Move to Jagran APP

अब देवभूमि के पर्यावरण पर नमो की तवज्जो, पढ़िए पूरी खबर

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान देवभूमि के पर्यावरणीय पहलुओं की तरफ गया है। देश के सबसे पुराने कार्बेट नेशनल पार्क का उनका गुरुवार का दौरा तो यही संकेत दे रहा है।

By Edited By: Updated: Fri, 15 Feb 2019 12:13 PM (IST)
Hero Image
अब देवभूमि के पर्यावरण पर नमो की तवज्जो, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, केदार दत्त। केदारपुरी समेत चारधाम के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान देवभूमि के पर्यावरणीय पहलुओं की तरफ गया है। देश के सबसे पुराने कार्बेट नेशनल पार्क का उनका गुरुवार का दौरा तो यही संकेत दे रहा है। इसके जरिये जहां उन्होंने संदेश देने का प्रयास किया कि पर्यावरण के प्रति वह सजग हैं और पर्यावरण व विकास में बेहतर सामंजस्य के पक्षधर भी। ऐसे में राज्य के दोनों मंडलों गढ़वाल व कुमाऊं को सीधे आपस में जोड़ने के लिए कार्बेट से गुजरने वाली कंडी रोड को पंख लगने की उम्मीद जगी है। 

प्रदेश में चिंताजनक स्थिति में पहुंच चुके मानव और वन्यजीव संघर्ष को थामने के उपायों को भी केंद्र से कुछ संबल मिल सकता है। केदारपुरी का पुनर्निर्माण और चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार हैं। तन-मन को सुकून देने वाली यहां की फिजां से नमो पहले ही अभीभूत हैं। अब खराब मौसम के बावजूद उन्होंने बाघों की प्रमुख सैरगाह कार्बेट नेशनल पार्क का दौरा कर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीवन के प्रति अपने रुझान को परिलक्षित किया। ढिकाला और खिनानोली में प्रधानमंत्री द्वारा मानव-वन्यजीव संघर्ष, वन पर्यटन, बाघों की स्थिति व सुरक्षा, कंडी रोड समेत अन्य मसलों पर विभागीय अफसरों से विस्तृत जानकारी लिए से साफ है कि वह इन्हें लेकर चिंतित हैं।

ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे से उम्मीद जगी है कि अब कार्बेट से होकर गुजरने वाली वन मार्ग कंडी रोड (रामनगर-कालागढ़- कोटद्वार-लालढांग) के दशकों से लंबित मसले के समाधान का रास्ता निकलेगा। इसके बनने पर राज्य के दोनों मंडल गढ़वाल व कुमाऊं प्रदेश के भीतर ही सीधे आपस में सड़क मार्ग से जुड़ जाएंगे। यह सड़क प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में भी शामिल है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत लगातार केंद्र में दस्तक दे रहे हैं। इस सड़क के अस्तित्व में आने पर देहरादून से रामनगर और हल्द्वानी की दूरी भी लगभग 85 किमी कम हो जाएगी।

अब तक के लोस व विस चुनावों में यह सड़क हमेशा मुद्दा जरूर बनी, मगर बात अभी तक नहीं बन पाई है। आसन्न लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री इस सड़क के लिए कुछ न कुछ रास्ता निकाल सकते हैं। माना जा रहा कि इसी माह होने वाली राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस सड़क के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकती है। प्रधानमंत्री के कार्बेट दौरे को इससे जोड़कर भी देखा जा रहा है। यदि इस सड़क का रास्ता साफ होता है तो यह राज्य के किसी बड़ी सौगात से कम नहीं होगा।

यह भी पढ़ें: विधानसभा का बजट सत्र: गन्ना किसानों को लेकर कांग्रेस का हंगामा, बहिष्कार

यह भी पढ़ें: विधानसभा में ये दो विधेयक हुए पेश, जानिए सदन की खास बातें

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।