Corona Virus: चीन में दो माह रहकर लौटा शख्स, बचाव को करें ये उपाय
चीन के शंघाई शहर से लौटे युवक के अस्पताल पहुंचने की सूचना वायरल होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन विभाग ने चिकित्सकों की एक टीम गठित की जो अस्पताल पहुंची।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 30 Jan 2020 11:09 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। चीन में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस से प्रदेश में भी लोग दहशत में हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल कुछ मैसेज इसमें आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक वाकया देहरादून में भी सामने आया है। चीन के शंघाई शहर से लौटे युवक के अस्पताल पहुंचने की सूचना वायरल होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन विभाग ने चिकित्सकों की एक टीम गठित की, जो अस्पताल पहुंची। युवक के साथ ही उसके परिवार के सदस्यों की जांच की गई। चिकित्सकों का दावा है कि सभी स्वस्थ हैं।
जानकारी के अनुसार देहरादून निवासी एक युवक चीन के शंघाई में होटल में काम करता है। बताया जा रहा है कि दो माह वहां रहने के बाद जनवरी के पहले सप्ताह में वह शंघाई से देहरादून लौटा था। हल्का बुखार और खांसी-जुखाम होने पर उसने चीन में भी चिकित्सक से चेकअप कराया था। दून पहुंचने पर युवक ने हरिद्वार रोड जोगीवाला स्थित एक निजी अस्पताल में भी जांच कराई।
वह दोबारा इसी अस्पताल में चेकअप कराने पहुंचा। इसी बीच चीन से लौटे परिवार के अस्पताल पहुंचने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। यह सूचना मिलने पर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से चिकित्सकों व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की टीम संबंधित अस्पताल भेजी गई। टीम ने अस्पताल से मरीज का पूरा ब्योरा, उपचार व जांचों की जानकारी एकत्र की है।
अफवाहों से बचें, एहतियात बरतें: सीएमओ
निजी अस्पताल से पूरी जानकारी मिलने के बाद सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी ने अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता बुलाई। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अफवाहों से बचें और दहशत में न आएं। अपने देश में अब तक कोरोना का कोई भी मरीज सामने नहीं आया है। साथ ही लोग इसे लेकर एहतियात जरूर बरतें। प्रेस वार्ता में एसीएमओ डॉ. एनके त्यागी, जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी भी मौजूद रहे।
चीन में फंसे कश्मीरी छात्रों को निकालने का आग्रहजम्मू-कश्मीर छात्र संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद चीन में फंसे कश्मीरी छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेष व्यवस्था की जाए। एसोसिएशन के प्रवक्ता नासिर खुहामी ने प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा कि तेजी से फैल रहा वायरस कश्मीर घाटी के लोगों को भी चिंतित कर रहा है।
उन्होंने विदेश मंत्रालय से आग्रह किया कि चीन में रह रहे छात्रों को जल्द से जल्द वहां से बाहर निकालने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएं। क्योंकि, चीन में विशेषकर वुहान शहर में रह रहे छात्र अपने छात्रावासों में भोजन व पानी की कमी से परेशान हैं। छात्रों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जा रही है। खुहामी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि कश्मीरी छात्रों को लाने के लिए एक विशेष विमान चीन भेजा जाए। साथ ही चीन में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को भी छात्रों की देखभाल के लिए निर्देशित किया जाए ताकि देश का कोई भी छात्र इस खतरनाक वायरस की चपेट में न आए। एसोसिएशन के अतिरिक्त प्रवक्ता यूनुस रशीद ने भी केंद्र सरकार से अपील की कि चीन में बने हालात पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
