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बुटीक चलाने वाली महिला की हत्या का खुलासा, गुप्ता परिवार ने ही कराया था कत्ल; चार गिरफ्तार

समरजहां हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। हत्या में दवा कारोबारी राकेश गुप्ता उसकी पत्नी सीमा और बेटे कार्तिक की मिलीभगत सामने आई है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 10 May 2019 09:09 PM (IST)
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बुटीक चलाने वाली महिला की हत्या का खुलासा, गुप्ता परिवार ने ही कराया था कत्ल; चार गिरफ्तार
देहरादून, जेएनएन। अभी तक पहेली बनी समरजहां हत्याकांड से पर्दा उठ गया। उसका कत्ल गुप्ता परिवार ने ही कराया था। दवा कारोबारी राकेश गुप्ता की सहमति से उसकी पत्नी ने सुपारी किलर का इंतजाम करवाया, उसने यह जिम्मेदारी अपने बेटे कार्तिक को दी थी। कार्तिक ने ही कुख्यात मोमिन और उसके साथी को सुपारी दी थी। लेकिन, पुलिस का दावा है कि हत्या के वक्त मोमिन शूटर के साथ नहीं था। शूटर अकेले कार से आया और समर की हत्या कर फरार हो गया। राकेश, सीमा, कार्तिक और मोमिन को राजपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से चारों को जेल भेज दिया गया।

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी समर जहां (23) और दवा कारोबारी राकेश गुप्ता एक-दूसरे को पिछले सात-आठ साल से जानते थे। समर का जब दादरी (गाजियाबाद) निवासी मुमताज से निकाह हुआ तो महीने भीतर ही राकेश ने उसकी शादी तुड़वा दी। कुछ ही समय बाद उसे एक दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रजेंटेटिव बनवा दिया। अब राकेश और समर की नजदीकियां काफी बढ़ गईं और दोनों लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगे। करीब डेढ़ साल पहले राकेश की पत्नी सीमा सिंघल को पति और समर के अफेयर के बारे में पता चला। घर में इसे लेकर अक्सर झगड़े होने लगे।

इससे बचने के लिए राकेश ने समर को रुड़की शिफ्ट कर दिया। रुड़की में समर पिछले महीने तक रही। इस दौरान राकेश उससे मिलने अक्सर आता रहता था। सीमा ने अपने बयान में कहा कि उसे पता चला कि राकेश समर से ब्याह रचाने की तैयारी कर रहा है। रुड़की में रहने के दौरान ही उसने समर के नाम से देहरादून में 25 लाख रुपये का फ्लैट बुक करा दिया। लगने लगा कि ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन समर परिवार की संपत्ति पर भी दावा कर देगी। इधर, जब सहस्त्रधारा रोड पर राकेश ने रेस्टोरेंट और बुटीक खुलवाया तो समर रेस्टोरेंट पर भी मालिकाना हक जताने लगी और उससे हो रही आमदनी को बांटने लगी। इसके बाद सीमा ने बेटे को समर को रास्ते से हटाने के लिए उकसाया और कहा कि अब देर की तो बहुत कुछ हाथ से चला जाएगा। 

दो महीने पहले हो गई थी प्लानिंग

समर को रास्ते से हटाने के बारे में बीते दिसंबर महीने से ही गुप्ता परिवार के सदस्य मन बनाने लगे थे, लेकिन दो माह पहले जब समर देहरादून शिफ्ट होने की तैयारी करने लगी तो इस प्लान को जल्द से जल्द अमल में उतारने की तैयारियां शुरू हो गई। सीमा ने कार्तिक से कहा कि वह पैसे का इंतजाम कर देगी, बस शूटर की व्यवस्था वह करे। कार्तिक मुजफ्फरनगर जेल में बंद एक अपराधी से भी मिलने गया था। 

मोमिन और उसके साथी ने ली थी सुपारी

सीमा की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक कुख्यात गैंगस्टर से रिश्तेदारी है। इन्हीं संपर्कों के जरिये कार्तिक की मुलाकात मोमिन से हुई। मोमिन ने दूसरे शार्प शूटर की कार्तिक से मुलाकात कराई। सुपारी चार लाख रुपये में दी गई। इसमें से दो लाख रुपये शूटर को दिए जा चुके थे। बाकी की रकम हत्या के बाद दी जानी थी।

घोंट देता बेटे का गला: राकेश

समर के प्यार का कितना असर राकेश पर था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब उसे पूछा गया कि क्या वह भी हत्याकांड में शामिल में है। तो उसने कहा कि उसे पता होता कि समर की हत्या होने वाली है तो वह खुद बेटे का गला घोंट देता। हालांकि पुलिस का कहना है कि राकेश ने सुपारी के लिए रकम पत्नी सीमा को दी थी। ऐसे में सीधे तौर पर साजिश में वह भी शामिल है।

शर्मिंदगी होती थी: कार्तिक

समर के हत्यारोपित कार्तिक ने कहा समर की वजह से पूरे घर की शांति चली गई थी। समर की हरकतों की वजह से उसे और उसके परिवार को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी। जब उसने रेस्टोरेंट में भी दखल देना शुरू किया तो फिर उसे रास्ते से हटाने के बारे में सोचना पड़ा।

एक दिन पहले की थी रेकी

मोमिन से पूछताछ में पता चला कि वह शूटर के साथ कार में छह मई को कार्तिक के रेस्टोरेंट पर आया था। यहां वह कई घंटे रहा और समर की एक-एक गतिविधि पर बारीकी से गौर करता था। वह कब बुटीक पर आती है। उसका फ्लैट कहां है, कितने बजे घर जाती है। कोई और साथ होता है या नहीं। कहां मारने पर वह आसानी से फरार हो जाएगा। इन सब बातों की जानकारी जुटाने के बाद तय हुआ कि मोमिन और वह सात मई को आएंगे और हत्या कर चले जाएंगे। लेकिन सात मई को शूटर अकेले आया और वारदात को अंजाम देकर चला गया।

शूटर को था शक, पकड़ा जाएगा मोमिन

मुजफ्फरनगर के कुख्यात गैंग से ताल्लुक रखने वाले शूटर को यह भनक लग गई थी कि जब समर की हत्या होगी तो पुलिस गुप्ता परिवार की कुंडली खंगाल डालेगी। चूंकि मोमिन कार्तिक के संपर्क में है और वह मोमिन से जुड़ा है। ऐसे में वह मोमिन को किनारे खुद ही वारदात को अंजाम देकर चला गया। 

आइएसबीटी के पास रुका था मोमिन

रेकी करने के आने के दौरान मोमिन देहरादून में ही आइएसबीटी के पास रुक गया। पुलिस के अनुसार वह यहां रंगाई-पुताई करने लगा था। उसका कहना था कि शूटर उससे बोल कर गया था कि सात मई को जब वह आएगा तो दोनों साथ चलकर समर की हत्या कर देंगे।

रुड़की नंबर की कार का हुआ इस्तेमाल

समर की हत्या में शूटर ने रुड़की नंबर की कार का इस्तेमाल किया है। घटनास्थल पर दिखी कार का मॉडल वहीं था जो परिवहन विभाग के रिकार्ड में दर्ज है। ऐसे में यह तो तय है कि नंबर असली है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने कार बरामद कर लिया है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कार मालिक और शूटर के बीच क्या लिंक है।

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