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Pitri Chaya Express Train: मानसखंड की तर्ज पर अक्टूबर में आएगी पितृ छाया एक्सप्रेस, IRCTC ने की पहल

उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग और आईआरसीटीसी मिलकर पितृ छाया एक्सप्रेस और गंगा-यमुना एक्सप्रेस नामक दो नई ट्रेनें चलाने जा रहे हैं। पितृ छाया एक्सप्रेस अक्टूबर में पितृ पक्ष के दौरान पुणे से चलेगी और हरिद्वार ऋषिकेश पंच प्रयाग और बद्रीनाथ की यात्रा कराएगी। वहीं गंगा-यमुना एक्सप्रेस भोपाल से हरिद्वार के लिए चलेगी और हरिद्वार ऋषिकेश देहरादून मसूरी खरसाली और हनोल का भ्रमण कराएगी।

By tuhin sharma Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 05 Sep 2024 08:47 AM (IST)
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ट्रेनों की बुकिंग भी शुरू हो चुकी है। जागरण

जागरण संवाददाता, देहरादून। पर्यटन विभाग और आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटिरंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन) के सहयोग से विभिन्न राज्यों के पर्यटकों को उत्तराखंड का दर्शन कराने के लिए पूर्व में चलाई गई मानसखंड एक्सप्रेस की तर्ज पर अब पितृ छाया एक्सप्रेस चलेगी।

अक्टूबर में पितृ पक्ष के दौरान अपने पितृों का हरिद्वार में तर्पण करने के उद्देश्य से बाहरी राज्यों के लोगों के लिए यह ट्रेन पुणे से चलेगी। इसके साथ ही अक्टूबर में मुम्बई से श्री कार्तिक स्वामी, बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा के लिए एक और ट्रेन संचालित करने की योजना बनाई गई है, जिसके लिए बुकिंग भी शुरू हो चुकी है।

पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए पर्यटन विभाग ने हरिद्वार, ऋषिकेश, पंच प्रयाग और बद्रीनाथ को शामिल कर पूर्वजों को समर्पित पितृ छाया एक्सप्रेस नामक एक यात्रा शुरू की है। श्राद्ध/पितृ पक्ष अवधि के दौरान अपने पूर्वजों को तर्पण देने की परंपरा हिंदुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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पुणे से शुरू होने वाली पितृ छाया एक्सप्रेस आम जनता को हरिद्वार और पांच प्रयागों (संगम) में तर्पण करने का अवसर देगी। वहीं पर्यटन विभाग इसके बाद अगली ट्रेन भोपाल से हरिद्वार के लिए संचालित करने की योजना बना रहा है, जिसे गंगा-यमुना एक्सप्रेस कहा जाएगा।

इस यात्रा में हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, खरसाली और हनोल का भ्रमण शामिल होगा। इस यात्रा का उद्देश्य पर्यटकों को उत्तराखंड में पवित्र गंगा और यमुना नदी के मार्ग पर स्थित महत्वपूर्ण स्थानों पर लाना है। हरिद्वार और ऋषिकेश के साथ-साथ इस यात्रा में जौनसार भावर क्षेत्र के हनोल में स्थित महासू देवता मंदिर का भ्रमण भी कराया जाएगा।

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उन्होंने बताया कि इस पहले से स्थानीय युवाओं, होटलों, होमस्टे, परिवहन आपरेटरों और सांस्कृतिक मंडलियों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

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