डीजी हेल्थ ने की तैयारियों की समीक्षाकोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदेशभर में किए जा रहे इंतजाम की बुधवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.अमिता उप्रेती ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की। तीन दिन पहले ही महानिदेशालय जिलों को इस बावत एडवाइजरी जारी कर चुका है। साथ ही चीन व नेपाल सीमा पर विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अंतरराष्ट्रीय सीमांत चेक पोस्ट पर स्वास्थ्य टीम को तैनात रखा जाए। सीमा पार से आने वाले व्यक्तियों को लक्षणों के आधार पर स्क्रीन किया जाए। स्क्रीन किए जा रहे लोगों की संख्या व जानकारी नियमित रूप से महानिदेशालय को प्रेषित की जाए।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने जनपदवार अस्पतालों में आइसीयू, वेंटीलेटर आइसोलेशन फैसिलिटी, स्क्रीनिंग के लिए सीमांत क्षेत्रों में स्थापित चेक पोस्ट, एंबुलेंस की व्यवस्था और मेडिकल टीम की जानकारी प्राप्त की। कहा कि जौलीग्रांट व पंतनगर एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले यात्रियों जो सामान्य सर्दी जुखाम से पीड़ित हैं या चीन के प्रभावित क्षेत्रों से आ रहे हैं, उनकी स्क्रीनिंग रिपोर्ट नियमित रूप से राज्य स्तर पर भेजी जाए।
हरिद्वार की मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि वह रेलवे स्टेशन पर भी अतिरिक्त निगरानी के लिए चिकित्सक दल की तैनाती करें। इसके लिए रेलवे मंडल प्रबंधन का सहयोग लेने के लिए कहा गया है। कहा कि संदिग्ध रोगी के चिह्नित होने की दशा में मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए तुरंत पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजा जाए।स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी जनपदों के सीएमओ को निर्देश दिए कि समाचार पत्रों व टेलीविजन पर जागरूकता संदेश प्रसारित किए जाएं। प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम को तैनात करने व जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान कोरोना वायरस सक्रमंण की जानकारी दिए जाने के भी निर्देश दिए हैं। इस दौरान निदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एसके गुप्ता, अपर निदेशक डॉ. पंकज सिंह, डॉ. अनूप डिमरी, डॉ. यूएस मेहता, डॉ. अर्जुन सेंंगर आदि मौजूद रहे।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश स्वास्थ्य महानिदेशक ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि खाने-पीने के बाजार, मांस की दुकानों, रेस्टोरेंट आदि की नियमित निगरानी करें। कहा कि स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखा जाए। सुरक्षित खाद्य पदार्थों की बिक्री सुनिश्चित करने के निर्देश उन्होंने दिए हैं। बना दिए आइसोलेशन वार्ड, टीमें तैनात
जनपद स्तरीय अधिकारियों ने स्वास्थ्य महानिदेशक को बताया कि अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बना दिए गए हैं। स्क्रीनिंग के लिए मुख्य आवागमन के स्थानों पर हेल्थ टीम तैनात की गई है। साथ ही अलग एक एंबुलेंस भी तैनात की गई है।संदिग्ध के संपर्क में आने वाले बरतें एहतियातस्वास्थ्य महानिदेशक ने निर्देश दिए हैं कि संदिग्ध मरीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस कर्मी व एंबुलेंस में तैनात स्टाफ के लिए पर्याप्त मात्रा में एन-95 मास्क उपलब्ध कराए जाएं। चेक पोस्ट पर स्क्रीनिंग करने वाले स्टाफ को संक्रमण से सुरक्षा वाले किट दिए जाएं।
दून अस्पताल में बांटे मास्क, पीपीई किटदून मेडिकल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि एहतियात के तौर पर बुधवार को अस्पतालकर्मियों को 50 मास्क बांटे गए। साथ ही आइसीयू कर्मियों को तीन पीपीई (पसर्नल प्रोटेक्शन एक्जामिनेशन) किट भी दिए गए।क्या है कोरोना वायरसकोरोना वायरस संक्रमण एक विषाणुजनित रोग है। वर्तमान में भारत के पड़ोसी देश चीन में कोरोना वायरल संक्रमण हो रहा है। जिससे कई अन्य देश भी प्रभावित हो रहे हैं। उत्तराखंड चीन और नेपाल का सीमावर्ती राज्य होने के कारण यहां भी संक्रमण की आशंका है। कोरोना वायरस के लक्षण- बुखार, खांसी-जुकाम, गले में खरास।- हालत ज्यादा गंभीर होने पर इंसान को सांस लेने में तकलीफ और न्यूमोनिया होने लगता है।संक्रमण से बचाव- अगर कोई भी इंसान पिछले एक माह के दौरान चीन से आया या कोरोना वायरस संक्रमित किसी रोगी के संपर्क में रहा हो तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं।