उत्तराखंड में 508 गांवों को सड़क से जोड़ने के सपने पर ग्रहण, पढ़िए पूरी खबर
सरकारों की सुस्त रफ्तार प्रदेश के 508 गांवों के सड़क से जुड़े सपनों पर ग्रहण लगा सकती है।
By Edited By: Updated: Mon, 22 Jul 2019 08:49 PM (IST)
देहरादून, विकास गुसाईं। राज्य गठन के बाद आई सरकारों की सुस्त रफ्तार प्रदेश के 508 गांवों के सड़क से जुड़े सपनों पर ग्रहण लगा सकती है। कारण यह कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत सभी पात्र गांवों को सड़क से जोड़ने की समय सीमा मार्च 2019 तक थी। प्रदेश में इस योजना के तहत 2658 गांवों को सड़क से जोड़ा जाना था। इसके सापेक्ष 2142 गांव ही सड़क से जोड़े जा सके हैं। अब इस योजना को निरस्त होता देख शासन केद्र से मदद की गुहार लगाने की तैयारी कर रहा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत वर्ष 2000 में की गई थी। इस योजना के तहत गांवों को सड़क से जोड़ना था। इसमें ऐसे गांवों को चिह्नित किया गया है जिनकी जनसंख्या 250 से अधिक है। उत्तराखंड में भी ऐसे 2658 गांव चिह्नित किए गए जिनकी संख्या 250 से अधिक हैं। केंद्र सरकार की मदद से अभी तक इनमें से 2142 गांवों तक सड़क पहुंचा दी गई है। अब शेष 516 पर काम किया जाना है।इनमें से आठ गांव ऐसे हैं जहां विभिन्न कारणों के चलते सड़क पहुंचाना संभव नहीं हो पा रहा है। शेष 508 गांवों के लिए वर्ष 2018-19 में 316 गांवों को 6010 किमी लंबी सड़क के प्रस्ताव की स्वीकृत की गई। इनमें से 219 गांवों को मार्च 2020 तक सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। 63 गांवों में सड़क पहुंचाने के आदेश जारी हो चुके हैं और कुछ में निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी है। इनके अलावा 201 गांव ऐसे हैं जहां सड़क पहुंचाने में वन भूमि हस्तांतरण का पेंच फंस रहा है। सरकार का लक्ष्य मार्च 2021 तक वनभूमि का पेंच हटाकर इन्हें भी सड़क से जोडऩा है।
कुछ समय पहले नई दिल्ली में केंद्र सरकार की परफॉरमेंस रिव्यू कमेटी और रीजनल रिव्यू कमेटी की बैठक में यह बताया गया कि पीएमजीएसवाई-1 योजना के तहत सभी पात्र गांवों को मार्च 2019 तक सड़क मार्ग से जोड़ना था। विशेष परिस्थितियों में ही कुछ गांवों को 2019-20 में निर्माणाधीन कार्यों के लिए धनराशि आवंटित की जाएगी। जो गांव इससे शेष रह गए हैं उनके संबंधित सभी कार्य निरस्त कर दिए जाएंगे। इससे उत्तराखंड को खासा झटका लगा है। दरअसल, यहां शेष 508 गांवों को सड़क से जोड़ने के आदेश तो जारी हुए हैं लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं। इस कारण इनके निरस्त होने की आशंका बलवती होने लगी है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में अब सरकार व शासन केंद्र में दस्तक देने की तैयारी कर रहा है ताकि इन गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ा जा सके।
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