल चीन सीमा के साथ ही बदरीनाथ को देश के अन्य भागों से जोड़ता है।
नैनीताल में कई सड़कें बंदसरोवर नगरी समेत जिले में बीती रात से सुबह तक तेज व अब रिमझिम बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। जिले की आधा दर्जन सड़कों पर मलबा आने से आवागमन ठप है। इसमें देवीपुरा-सौड़, पंगोठ- कुंज खड़क, भोर्सा-पिनरौ, नथुवाखान-हरतोला, वलना से बलना, छड़ा से हड़िया तक सड़क शामिल है, जबकि झील का जलस्तर साढ़े चार फीट ऊपर पहुंच गया है। 12 फिट के बाद ही निकासी द्वार खोले जाते हैं।
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