- कोरोना वायरस के लक्षण होने पर भी तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।- मास्क का उपयोग करें और भीड़भाड़ व लोगों से दूरी बनाए रखें।- खांसते या छींकते समय अपने मुंह व नाक को रुमाल से ढकें। - नाक, कान या मुंह को छूने से पहले व बाद में अपने हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह धोएं।- खाना खाने से पहले और बाहर आने पर हाथ साबुन से अच्छी तरह अवश्य धोएं।- अधिक मात्रा में तरल पदार्थ और पौष्टिक आहार का सेवन करें। - नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें।- शिष्टाचार में हाथ न मिलाएं, गले न लगें व अन्य संपर्क बढ़ाने वाले कार्य न करें। - बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें और अनावश्यक यात्रा से परहेज करें।कोरोना वायरस के कारण योगाचार्यों के स्वजन चिंतितचीन के वुहान में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद विश्व के कई देशों में इस वायरस को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। तीर्थ नगरी ऋषिकेश से कई योग प्रशिक्षक वुहान सहित चीन के कई शहरों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे युवाओं के स्वजन उन्हें लेकर चिंतित हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से अपने बच्चों को सकुशल वापस भारत लाने की मांग की है। वहीं कई योग प्रशिक्षकों ने अपनी यात्रा स्थगित कर दी है।चीन के वुहान शहर से उपजे कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए कई देश ङ्क्षचतित हैं। भारत में भी इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर कह चुके हैं कि चीन में रह रहे करीब 300 भारतीय छात्र-छात्राओं और कारोबारियों को चीन से भारत लाने संबंधी केंद्र सरकार के प्रस्ताव को चीन सरकार ने मंजूरी दे दी है।योग की राजधानी कहे जाने वाले ऋषिकेश क्षेत्र से भी करीब डेढ़ दर्जन योग इंस्ट्रक्टर चीन के कई शहरों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से कई लोग वहां कोरोना वायरस के कारण अलर्ट के चलते एक तरह से अपने घर में कैद होकर रह गए हैं। जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में इस वायरस की पुष्टि चीन सरकार ने की थी। (फोटो: योग प्रशिक्षक अनामिका) उधर, चीन के वुहान शहर में ऋषिकेश के बीरपुर खुर्द निवासी रामजी शुक्ला की पुत्री अनामिका एक कंपनी में योग इंस्ट्रक्टर का काम करती है। अनामिका के पिता रामजी शुक्ला, माता रीना शुक्ला अपनी इकलौती बेटी को लेकर ङ्क्षचतित हंै। पिता ने बताया कि उनकी बेटी से बात हुई तो अनामिका ने उन्हें बताया हुबेई प्रांत के वुहान शहर का पूरा बाजार और यातायात बंद है। बड़ी संख्या में यहां उत्तराखंड के छात्र-छात्राएं योग प्रशिक्षक का काम कर रहे हैं। अनामिका ने अपने पिता को बताया कि चीन में योग इंस्ट्रक्टर सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन से मदद की गुहार लगाना चाह रहे हैं। परंतु कोई फोन तक नहीं उठा रहा है। इन सभी के आगे बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अनामिका के माता-पिता ने राज्य और केंद्र सरकार से उनके बच्चों को सुरक्षित घर पहुंचाने की मांग की है।कई प्रशिक्षकों ने यात्रा स्थगित कीवुहान सहित चीन के कई इलाकों में कोरोना वायरस के कारण भारत आए योग प्रशिक्षकों ने अगली चीन यात्रा स्थगित कर दी है। स्वर्गाश्रम निवासी गुरुपाल बत्रा ने बताया कि उनके दो बेटे सूर्या और रवि बत्रा शंघाई में योग इंस्ट्रक्टर हैं। वह 15 दिन पूर्व भारत आ गए थे। उनको मार्च में वापस लौटना था। मगर, उनकी यात्रा स्थगित कर दी गई है। यह भी पढ़ें: Corona Virus: दून-कोरोनेशन में डॉक्टरों और स्टाफ की छुट्टियों पर रोक, फैलने से ऐसे रोकेंउन्होंने बताया कि ऋषिकेश और स्वर्गाश्रम क्षेत्र से विशाल कोटियाल, दीपक प्रजापति, संजीव नेगी आदि चीन के कई शहरों में योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। यह सभी लोग दो सप्ताह पूर्व भारत आए थे। सभी ने अपनी यात्रा फिलहाल रोक दी है।यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस को लेकर उत्तराखंड में अलर्ट, नेपाल और चीन सीमा पर खास निगरानी
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