दिव्य रूप में निखरने लगी है केदारपुरी, पीएम ने अफसरों को दी ये टिप्स
छह साल पहले जलप्रलय में तबाह हुई केदारपुरी अब फिर से अपनी भव्यता और दिव्यता के अनुरूप निखरने लगी है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 19 May 2019 08:03 AM (IST)
केदार दत्त, देहरादून। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ धाम। छह साल पहले जलप्रलय में तबाह हुई केदारपुरी अब फिर से अपनी भव्यता और दिव्यता के अनुरूप निखरने लगी है। यह संभव हो पाया है बाबा केदार के प्रति अगाध आस्था रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति के बूते। केदारपुरी का पुनर्निर्माण उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार है। यही कारण है कि पुनर्निर्माण कार्यों के लिए राज्याश्रय मिलने के साथ ही तमाम कंपनियों और संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा रहा है। शनिवार को अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर बाबा केदार के दर पर पहुंचे नमो ने पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने शंकराचार्य समाधि, सरस्वती घाट और सुरक्षा दीवार के अलावा तीर्थ पुरोहितों के लिए तैयार होने वाले भवनों और वहां दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली तो इन कार्यों के पूरा होने की अवधि के संबंध में भी पूछा।
वर्ष 2013 में आई जलप्रलय में केदारपुरी तबाह हो गई थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी को उसके दिव्य स्वरूप में निखारने का इरादा जाहिर किया। अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को आकार देने के लिए उन्होंने केंद्र की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। साथ ही पुनर्निर्माण कार्यों में कंपनियों, संस्थाओं की मदद लेने का मार्ग प्रशस्त किया। इन प्रयासों का नतीजा है कि केदारपुरी अब नए कलेवर में निखर चुकी है।
केदारनाथ में मंदिर के आगे का लंबा-चौड़ा खुला आंगन न सिर्फ सुकून देता है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र भी है। वहां पहुंचते ही मंदिर की भव्यता के दर्शन होते हैं तो ठीक पीछे हिमाच्छादित पहाड़ियां और बर्फीली बयार यात्रा की थकान बिसरा देती है। पांच सौ मीटर दूर से रास्ता इतना चौड़ा हो चुका है कि मंदिर सीधे सामने नजर आता है। इसके अलावा मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर भव्य घाट, त्रिस्तरीय सुरक्षा दीवार का निर्माण और मंदिर के ठीक पीछे आद्य शंकराचार्य की समाधि का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट की खुद मॉनीटरिंग भी कर रहे हैं।
शनिवार को केदारनाथ पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा-अर्चना के पश्चात सीधे पुनर्निर्माण कार्यों की ओर रुख किया। उन्होंने राज्य सरकार के साथ ही पुनर्निर्माण कार्य में सहयोग कर रही कंपनियों के अधिकारियों से एक-एक जानकारी ली। पुनर्निर्माण कार्यों में सीएसआर के तहत सहयोगी जिंदल साउथ वेस्ट ग्रुप(जेएसडब्ल्यू) के मैनेजर विकास राणा ने भी प्रधानमंत्री को कार्यों की प्रगति और इनके पूर्ण होने की अवधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
जेएसडब्ल्यू के मैनेजर राणा के मुताबिक सरस्वती घाट पर प्रधानमंत्री ने यहां बनने वाली सीढ़ियों, व्यू प्वाइंट, सुरक्षा दीवार की लंबाई आदि के बारे में पूछा। उन्हें इसकी पूरी जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि ये कार्य अक्टूबर तक पूरे हो जाएंगे। राणा बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों के लिए बनने वाले घरों का भी ब्योरा लिया। साथ ही दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी भी ली। प्रधानमंत्री को बताया गया कि केदारनाथ के मास्टर प्लान के हिसाब से घर बनाए जा रहे हैं। दो-तीन घर जुलाई तक हैंडओवर कर दिए जाएंगे।
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