पंप मालिक के बेटे को गोली मारकर हुई लूट के खुलासे में पुलिस नाकाम Dehradun News
ट्रोल पंप मालिक के बेटे को गोली मारकर हुई नौ लाख रुपये की लूट में पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। अभी तक यह भी साफ नहीं हो पाया है कि वारदात में तीन बदमाश ही थे।
By BhanuEdited By: Updated: Wed, 26 Jun 2019 10:19 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। पेट्रोल पंप मालिक के बेटे को गोली मारकर हुई नौ लाख रुपये की लूट में पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। अभी तक यह भी साफ नहीं हो पाया है कि वारदात में तीन बदमाश ही थे, या उन्हें कवर देने के लिए गैंग के और भी बदमाश क्राइम रूट पर मौजूद थे।
वहीं, पेट्रोल पंप कर्मचारियों से हुई पूछताछ और उनके मोबाइल नंबरों की सीडीआर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक शख्स से वारदात से कुछ घंटे पहले बातचीत होने के संकेत मिले हैं, लेकिन इसका लूटकांड से कोई कनेक्शन पता नहीं चल सका है। फिलहाल एसएसपी ने वारदात के खुलासे को पांच टीमें गठित की हैं, जिसमें से दो इस समय सहारनपुर और बिजनौर में डेरा डाले हुए हैं।बता दें, ठाकुरपुर रोड पर चरणजीत सिंह भाटिया निवासी प्रेमनगर का केसरी फिलिंग स्टेशन के नाम से पेट्रोल पंप है। सोमवार की रात करीब सवा नौ बजे उनके बेटे गगन भाटिया दिन भर की बिक्री का कैश लेकर प्रेमनगर के विंग 6/5/3 स्थित अपने घर को निकले। दशहरा ग्राउंड के पास गली में मोड़ पर बाइक सवार दो बदमाशों ने उन्हें ओवरटेक कर रोक लिया।
गगन ने ब्रेक लगाया तो बाइक पर पीछे बैठे बदमाश ने गिरने का दिखावा किया। गगन कुछ समझ पाते, तब तक बदमाश कार के दरवाजे के पास आ गया और बैग छीनने लगा। तभी पीछे से आए बदमाश ने गगन पर फायर झोंक दिया। गोली उनके कंधे में लगी। गोली लगते ही गगन ने बैग छोड़ दिया और बदमाश बाइक से प्रेमनगर बाजार होते हुए अंधेरे में ओझल हो गए। तब तक गोली चलने और गगन की चीख सुन आसपास के लोग एकत्रित हो गए और गगन को उन्हीं की कार से सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया।पेशेवर गिरोहों की खंगाली जा रही कुंडली
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डी-112 और आशु गैंग समेत उन गिरोहों की भी देहरादून पुलिस ने कुंडली मंगाई है, जो अक्सर पेट्रोल पंपों को ही टारगेट करते हैं। अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि देहरादून और आसपास के जिलों में ऐसा कोई गैंग नहीं है, जो पेट्रोल पंपों पर लूट करता हो या कभी पकड़ा गया हो। वहीं, प्रेमनगर पंप लूटकांड की मोड्स ऑपरेंडी (अपराध का तरीका) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंग से मेल खाता है, जिसमें अक्सर तीन बदमाश ही वारदात को अंजाम देते हैं। गौरतलब है कि प्रेमनगर में हुई वारदात में भी अब तक के सीसीटीवी फुटेज से तीन बदमाशों के ही शामिल होने की बात सामने आ रही है।
डाटा डंप से क्लू तलाशने में जुटी पुलिस पुलिस प्रेमनगर में ठाकुरपुर से दशहरा ग्राउंड से लेकर बाजार तक में लगे टेलीफोन कंपनियों के बीटीएस पर सक्रिय मोबाइल नंबरों का डाटा भी मंगाया है। इसमें स्थानीय लोगों के साथ वहां से गुजरने वाले हजारों लोगों के मोबाइल नंबर शामिल हैं। मगर पुलिस उन मोबाइल नंबरों पर फोकस कर रही है जो ठाकुरपुर रोड से प्रेमनगर बाजार होते हुए परवल या टी-एस्टेट की ओर मूवमेंट में रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस को एक दर्जन से अधिक मोबाइल नंबर मिले हैं, जिनके सीडीआर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कनेक्शन जुड़ता दिख रहा है।
