जमीन पर करनी है एयरोप्लेन की सैर, तो देर मत कीजिए और चले आइए यहां
अगर आप जमीन पर ही करना चाहते हैं एयरोप्लेन की सैर तो देर मत कीजिए और चले आइए देहरादून में। यहां स्थित है एयरोप्लेन रेस्टोरेंट।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 02 Dec 2019 08:19 PM (IST)
देहरादून, हिमांशु जोशी। देहरादून से ऋषिकेश या हरिद्वार जाते हुए मोहकमपुर के पास बायीं ओर खड़ा एक हवाई जहाज (एयरोप्लेन रेस्टोरेंट) बरबस ही ध्यान खींच लेता है और मन में उठने लगते हैं तरह-तरह के सवाल। मसलन, यह जहाज असली है या नकली, असली है तो यहां कैसे आया, अब इसका क्या किया जाएगा वगैरह-वगैरह। तो आइए! इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए करते हैं एयरोप्लेन रेस्टोरेंट की सैर।
नमस्कार! एयरोप्लेन रेस्टोरेंट में आपका स्वागत है। कुछ इसी अंदाज में रेस्टोरेंट की 'एयर होस्टेस' आपका स्वागत करती हैं। जी-जी...बिल्कुल सही समझे, यहां वेटर एयर होस्टेस की ड्रेस में ही रहती हैं। वो आपको सीट तक लेकर जाएंगी और फिर जहाज के कैप्टन यानी रेस्टोरेंट के मैनेजर आपके पास आकर ऑर्डर लेंगे। कहने का मतलब जहाज में बैठकर भोजन करने के अहसास का नाम ही 'एयरोप्लेन रेस्टोरेंट' है।
ऐसे आया आइडिया मोहकमपुर फ्लाईओवर के पास करीब छह बीघा भूमि बने इस रेस्टोरेंट की खासियत इसका डिजाइन है। यह एक हवाई जहाज है, जिसे मॉडीफाई कर रेस्टोरेंट का लुक दिया गया है। रेस्टोरेंट के पार्टनर एसके रस्तोगी, विशेद और अंशुल रस्तोगी ने बताया कि स्विट्जरलैंड के अलावा यहां भी लुधियाना और दिल्ली में एयरोप्लेन रेस्टोरेंट हैं। कुछ अलग करने का विचार था। सो, गूगल समेत कई वेबसाइट पर सर्च किया। इसके बाद विशेद ने हमें एयरोप्लेन रेस्टोरेंट का आइडिया सुनाया, जो सभी को पसंद आया। फिर हमने देहरादून में इस तरह का रेस्टोरेंट खोलने की योजना बनाई।
लेकिन, असली एयरोप्लेन तलाशना भी चुनौती था। इसके लिए हमें काफी मेहनत करनी पड़ी, तब जाकर बेंगलुरु में ऑक्शन के जरिये एक पुराना जहाज मिल पाया। अब सवाल यह था कि 1023 फीट लंबे जहाज को बेंगलुरु से देहरादून कैसे पहुंचाया जाए। लिहाजा, तय हुआ कि जहाज को तीन हिस्सों में काटकर सड़क से दून लाया जाएगा। बेंगलुरु से आए इंजीनियरों ने डेढ़ साल तक रेस्टोरेंट के सेटअप पर काम किया। इसके बाद ही हमारे इस सपने ने आकार लिया।
एंट्री से पहले मिलेगा बोर्डिंग पास लोगों को इस रेस्टोरेंट में पूरी तरह एयरपोर्ट और प्लेन का माहौल देने की कोशिश की जाएगी। जहाज जैसी ही सीढ़ियां इसमें भी होंगी, मगर इन्हें चढ़ने के लिए बोर्डिंग पास लेना होगा, तभी अंदर प्रवेश मिलेगा। पास की कीमत 250 रुपये रखी गई है, जो आपके खाने के बिल में एडजस्ट कर दिए जाएंगे।
72 लोग कर सकेंगे एक साथ भोजन तमाम लोग हवाई जहाज में नहीं बैठ पाते, लेकिन अब वो यहां भोजन करने के साथ ही हवाई जहाज में बैठने का आनंद भी ले सकेंगे। यह मल्टीकूजिन रेस्टोरेंट है। यहां नॉर्थ इंडियन, साउथ इंडियन समेत हर वैरायटी का भोजन उपलब्ध होगा। रेस्टोरेंट में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। यह पूरा एसी रेस्टोरेंट है। एसके रस्तोगी बताते हैं कि रेस्टोरेंट में गढ़वाली भोजन भी उपलब्ध है।
