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प्लास्टिक मुक्ति को हो जाएं तैयार, पर असमंजस बरकरार; पढ़िए पूरी खबर

दून ने भी प्लास्टिक से परहेज के लिए कमर कस ली है। नगर निगम और देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी अपने-अपने स्तर पर निरंतर जागरूकता कार्यक्रम कर रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 30 Sep 2019 04:33 PM (IST)
प्लास्टिक मुक्ति को हो जाएं तैयार, पर असमंजस बरकरार; पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, सुमन सेमवाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्लास्टिक (सिंगल यूज) पर प्रतिबंध का ऐलान कर चुके हैं। यह प्रतिबंध दो अक्टूबर से पूरे देश में लागू हो जाएगा। दून ने भी प्लास्टिक से परहेज के लिए कमर कस ली है। नगर निगम और देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी अपने-अपने स्तर पर निरंतर जागरूकता कार्यक्रम कर रहे है और दून के लोगों को प्रेरित करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं।

मगर, इसी के साथ लोगों को प्लास्टिक को लेकर भ्रम की स्थिति भी पैदा हो गई है। यह स्थिति इसलिए भी पैदा हुई है कि सिंगल यूज (एकल प्रयोग) के दायरे में अधिकतर प्लास्टिक आ रहे हैं। कोई कह रहा है कि बाजार में प्लास्टिक का कोई भी सामान नहीं बिकेगा। प्लास्टिक से बनीं पानी की बोतलें गायब हो जाएंगी। जितने मुहं उतनी बातें और अभी केंद्र सरकार ने भी सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है। 

उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी इस संबंध में केंद्र सरकार से गाइडलाइन मांगी है। दो अक्टूबर निकट है, लिहाजा राज्य सरकार समेत कारोबारियों की आमजन की बेचैनी भी बढ़ने लगी है। फिर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का साफ कहना है कि प्रतिबंध कामतलब सभी तरह की प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग जाना नहीं है। महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों ने जरूर अपने स्तर पर प्रतिबंध व इससे बाहर रखे गए प्लास्टिक को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है।

इसी आधार पर पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोडल अधिकारी प्रदीप जोशी के मुताबिक छह तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंध की श्रेणी में रखा जाएगा। लिहाजा, अभी से इन्हें त्यागने के लिए खुद को प्रेरित कर देना चाहिए। ताकि दो अक्टूबर तक वह स्वयं को नए नियमों के अनुरूप ढालने के लिए तैयार कर लें। 

इन प्लास्टिक पर प्रतिबंध होने की संभावना 

पानी की बोतल: 200 एमएल से कम क्षमता की पानी की बोतलों को दो अक्टूबर से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। 

पानी के पाउच: आपने अक्सर कई समारोह में पानी के पाउच देखें होंगे। अब बाजार ने ऐसे पाउच की बिक्री नहीं की जा सकती। 

पॉलीथिन/प्लास्टिक बैग: सभी तरह के पॉली बैग दो अक्टूबर से प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे। इन बैग में हैंडल व बिना हैंडल वाले दोनों तरह के बैग शामिल हैं। 

डिस्पोजेबल आइटम: प्लास्टिक की प्लेट, गिलास, कप, चम्मच, कांटे प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे। इसमें थर्माकोल से बनी वस्तुएं भी शामिल हैं। 

प्लास्टिक के डिब्बे/स्ट्रॉ: होटल/रेस्तरां में अब भोजन के लिए प्लास्टिक के डिब्बों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही प्लास्टिक के स्ट्रॉ भी बंद हो जाएंगी। 

सजावटी उपयोग के प्लास्टिक: विभिन्न गिफ्ट आइटम में प्रयुक्त होने वाले, सजावटी आइटम, फूल-माला वाले प्लास्टिक व थर्माकोल पर प्रतिबंध लागू होगा। 

ये प्लास्टिक होंगे प्रतिबंध से बाहर 

कार्टन की पैकिंग में प्रयुक्त 

विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और अन्य उत्पादों के गत्ते के कार्टन के भीतर सुरक्षा के लिए प्रयुक्त प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। 

दुग्ध पैकिंग: जिन दुग्ध उत्पादों की पैकिंग दूध और अन्य दुग्ध उत्पादों में की जाती है, वह भी इस प्रतिबंध से बाहर रहेंगे। हालांकि, ऐसे पैकेट में 50 माइक्रोन व इससे अधिक मोटाई का प्लास्टिक होनी चाहिए। साथ ही इसमें बाई बैक (वापसी की खरीद) की राशि दर्ज होनी चाहिए। 

चिकित्सा उपयोग के प्लास्टिक: दवाओं की पैकिंग, ग्लूकोज की बोतल व अन्य दवा उत्पादों में प्रयुक्त प्लास्टिक पर प्रतिबंध का नियम लागू नहीं होगा। 

थर्माकोल: ऐसे थर्माकोल के डिब्बे, जिनमें मछलियों को लाया-ले जाया जाता है, वह प्रयोग में रहेंगे। 

स्टेशनरी में प्लास्टिक: रीसाइकल होने वाले ऐसे प्लास्टिक, जो कार्यालय व शिक्षण संस्थानों की स्टेशनरी के रूप में प्रयोग किए जा रहे हैं, उन पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। 

मल्टीलेयर प्लास्टिक: चिप्स, कुरकुरे, बिस्कुट, नूडल्स आदि की पैकिंग वाले मल्टीलेयर प्लास्टिक भी प्रतिबंध से बाहर रहेंगे। 

घरेलू उपयोग के प्लास्टिक: प्लास्टिक के बर्तन, डस्टबिन, पानी की बोतल समेत घरेलू उपयोग (खाद्य पदार्थों समेत) वाले प्लास्टिक पहले की तरह चलन में रहेंगे। 

दाल, चावल आदि की पैकिंग: तमाम डिपार्टमेंट या अन्य स्टोर आदि में दाल, चावल, मसाले, पापड़, बेकरी उत्पाद समेत तमाम वस्तुएं प्लास्टिक की पैकिंग में आ रही हैं। इन्हें इस शर्त के साथ के छूट दी जा रही है कि इनकी मोटाई 50 माइक्रोन से अधिक होनी चाहिए। साथ ही ऐसे पैकेट में बाई बैक की राशि भी दर्ज होनी चाहिए। 

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उत्पादों की पैकिंग: तमाम बड़े उत्पादों की पैकिंग में प्रयुक्त होने वाले प्लास्टिक व थर्माकोल को इस शर्त के साथ छूट मिलेगी कि उनमें कम से कम 20 फीसद मटीरियल रीसाइकल युक्त हो और उनकी मोटाई 50 माइक्रोन से अधिक हो। 

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