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महिला मित्र से सामूहिक दुष्कर्म के बाद की थी मलकीत की हत्या

डालने की नीयत से मलकीत के घर में घुसे पांच बदमाशों ने न सिर्फ उनकी हत्या की बल्कि उसकी महिला मित्र से सामूहिक दुष्कर्म भी किया था।

By Edited By: Updated: Tue, 02 Apr 2019 11:43 AM (IST)
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महिला मित्र से सामूहिक दुष्कर्म के बाद की थी मलकीत की हत्या
देहरादून, जेएनएन। मलकीत सिंह के घर पांच बदमाशों ने करीब तीन घंटे तक तांडव मचाया था। हत्या की गुत्थी सुलझी तो रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी सामने आई। अस्सी लाख रुपये के कैश की सूचना पर डाका डालने की नीयत से मलकीत के घर में घुसे पांच बदमाशों ने न सिर्फ उनकी हत्या की, बल्कि उसकी महिला मित्र से सामूहिक दुष्कर्म भी किया था। इसी युवती ने पुलिस को डकैतों का हुलिया बताते हुए स्कैच बनवाने में मदद की थी। सनसनीखेज वारदात की व्यूहरचना में कुल छह बदमाश शामिल थे, लेकिन वारदात को अंजाम देने के लिए पांच ही घर में दाखिल हुए थे। इसमें से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, बाकी तीन अभी फरार हैं। मुकदमे में अब सामूहिक दुष्कर्म की भी धारा जोड़ी जाएगी। आरोपितों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

एसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान शुभम (23) पुत्र छत्रपाल निवासी लिस्ट्राबाद, रानीपोखरी, मूल निवासी नैनू नागल थाना सिबाना कला बिजनौर, उज्जवल शर्मा (22) पुत्र सुभाष शर्मा ग्राम शिकोहपुर थाना बड़ौत, बागपत व अर्जुन चौधरी उर्फ चौहान (28) पुत्र बलवान सिंह निवासी झिंझोली थाना खरखौदा सोनीपत, हरियाणा के रूप में हुई है। वहीं, फरार चल रहे अमन पुत्र धर्मेंद्र निवासी कट्ठल विनोदनगर, श्यामपुर, ऋषिकेश मूल निवासी बड़ौत बागपत, लक्ष्य व मुकुल शर्मा निवासी नैनू नांगल बिजनौर व मुकेल शर्मा की तलाश जारी है।

एसएसपी ने बताया कि सभी दोस्त हैं। शुभम की मलकीत के घर अक्सर जाने वाले पप्पू नाम के व्यक्ति से दोस्ती थी। पूछताछ में शुभम ने बताया कि वह पप्पू के साथ कई बार मलकीत के घर गया था। वहां मलकीत के ठाट-बाट को देखकर लगा कि वह काफी पैसे वाला आदमी है। इस बीच उसे पता चला कि मलकीत ने जमीन बेची है, जिससे 80-90 लाख रुपये उसे मिले हैं। यह रकम उसने घर में ही है। शुभम ने अपने दोस्तों को इकट्ठा किया और मलकीत के घर धावा बोलकर रुपये लूटने की प्लानिंग बनाने लगा। उसे पता था कि मलकीत घर में अकेले रहता है, ऐसे में आसानी से वारदात को अंजाम दिया जा सकता है। 25 मार्च को वारदात का दिन तय हुआ। तय प्लानिंग के अनुसार लक्ष्य और मुकुल को दिन में मलकीत के घर की रेकी करने भेजा।

