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घर बैठे 22 महीने तक वेतन लेता रहा दारोगा, ऐसे हुआ पर्दाफाश

देहरादून के रायवाला थाने में तैनात एक दारोगा (विशेष श्रेणी) घर बैठे 22 महीने तक वेतन लेता रहा। इस मामले में डीआइजी ने दारोगा को रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 12 Aug 2020 01:00 PM (IST)
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घर बैठे 22 महीने तक वेतन लेता रहा दारोगा, ऐसे हुआ पर्दाफाश
देहरादून, जेएनएन। रायवाला थाने में तैनात एक दारोगा (विशेष श्रेणी) घर बैठे 22 महीने तक वेतन लेता रहा। इस मामले में डीआइजी ने दारोगा को रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया है। वहीं, लापरवाही बरतने पर तत्कालीन थानाध्यक्ष व हेड मोहर्रिर को लाइन हाजिर कर दिया है।

डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि अक्टूबर 2019 में हरिद्वार के एक व्यक्ति ने शिकायत दी कि देहरादून में नियुक्त दारोगा अशोक कुमार शर्मा के बेटे ने उससे कुछ सामान लिया था। इसके बदले में उसे जो चेक दिए, वह बाउंस हो गए। पुलिस ने जब अशोक कुमार के बेटे से फोन पर बात कर उसके पिता की तैनाती के संबंध में पूछा तो बेटे ने बताया कि वह सीएम सिक्योरिटी में तैनात हैं।

पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि छह दिसंबर 2017 को तत्कालीन एसएसपी निवेदिता कुकरेती रायवाला दौरे पर गई थीं। इस दौरान रायवाला में जाम लगा हुआ था। जिस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने थाने पहुंचकर डे ऑफिसर के बारे में पूछा। थाने के कर्मचारियों ने अशोक कुमार शर्मा को डे ऑफिसर बताया। जिस पर एसएसपी ने अशोक कुमार को मौखिक रूप से लाइन हाजिर कर दिया, जबकि उस दिन अशोक कुमार शर्मा अवकाश पर थे। इसके बाद न तो अशोक कुमार शर्मा थाने आए और न ही उन्होंने पुलिस लाइन में उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने अपने अवकाश को लेकर स्पष्टीकरण भी नहीं दिया।

हो सकती है कार्रवाई

तत्कालीन थानाध्यक्ष व हेड मोहर्रिर की ओर से सूचना उच्चाधिकारियों को न देने पर उनके खिलाफ भी नियम 14-ए के तहत कार्रवाई हो सकती है। इसमें बर्खास्तगी, पदमुक्त, रैंक कम करना या वेतन कम करने में से कोई एक कार्रवाई संभव है।

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31 जनवरी 2020 को हो गए रिटायर

पुलिस क्षेत्रधिकारी डालनवाला की जांच में पता कि अशोक कुमार शर्मा छह दिसंबर 2017 से 10 अक्टूबर 2019 तक ड्यूटी पर नहीं गए। इसके बाद 31 जनवरी 2020 को रिटायर हो गए। जांच में यह भी सामने आया कि अशोक कुमार शर्मा को थाना रायवाला से पुलिस लाइन रवाना किए जाने के संबंध में तत्कालीन थानाध्यक्ष महेश चंद्र जोशी व हेड मोहर्रिर मनोज कुमार ने पुलिस कार्यालय और उच्चाधिकारियों को कोई सूचना नहीं दी। इस मामले में अग्रिम विभागीय कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक देहात परमेंद्र डोबाल को कहा गया है।

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