जनवरी से सुर्खियों में है प्रेमनगर शैक्षणिक संस्थान बाहुल्य प्रेमनगर थाना क्षेत्र बीते जनवरी महीने में पुलवामा अटैक के बाद से ही सुर्खियों में है। वहीं बीते दिनों क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक ताबड़तोड़ चोरियां हुई, जिसे लेकर दून पुलिस की खूब किरकिरी हुई। हालांकि इनमें से अधिकांश का पुलिस ने खुलासा कर दिया है, लेकिन पेट्रोल पंप लूटकांड ने यह साबित कर दिया कि प्रेमनगर इन दिनों चोरों से लेकर लुटेरों तक के निशाने पर है।
लुटेरों के पैंतरों के आगे पस्त हुई पुलिस बीती 14 फरवरी की रात वसंत विहार में शराब ठेके के मैनेजर को घायल कर हुई पांच लाख रुपये की लूट का मामला हो या फिर पंद्रह अप्रैल को नेहरू कॉलोनी के सरस्वती विहार में दिनदहाड़े हुई सराफा कारोबारी के यहां लाखों की लूट। इन दोनों ही मामलों के जल्द खुलासे के दावे बेबुनियाद साबित हुए। शराब ठेके के मैनेजर की बीते छह मार्च को मौत भी हो चुकी है। ऐसे में देखना होगा कि लुटेरों के पैंतरों के आगे पस्त दून पुलिस पेट्रोल पंप लूटकांड का खुलासा कर पाती है या ये वारदात भी अनवर्कआउट केस की लिस्ट में शुमार हो जाएगा। मिले हैं अहम सुराग
एसएसपी निवेदिता कुकरेती के मुताबिक, पेट्रोल पंप लूटकांड में कुछ अहम सुराग मिले हैं। सीसीटीवी फुटेज से भी काफी मदद मिली है। पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों से पूछताछ के साथ उनके मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है। जल्द ही घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।
नहीं निकली गगन के कंधे में पैबस्त गोलीडाक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी गगन भाटिया के कंधे में पैबस्त गोली को निकाला नहीं जा सका। चिकित्सकों का कहना है कि गोली ऐसी जगह अटकी है, जहां से निकालना आसान नहीं है। लिहाजा गगन को मंगलवार देर शाम सिनर्जी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। बता दें, सोमवार की रात बाइक सवार बदमाशों ने कैश से भरा बैग छीनने का विरोध करने पर गगन भाटिया को गोली मार दी थी। बदमाशों ने गगन को जान से मारने की नीयत से सीने पर फायर झोंका था, लेकिन उसी वक्त गगन मुड़ गए और गोली उनके कंधे में जा लगी। सोमवार देर रात जब उनका एक्स-रे किया गया तो गोली कॉलरबोन (कंधे की हड्डी) में अटकी दिखी। चिकित्सकों ने गोली निकालने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। प्रेमनगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजीव पुंज ने बताया कि चिकित्सकों ने सलाह दी है कि अभी कुछ दिन इंतजार करने के बाद गोली निकालने का प्रयास किया जा सकता है।मंगलवार को जाना था आस्ट्रेलियागगन भाटिया आस्टे्रलिया में सिविल इंजीनियर हैं। दो महीने पहले ही वह पिता चरणजीत भाटिया के अस्वस्थ होने के बाद देहरादून आ गए थे और पेट्रोल पंप की देखरेख करने लगे थे। इधर पिता के स्वस्थ होने के बाद वह आस्टे्रलिया लौटने की तैयारी कर रहे थे। आस्ट्रेलिया में उनकी पत्नी को कोई परीक्षा देनी थी। मंगलवार को उनकी फ्लाइट थी। लेकिन लूटकांड के चलते सारा शेड्यूल बिगड़ गया। चीता कर्मियों की पंपों पर ड्यूटी लगाने की मांगदेहरादून पेट्रोल पंप डीलर वेलफेयर एसोसिएशन ने एसएसपी से मांग की कि थाने के चीता पुलिस कर्मियों की पेट्रोल पंपों पर ड्यूटी लगाई जाए। खासकर शाम और रात के समय जब पेट्रोल पंप बंद होने को हों, तो चीता कर्मियों की अनिवार्य रूप से मौजूदगी हो। एसएसपी ने आश्वासन दिया कि इस पर सभी थानों को दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं।यह भी पढ़ें: पेट्रोल पंप मालिक के बेटे को मारी गोली, सवा तीन लाख रुपये लूटे Dehradun Newsयह भी पढ़ें: ससुर ने दामाद को घर से निकाला, तो बेटी ने कर दी पिता की हत्यायह भी पढ़ें: सेल्समैन ही निकला 33.56 लाख की डकैती का मास्टरमाइंड, जानिए पूरा मामलालोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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