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करोड़ों की धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड ढार्इ साल बाद चढ़ा पुलिस के हत्थे

ढार्इ साल बाद ही सही पर आखिरकार देहरादून पुलिस ने करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम देने के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर ही लिया।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 26 Mar 2018 04:29 PM (IST)
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करोड़ों की धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड ढार्इ साल बाद चढ़ा पुलिस के हत्थे

विकासनगर [जेएनएन]: थाना सहसपुर पुलिस ने धोखाधड़ी कर बैंकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले मास्टरमाइंड को ढाई साल बाद दबोचा लिया। घटना के मास्टरमाइंड को कोलागढ़ रोड कैंट देहरादून से दबोचा गया। पुलिस ने रविवार को आरोपी को जेल भेज दिया है। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर जनपद में वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी के तहत चलाए जा रहे अभियान के तहत सहसपुर पुलिस की ओर से विगत ढाई वर्ष से धोखाधड़ी में वांछित चल रहे घटना के मास्टरमाइंड अभियुक्त नवनीत अग्रवाल की तलाश तेज की। शनिवार रात पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर धोखाधड़ी करने वाले शातिर को कौलागढ़ रोड कैंट देहरादून से गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में आरोपी ने अपनी पहचान नवनीत अग्रवाल उर्फ नवीन (55 वर्ष) पुत्र श्यामसुंदर निवासी कौलागढ़ रोड थाना कैंट देहरादून के रूप में बतायी। जांच में पता चला कि आरोपी नवनीत ने वर्ष 2015 में जनपद देहरादून के विभिन्न थाना क्षेत्र के बैंकों को टारगेट कर फर्जी पहचान पत्र व अन्य फर्जी दस्तावेज बनाकर लग्जरी कारें खरीदने के नाम पर बैंकों में फर्जी खाते खुलवा कर लोन लिया और पैसा हड़प लिया।

इस तरह के आधा दर्जन से अधिक मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज किए गए। 20 सितंबर 2015 को थाना सहसपुर पर संजय कुमार रावत प्रबंधक डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक सेलाकुईं द्वारा अभियुक्त नवनीत के विरुद्ध अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बैंक में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर 3 कारें खरीदने को लोन दिया। दो टाटा सफारी कार खरीदने के नाम पर बैंक से 15 लाख व एक कार बीट इट के लिए 3 लाख कुल 18 लाख रुपये लेकर फरार हो जाने के संबंध में अभियोग दर्ज कराया गया था।

जिसमें पूर्व में पुलिस द्वारा अभियुक्त नवनीत के अन्य सहयोगी मोहमद कुर्बान, चिराग, मोइनुद्दीन, इंतजार, अब्दुल रहमान को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। अभियुक्त नवनीत तभी से पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली आदि कई जगहों पर रहकर अपना स्थान बदलता रहता था। पुलिस ने अभियुक्त के सभी ठिकानों पर कई बार दबिशें दी, किन्तु वह हर बार फरार हो जाता था।

थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ ने बताया कि आरोपित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से कार के नाम पर लोन लेकर फरार हो जाता था। आरोपित ने करोड़ों रुपये की ठगी की थी। आरोपित के खिलाफ वर्ष 2015 में थाना क्लेमेनटाउन, कोतवाली नगर देहरादून, थाना सहसपुर में धोखाधड़ी, गैंगेस्टर, थाना रायपुर में धोखाधड़ी, वर्ष 2016 में थाना बसंतबिहार में धोखाधड़ी आदि के आठ मुकदमे दर्ज हैं। रविवार को आरोपी को जेल भेजा गया। 

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