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नगर निगम पर गरजे मलिन बस्तीवासी, किया हंगामा

मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण व पुनर्व्‍यस्थापना की मांग को लेकर मलिन बस्तीवासियों ने राजधानी में रैली निकालकर नगर निगम में प्रदर्शन किया।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 24 Jul 2018 05:15 PM (IST)
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नगर निगम पर गरजे मलिन बस्तीवासी, किया हंगामा
देहरादून, [जेएनएन]: मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण व पुनर्व्‍यस्थापना की मांग को लेकर मलिन बस्तीवासियों ने राजधानी में रैली निकालकर नगर निगम में प्रदर्शन किया। इस बीच नगर आयुक्त, जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए शीघ्र ही नोटिसों को वापस लिये जाने की मांग की।

यहां पूर्व विधायक राजकुमार के नेतृत्व में कांग्रेस व मलिन बस्तीवासी परेड ग्राउंड में इकटठा हुए और वहां से उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली और विभिन्न मार्गों से होते हुए रैली जैसे ही नगर निगम पहुंची तो मलिन बस्तीवासियों का पारा और चढ़ गया और वहां पर उन्होंने अपने आशियाने टूटने के डर से जमकर हंगामा किया। इस बीच प्रशासन ने वहां पर भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया था।

इस दौरान नगर निगम में समर्थकों ने पूर्व विधाकय राजकुमार को कंधे में उठाकर वहां भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अतिक्रमण अभियान का विरोध किया। इस दौरान पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि अकेले देहरादून शहर में 129 मलिन बस्तियां हैं, जबकि प्रदेश में 582 मलिन बस्तियां हैं, जो नगर पालिका, नगर निगम से सूचीबद्ध तथा मान्यता प्राप्त हैं। 

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान मलिन बस्तीयों के सुधार, विनियमितीकरण पुनर्व्‍यस्थापना विधेयक 2016 में पारित किया था, जिसको पांच अगस्त 2016  राज्यपाल ने भी अपनी स्वीकृति प्रदान की थी। उनका कहना है कि इसके तहत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने मलिन बस्ती वासियों को मालिकाना हक देना शुरू कर दिया था। मलिन बस्तियों के रख रखाव के लिए 400 करोड़ प्रावधान भी किया गया था। उनका कहना है कि मलिन बस्तियों में आधारभूत जनसुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभागों से निर्माण कार्य भी करवाए गए हैं। इन बस्तियों को तोड़ना जनहित में उचित नहीं होगा।

उनका कहना है कि इसमें कोई कार्रवाई होती है, तो लाखों लोग बेघर हो जाएंगे। जिन मलिन बस्तियों को अतिक्रमण के तहत हटाने के लिए नोटिस दिया गया है, उसे तत्काल निरस्त किया जाए। साथ ही मलिन बस्तियों को हटाने की कार्रवाई को तत्काल विराम दिया जाए। ऐसा नहीं होता है, तो सभी मलिन बस्ती के लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे। राजकुमार ने 2016 में मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण को लेकर बने कानून को लागू करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में नगर आयुक्त और डीएम के नाम ज्ञापन प्रेषित किया गया, लेकिन आज तक इस ओर किसी भी प्रकार की  कार्रवाई नहीं हो पाई है। सरकार लगातार मनमानी करने पर उतरी हुई है। इस अवसर पर नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र ही उचित कार्रवाई किये जाने की मांग की गई। इस अवसर पर (प्रदेश अध्यक्ष) प्रीतम सिंह, सुर्यकान्त धस्माना, गोदावरी थापली, प्रभुलाल बहुगुणा, अशोक वर्मा, नीनू सेहगल, आनन्द त्यागी, टीटू त्यागी, डा विजेंद्र पाल, अर्जुन सोनकर, अशोक कोहली, राजेश चैधरी, मीना बिष्ट, राजेन्द्र बिष्ट, देवेंद्र पाल सिंह, रब्बानी, उदयवीर मल्ल, अशोक शर्मा राजेंद्र खन्ना बलराज आदि उपस्थित थे। 

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