प्लेन का विंग बना सेल्फी प्वाइंट रस्तोगी बताते हैं कि जब हमने इस रेस्टोरेंट को खोलने की योजना बनाई, तब जहाज के विंग के ऊपर टेबल लगाई जानी थी, ताकि यहां खुले में बैठकर लोग भोजन का लुत्फ ले सकें। पर, अधिकांश लोग विंग पर खड़े होकर फोटो लेने लगे और धीरे-धीरे यह सेल्फी प्वाइंट बन गया। रेस्टोरेंट के बाहर सुखोई लड़ाकू विमान के दो मॉडल रखे गए हैं, जो सेल्फी प्वाइंट होंगे।
कॉकपिट में बैठकर उड़ाएं जहाज रेस्टारेंट में बच्चों के लिए विशेष खेल क्षेत्र भी होगा। कॉकपिट में पायलट की सीट पर बैठकर बच्चे थ्रीडी गेम्स के जरिये जहाज को उड़ाने का आनंद भी ले सकेंगे। एक बार में कॉकपिट में दो ही बच्चे जाकर खेल सकेंगे। इसका समय भी निर्धारित किया जाएगा। नक्शा पास कराने के लिए हुई स्पेशल मीटिंग एमडीडीए से नक्शा पास करवाने में उन्हें काफी समस्या आई। दरअसल, दून में घरों और इमारतों का नक्शा पास करवाने का प्रावधान तो है, लेकिन जहाज का नहीं। ऐसे में बोर्ड की स्पेशल मीटिंग बैठाई गई। जिसके पास बिल्डिंग के तौर पर ही जहाज रेस्तरां का नक्शा पास किया गया।
अल्कोहल पर प्रतिबंध फैमिली रेस्टोरेंट होने के कारण यहां अल्कोहल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। रस्तोगी बताते हैं कि रेस्टोरेंट में बड़ी संख्या में लोग फैमिली के साथ आते हैं, इसलिए हम अपने रेस्टोरेंट में सिगरेट व अल्कोहल का प्रयोग नहीं होने देते हैं। वेटिंग लॉज की भी है व्यवस्था एयरोप्लान रेस्टोरेंट को लेकर लोगों में काफी क्रेज है। अंशुल रस्तोगी बताते हैं कि हर वर्ग के लोग यहां परिवार के साथ पहुंच रहे हैं। इसलिए कई बार तो लोगों को बाहर बैठकर ही अपने नंबर का इंतजार करना पड़ता है। इसके लिए हमने वेटिंग लॉज बना रखा है। लोग वेटिंग लॉज में बैठकर भी काफी इंज्वाय करते हैं। आधा समय तो लोगों का इस रेस्टोरेंट के बाहर सेल्फी लेने में ही बीत जाता है।
यह भी पढ़ें: वादियों के बीच बहता ये झरना है प्रकृति का नूर, लेकिन फिर भी पर्यटकों से दूरशाम छह से सात तक बंद रहता है रेस्टोरेंट एयरोप्लेन रेस्टोरेंट शाम छह से सात बजे तक बंद रहता है। दरअसल, सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक रेस्टोरेंट खुलता है। अंतिम एंट्री पांच बजे होती है। इसके बाद रेस्टोरेंट शाम की तैयारी के लिए बंद हो जाता है और शाम सात बजे दोबारा खोला जाता है। रात 11 बजे तक रेस्टोरेंट खुला रहता है।
यह भी पढ़ें: चार हजार प्रवासी परिंदों से गुलजार आसन वेटलैंड, दो साल बाद पहुंचा पलाश फिश ईगल जोड़ाकर सकते हैं प्री-वेडिंग शूट रेस्टोरेंट के मालिक विशेद बताते हैं कि भविष्य में हमारा रेस्टोरेंट का विस्तार करने की योजना है। ताकि यहां शादी समारोह, बर्थडे पार्टी और रिटायरमेंट पार्टी का आयोजन भी हो सके। इसके अलावा प्री-वेडिंग शूट के लिए भी कई लोगों ने हमसे संपर्क किया है। जल्द ही रेस्टोरेंट में प्री-वेडिंग शूट भी किए जाएंगे।
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