दोनों घंटों मलकीत के घर के आसपास घूमते रहे। घर में घुसने और भागने के रास्तों की रेकी करने के बाद रात में सभी भानियावाला तिराहे पर मामा-भांजा रेस्टोरेंट में इकट्ठा हुए। यहां खाना खाया और जमकर शराब पी। लक्ष्य नशे में धुत हो गया। इसके बाद पांचों ने लक्ष्य को वहीं छोड़ा और स्कूटी व बाइक से मलकीत के घर के पास प्राइमरी स्कूल पहुंचे। स्कूल के बाहर गाड़ी खड़ी करने के बाद पैदल उसके घर का गेट फांद कर शुभम, उज्जवल, अर्जुन, अमन और मुकुल शर्मा भीतर दाखिल हो गए। घर में दाखिल होने पर पांचों ने देखा कि मलकीत एक 19-20 साल की युवती के साथ चारपाई पर आपत्तिजनक स्थिति में पड़ा हुआ है। 

पांचों ने मलकीत को पिस्टल और चाकू की नोक पर लेकर हाथ-पैर बांध दिए। वह शोर न मचा सके, इसके लिए अमन ने उसके कूल्हे पर दो इंजेक्शन लगा दिए, जिससे वह बेहोश हो गया। उसे कमरे में बंधक बनाने के बाद लड़की को डरा-धमकाकर चुप करा दिया। फिर पांचों ने घर खंगाल डाला। बमुश्किल पंद्रह हजार रुपये और एक-डेढ़ लाख रुपये के जेवर ही मिले, जबकि पांचों को यहां से कम से कम अस्सी लाख रुपये मिलने की उम्मीद थी। नकदी न मिलने पांचों लड़की को छत पर ले गए और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। 

पहचाने जाने के डर से रेता मलकीत का गला

पुलिस के अनुसार, बदमाशों की योजना घर में घुस कर चोरी की थी, लेकिन इसी दौरान मलकीत ने शुभम को पहचान लिया। उसने शुभम को बुलाया भी। इससे शुभम डर गया कि उसे जिंदा छोड़ दिया तो सभी पकड़े जाएंगे। फिर क्या था, शुभम ने बेहोश पड़े मलकीत सिंह का पहले ब्लेड से गला काटना शुरू कर दिया, तभी किचन से उच्जवल चाकू लेकर आया और उसका गला रेत दिया। 

नहीं मिला सीसीटीवी का डीवीआर

मलकीत के घर में घुसने से पहले बदमाशों ने सीसीटीवी के तार को काट दिया था। कैमरे और डीवीआर को उखाड़ कर एक बैग में रख दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश जब थोड़ी दूर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि डीवीआर वाला बैग तो मलकीत के घर में ही छूट गया है। इसके बाद शुभम, उज्जवल और मुकुल दोबारा मलकीत के घर में दाखिल हुए और बैग लेकर वहां से भाग निकले।

युवती को लच्छीवाला में छोड़ा

मलकीत की हत्या के बाद बदमाशों ने युवती का मोबाइल छीन कर घर से भगा दिया। धमकी दी कि मुंह खोला तो उसे भी जान से हाथ धोना पड़ेगा। डरी-सहमी युवती वहां से पैदल ही लच्छीवाला की ओर निकल पड़ी। तभी उसने दोबारा से शुभम, उज्जवल और मुकुल को मलकीत के घर की ओर जाते देखा। वापस लौटते समय अमन और अर्जुन ने युवती को स्कूटी पर बैठाया और लच्छीवाला में रेलवे ओवरब्रिज के नीचे उतार दिया। उसे मोबाइल लौटाया और घर तक जाने के लिए सौ रुपये भी दिए। इसके बाद सभी वापस मामा-भांजा रेस्टोरेंट पहुंचे। यहां सभी रात भर रहे और 26 मार्च की सुबह अपने घरों को चले गए। 

इंजीनियरिंग से डिप्लोमा है शुभम

शुभम ने इंजीनियरिंग से डिप्लोमा कोर्स कर रखा है, लेकिन एक साल से उसे नौकरी नहीं मिल रही थी। खर्चे बढ़ रहे और काम धंधा कोई मिल नहीं रहा था। इस बीच जब उसे मलकीत के बारे में पता चला तो बाकी के बेरोजगार दोस्तों को इकट्ठा किया और कहा कि वह सभी चुटकी बजाते लखपति बन जाएंगे और पकड़े भी नहीं जाएंगे।

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