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बीसीसीआइ की निगरानी में उत्तराखंड टीम का ट्रायल, प्रक्रिया से खिलाड़ी नाराज

विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए उत्तराखंड क्रिकेट टीम के लिए ट्रायल की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ट्रायल प्रक्रिया से कई खिलाड़ियों को मायूस होना पड़ा।

By BhanuEdited By: Updated: Tue, 28 Aug 2018 10:39 AM (IST)
बीसीसीआइ की निगरानी में उत्तराखंड टीम का ट्रायल, प्रक्रिया से खिलाड़ी नाराज
देहरादून, [जेएनएन]: विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए उत्तराखंड क्रिकेट टीम के लिए ट्रायल की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कंसेसस कमेटी की ओर से भेजी गई रजिस्ट्रेशन कराने वाले खिलाड़ियों की सूची को बीसीसीआइ ने हरी झंडी दे दी है। 

अब खिलाड़ियों का तीन दिवसीय ट्रायल शुरू हो जाएगा। ट्रायल में बीसीसीआइ से विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। अभिमन्यु क्रिकेट ऐकेडमी (गुनियाल गांव) में खिलाड़ियों के रजिस्ट्रेशन शुरू हुए। सूत्रों की मानें तो करीब 110 से 120 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। 

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होते ही कंसेसस कमेटी के सदस्यों ने खिलाड़ियों की सूची बीसीसीआइ और कंसेसस कमेटी के संयोजक रत्नाकर शेट्टी को भेजी दी। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर रत्नाकर शेंट्टी प्रत्येक दो घंटे में अपडेट लेते रहे। 

शेंट्टी लगातार कंसेसस कमेटी के सदस्यों के संपर्क में हैं और ट्रायल की समीक्षा भी कर रहे हैं। मंजिल पास, अब कोई कसर नहीं रजिस्ट्रेशन कराने के बाद अब खिलाड़ियों की कोशिश ट्रायल में सफल होकर टीम में जगह बनाने की होगी। 

यही वजह रही कि प्रदेशभर से पहुंचे खिलाड़ियों ने मैदान में पसीना बहाना बेहतर समझा। देहरादून के अलावा हरिद्वार, अल्मोड़ा, काशीपुर, ऊधमसिंह नगर समेत अन्य जिलों से खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराए। अन्य राज्यों से भी कई खिलाड़ी पहुंचे। 

कहीं खिले चेहरे, तो कहीं छाई मायूसी 

टीम चयन के लिए ओपन ट्रायल नहीं रखे गए हैं। इसलिए युवा क्रिकेटरों को ट्रायल में शामिल नहीं किया जा रहा है। करीब 100 से अधिक खिलाड़ी टिहरी, काशीपुर, अल्मोड़ा, नैनीताल, उत्तरकाशी से पहुंचे थे। प्रवेश नहीं मिलने से सभी के चेहरों पर मायूसी नजर आई। 

मौका न मिलने पर प्रदर्शन कई खिलाड़ियों ने ओपन ट्रायल नहीं होने पर विरोध जताया। ऋषिकेश से निशांत, काशीपुर से आए आदर्श ने कहा कि ट्रायल में बड़ी ऐकेडमी के खिलाड़ियों को ही मौका दिया जा रहा है। बेहतर होता कि ओपन ट्रायल के जरिये प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का चयन किया जाता। इस बीच खिलाड़ियों में गुस्सा भी देखने को मिला। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने युवाओं को शांत कराया। 

इस आधार पर हुआ रजिस्ट्रेशन 

कंसेसस कमेटी के सदस्यों ने डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट में पिछले दो वर्षो के प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट किया है। इन खिलाड़ियों के पास उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है। इनमें सीनियर खिलाड़ियों को ही लिया गया है।

ओपन ट्रायल के समर्थन में आए खेल मंत्री

उत्तराखंड क्रिकेट टीम के लिए चल रही ट्रायल प्रक्रिया पर युवा खिलाड़ी सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने ट्रायल में चुनिंदा क्रिकेट ऐकेडमी के खिलाडिय़ों को ही अवसर देने का आरोप भी लगाया है। खिलाड़ियों का कहना है कि ट्रायल में स्थानीय प्रतिभाओं को नजरंदाज किया जा रहा है। 

