डीजीपी ने पुलिसकर्मियों को दी सौगात, कहा पुलिसकर्मी किसी भी बीमारी में ले सकेंगे रक्षक निधि
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने पुलिसकर्मियों को सौगात देते हुए रक्षक निधि नियमावली में संशोधन कर दिया है। अब प्रदेश के पुलिसकर्मी रक्षक निधि अग्रिम ले सकेंगे। इसके अलावा डीजीपी ने इस निधि के लाभांवितों का दायरा भी बढ़ा दिया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 18 Dec 2020 10:30 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने पुलिसकर्मियों को सौगात देते हुए रक्षक निधि नियमावली में संशोधन कर दिया है। अब प्रदेश के पुलिसकर्मी रक्षक निधि अग्रिम ले सकेंगे। इसके अलावा डीजीपी ने इस निधि के लाभांवितों का दायरा भी बढ़ा दिया है। अब किसी पुलिसकर्मी के माता-पिता, सास-ससुर, अविवाहित पुत्र-पुत्री जो उन पर पूर्ण रूप से आश्रित हों, इस निधि का उपयोग कर सकते हैं। पहले यह निधि केवल संबंधित पुलिसकर्मी, उसकी पत्नी और बच्चों के लिए ही थी।
गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में उत्तराखंड पुलिस जीवन रक्षक निधि की नियमावली की समीक्षा करते हुए डीजीपी ने बताया कि जीवन रक्षक निधि अभी तक केवल गंभीर बीमारी के लिए ही दी जाती थी। निधि का भुगतान इलाज के बाद उससे संबंधित दस्तावेज जमा करने पर किया जाता था। अब इन सीमाओं को हटा दिया गया है। पुलिसकर्मी किसी भी बीमारी (जिसमें 50 हजार रुपये से अधिक का खर्च हो) के लिए रक्षक निधि का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा अब इस निधि का भुगतान अग्रिम यानी इलाज शुरू होने से पहले भी किया जाएगा।
इसके साथ जीवन रक्षक निधि में बढ़ोतरी भी की गई है। डीजीपी ने बताया कि किसी भी सरकारी या गैर सरकारी चिकित्सालय में तैनात पंजीकृत एमबीबीएस चिकित्सक की ओर से बीमारी के उपचार के लिए दिया गया अनुमानित व्यय जीवन रक्षक निधि लेने के लिए मान्य होगा। जीवन रक्षक निधि के आवेदन को तत्काल स्वीकृति दी जाएगी ताकि संबंधित को समय पर मदद मिल सके।
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