उत्तराखंड का आज 25वां स्थापना दिवस, सुबह साढ़े 9 बजे सभी 13 जिलों के लोगों से संवाद करेंगे PM मोदी
उत्तराखंड ने अपनी स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश किया है जिसे रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। पीएम मोदी आज 13 जिलों के लोगों से संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य का विकास समग्र और संतुलित होना चाहिए। उत्तराखंड विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है जिसमें केंद्र का सहयोग और प्रधानमंत्री का विशेष लगाव महत्वपूर्ण है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड ने अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर लिया है। इसके लिए सभी लोग एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। वहीं आज पीएम मोदी भी 13 जिलों के लोगों से संवाद करेंगे।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य आंदोलन के मूल में उत्तराखंड के समग्र एवं संतुलित विकास की अवधारणा थी। इसी भावना को मूर्त रूप देने के दृष्टिगत नई गाथा लिखने की पहल की गई है। राज्य की महान जनता के आशीर्वाद, सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य के प्रति विशेष लगाव व केंद्र के सहयोग से उत्तराखंड हर क्षेत्र में तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उत्तराखंड को नई ऊंचाई पर पहुंचाने का लेना होगा संकल्प: राज्यपाल
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने उत्तराखंड राज्य की 24वीं वर्षगांठ पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। राज्य स्थापना वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि रजत जयंती वर्ष में कदम रखते हुए राज्य को ऐसी नई ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प आवश्यक है, जहां हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपरा और जनहित की नीतियों का सामंजस्य हो।
राज्यपाल ने इस अवसर पर राज्य निर्माण आंदोलन के समस्त ज्ञात व अज्ञात बलिदानियों एवं आंदोलनकारियों का भावपूर्ण स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना के 24 वर्षों की इस यात्रा में अनेक उतार-चढ़ाव आए। अनगिनत सपनों को साकार होते देखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कथन को साकार करने की दिशा में एवं 21वीं शताब्दी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने की यात्रा में यह वर्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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उन्होंने कहा कि देश के मानचित्र को गौर से देखें तो उत्तराखंड भारत के हृदय के समान नजर आता है। अनादिकाल से हिमालय और उत्तराखंड पूरे विश्व के लिए अध्यात्म और दिव्यता से परिपूर्ण रक्तरूपी ऊर्जा का संचार करता रहा है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि)। जागरण आर्काइव
राज्यपाल ने कहा कि आज प्रदेश के विकास की प्राथमिकताएं और चुनौतियां, दोनों ही हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। युवा शक्ति प्रदेश के विकास की धुरी है। उन्हें रोजगार के नए अवसर प्रदान करना, उद्यमिता को बढ़ावा और स्वरोजगार की संभावनाओं को विकसित करना, हमारी प्राथमिकता है। इसे भी पढ़ें-उत्तराखंड स्थापना दिवस: CM पुष्कर सिंह धामी बोले, 'देश का अग्रणी राज्य बनाने को संकल्पित है सरकार'कहा कि समग्र विकास की मुख्यधारा में महिलाओं की भागीदारी को जोड़कर सर्व समाज की उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। समृद्ध उत्तराखंड स्वप्न तब साकार होगा, जब समाज के हर तबके को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। महिला सशक्तीकरण, सामाजिक न्याय और जनजातीय समुदायों की उन्नति के लिए विशेष योजनाएं बनाकर इसके लाभ को अंत्योदय तक सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। राज्यपाल ने कहा कि हिमालय का यह अंश विश्व की अमूल्य धरोहर है और इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। जलवायु परिवर्तन के खतरे को देखते हुए पर्यावरण संबंधित मुद्दों पर ध्यान देना होगा। वनों की रक्षा, जल-संरक्षण योजनाओं का क्रियान्वयन, और पर्यटन को पर्यावरणीय संतुलन के साथ जोड़ना अति आवश्यक है। उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं हर गांव तक ले जाना हमारा लक्ष्य है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।राज्यपाल ने कहा कि आज प्रदेश के विकास की प्राथमिकताएं और चुनौतियां, दोनों ही हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। युवा शक्ति प्रदेश के विकास की धुरी है। उन्हें रोजगार के नए अवसर प्रदान करना, उद्यमिता को बढ़ावा और स्वरोजगार की संभावनाओं को विकसित करना, हमारी प्राथमिकता है। इसे भी पढ़ें-उत्तराखंड स्थापना दिवस: CM पुष्कर सिंह धामी बोले, 'देश का अग्रणी राज्य बनाने को संकल्पित है सरकार'कहा कि समग्र विकास की मुख्यधारा में महिलाओं की भागीदारी को जोड़कर सर्व समाज की उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। समृद्ध उत्तराखंड स्वप्न तब साकार होगा, जब समाज के हर तबके को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। महिला सशक्तीकरण, सामाजिक न्याय और जनजातीय समुदायों की उन्नति के लिए विशेष योजनाएं बनाकर इसके लाभ को अंत्योदय तक सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। राज्यपाल ने कहा कि हिमालय का यह अंश विश्व की अमूल्य धरोहर है और इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। जलवायु परिवर्तन के खतरे को देखते हुए पर्यावरण संबंधित मुद्दों पर ध्यान देना होगा। वनों की रक्षा, जल-संरक्षण योजनाओं का क्रियान्वयन, और पर्यटन को पर्यावरणीय संतुलन के साथ जोड़ना अति आवश्यक है। उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं हर गांव तक ले जाना हमारा लक्ष्य है।