उधर, खेल मंत्री अरविंद पांडे ने भी खिलाडिय़ों के विरोध का संज्ञान लेते हुए मामले को बीसीसीआइ की प्रशासक समिति के सीईओ विनोद राय समक्ष उठाया है। 

दरअसल, विजय हजारे ट्रॉफी के लिए चल रही ट्रायल प्रक्रिया में डिस्ट्रिक्ट और घरेलू क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन को आधार बनाया गया है। इसमें कंसेसस कमेटी ने पिछले दो महीने में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सीनियर खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट किया है। इन्हें ही रजिस्ट्रेशन का मौका भी मिला है, जबकि अंडर-17 और अंडर-19 वर्ग के खिलाड़ियों को ट्रायल से दूर रखा गया है। इसके पीछे विजय हजारे ट्रॉफी शुरू होने में कम समय शेष होने का हवाला दिया जा रहा है। लेकिन, युवा खिलाड़ी इस सफाई से संतुष्ट नहीं हैं। उनकी मांग है कि ओपन ट्रायल कराए जाएं, ताकि अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी समान मौका मिले। 

फर्जी प्रमाण-पत्र के भी लग रहे आरोप

पुरोहित क्रिकेट ऐकेडमी के सचिव पंकज पुरोहित ने आरोप लगाया कि कई दूसरे राज्यों के खिलाड़ी फर्जी तरीके से उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाण-पत्र बना रहे हैं। जो खिलाड़ी पहले खुद को उत्तराखंड निवासी बताने से बचते थे, वो आज यहां से लगाव जता रहे हैं। उन्होंने 24 घंटे के भीतर ओपन ट्रायल नहीं होने पर ट्रायल का विरोध करने की चेतावनी भी दी। 

बीसीसीआइ से की गई बातचीत 

खेल मंत्री अरविंद पांडे के मुताबिक जानकारी मिली है कि युवा खिलाड़ी ओपन ट्रायल की मांग कर रहे हैं। खिलाड़ियों को मौका नहीं मिलने से वे निराश हैं। इस संंबंध में बीसीसीआइ से बात की गई है। स्थानीय प्रतिभाओं के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

चयन को लेकर आश्वस्त सौरव रावत और देवेंद्र कुंवर

अब तक उड़ीसा की टीम से खेलने वाले बल्लेबाज सौरव रावत और देवेंद्र कुंवर भी उत्तराखंड टीम का हिस्सा बनने के लिए ट्रायल में किस्मत आजमाएंगे। उत्तराखंड निवासी ये दोनों खिलाड़ी लंबे समय से अपने राज्य से खेलने की इच्छा जताते रहे हैं। दोनों ने सोमवार को ट्रायल के पहले दिन रजिस्ट्रेशन कराया। उड़ीसा की रणजी टीम में सौरव रावत दो और देवेंद्र कुंवर तीन वर्ष तक खेल चुके हैं।

दैनिक जागरण से बातचीत में विकेटकीपर-बल्लेबाज सौरव रावत ने बताया कि वह इस क्षण का कई वर्षों से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने रजिस्ट्रेशन करा लिया है और एनओसी भी ले ली है, अब तो बस ट्रायल का इंतजार है। उन्हें विश्वास है कि उनका चयन हो जाएगा। 

वहीं, ऑलराउंडर देवेंद्र कुंवर ने बताया कि उन्होंने भी रजिस्ट्रेशन कराया है। कहा कि वह विजय हजारे ट्रॉफी में उत्तराखंड को जीत दिलाना चाहते हैं।

दूसरे राज्य से खेलना मजबूरी

उड़ीसा से अब तक खेलने वाले सौरव रावत और देवेंद्र कुंवर ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी दूसरे राज्य से खेलना नहीं चाहता। हर किसी की इच्छा होती है कि वह अपने राज्य से खेले और राज्य का नाम रोशन करे। राज्य में क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं मिलने के कारण उनके पास अवसर नहीं थे।

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