डोडा पोस्त तस्करी में वांछित को पंजाब से दून लाई पुलिस Dehradun News
डोडा पोस्त की तस्करी में वांछित आरोपित को मसूरी पुलिस पंजाब से बी वारंट पर लाकर देहरादून पहुंची। आरोपित करीब सवा साल से फरार चल रहा था।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 21 Nov 2019 12:45 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। डोडा पोस्त की तस्करी में वांछित आरोपित को मसूरी पुलिस पंजाब से बी वारंट पर लाकर देहरादून पहुंची। आरोपित करीब सवा साल से फरार चल रहा था, जिसके खिलाफ देहरादून की एनडीपीएस कोर्ट से वारंट भी जारी हो रखा था। पंजाब पुलिस ने उसे पटियाला में गिरफ्तार किया था, लेकिन पेरोल पर बाहर आने के बाद वह वहां से फरार हो गया। अक्टूबर में उसकी दोबारा गिरफ्तारी हुई तो मसूरी पुलिस उसे बी वारंट पर लेकर आई और एनडीपीएस कोर्ट में पेश किया।
चार जुलाई 2018 की देर रात को मसूरी के मंकी बैंड धनोल्टी बाईपास रोड के पास एक कार गहरी खाई में गिर गई। कार में तीन लोग सवार थे। इसमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि जितेंद्र शाह पुत्र मक्खन लाल शाह निवासी ग्राम भड़कोट, सटयाली धार उत्तरकाशी व बंका सिंह पुत्र महेंद्र सिंह निवासी गुलाहर पटियाला पंजाब गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस ने जब कार को चेक किया तो उसमें से 62 किलो डोडा पोस्त बरामद हुआ।
जिसके बाद पुलिस ने दोनों को एनडीपीएस में एक्ट में गिरफ्तार कर लिया। मगर बंका सिंह उसी दिन पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। तब से मसूरी पुलिस बंका की तलाश में जुटी हुई थी। इधर बीते अक्टूबर महीने में पुलिस को सूचना मिली कि बंका को पंजाब पुलिस ने पटियाला में गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद देहरादून की कोर्ट से बी वारंट हासिल कर पुलिस बंका को देहरादून लाने की तैयारी में जुट गई। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि बंका को बी वारंट पर लाकर कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद पंजाब पुलिस उसे लेकर पटियाला रवाना हो गई।
जितेंद्र की पुलिस अभिरक्षा में हुई थी मौतजितेंद्र को पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में चार जुलाई को ही दून अस्पताल में भर्ती करा दिया था। उसके ठीक होने के बाद नौ जुलाई को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से डिस्चार्ज कराने के बाद उसी शाम करीब पांच बजे पुलिस उसे लेकर एनडीपीएस कोर्ट पहुंची। पेशी के बाद पुलिस उसे रिमांड पर लेकर जेल भेजने की तैयारी कर ही रही थी कि उसने अभिरक्षा से छूटकर कोर्ट की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। जिसके बाद उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पुलिस अभिरक्षा में मौत के इस मामले की जांच बाद में सीआइडी को भेज दी गई थी।
यह भी पढ़ें: ऋषिकेश के गुमानीवाला में अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं का मोर्चा, तोड़ी भट्टियांपरिजनों ने बताई थी अलग कहानीपुलिस जब जितेंद्र को कोर्ट में पेश कराने पहुंची थी तो उसकी पत्नी और भाई भी तब तक देहरादून आ गए थे। परिजनों का आरोप था कि पुलिस जितेंद्र को गलत फंसा रही है। उनका दावा था कि जितेंद्र ने कार में लिफ्ट ली थी। कार में बैठे लोगों से उसका कोई संबंध नहीं था। इस दौरान हादसा हो गया और पुलिस ने उसे भी आरोपित बना दिया।
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