Move to Jagran APP

Positive India: पिता अस्पताल में भर्ती और बेटी ड्यूटी पर है तैनात, पढ़िए पूरी खबर

कांस्टेबल चंपा मेहरा अपने पिता के गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद अपनी जिम्मेदार नहीं भूलीं और स्टाफ की कमी की जानकारी मिलते ही ड्यूटी पर पहुंच गईं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 31 Mar 2020 09:54 PM (IST)
Hero Image
Positive India: पिता अस्पताल में भर्ती और बेटी ड्यूटी पर है तैनात, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। किसी भी जंग को जीतने के लिए जज्बा बहुत जरूरी है। ऐसे में अगर रिश्ते-नाते फर्ज के आड़े आ जाएं तो हालात से निपटना बेहद मुश्किल हो जाता है। लेकिन, असल योद्धा वही है जो इस मुश्किल घड़ी में भी अपने फर्ज के प्रति समर्पित रहे। ऐसे ही जज्बे की मिसाल हैं कांस्टेबल चंपा मेहरा। जो पिता के गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद अपनी जिम्मेदार नहीं भूलीं और स्टाफ की कमी की जानकारी मिलते ही नैनीताल से दून ड्यूटी पर पहुंच गईं। चंपा के पहाड़ जैसे मजबूत जज्बे की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। दून आने को कोई सार्वजनिक वाहन नहीं मिला तो उन्होंने यह सफर स्कूटी से ही नाप डाला।

चंपा मेहरा मूलरूप से नैनीताल जिले के लालकुआं की रहने वाली हैं और देहरादून में एसएसपी कार्यालय में डायल 112 में तैनात हैं। चंपा ने बताया कि उनके पिता को लंबे समय से डायबिटीज की समस्या है। इसके अलावा उनकी दोनों किडनी भी खराब हो चुकी हैं। इसी बीच 23 मार्च को उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिता की देखरेख के लिए चंपा भी छुट्टी लेकर घर चली गईं। 23 मार्च की रात ही प्रदेश में लॉकडाउन लागू हो गया। इसी बीच चंपा को पता चला कि डायल 112 में स्टाफ की कमी हो रही है। मुसीबत की इस घड़ी में चंपा के दिल ने फर्ज को वरीयता दी और उन्होंने तुरंत ड्यूटी पर आने का मन बना लिया।

खाने को लिए थे बिस्किट के दो पैकेट

चंपा ने बताया कि रास्ते में सभी दुकानें बंद थीं। घर से वह दो बिस्किट के पैकेट साथ लेकर चली थीं। रास्ते में एक-दो जगह रुककर बिस्किट खाकर ही काम चलाया।

ड्यूटी के प्रति वफादारी भी जरूरी

चंपा ने बताया कि पिताजी की सेहत बहुत खराब है। ऐसी स्थिति में उनके साथ रहना जरूरी था, लेकिन फर्ज तो रिश्ते-नातों से बढ़कर है। कोरोना के कारण देश के हालात खतरनाक होते जा रहे हैं। ऐसे में छुट्टी लेना कर्तव्य से भागने जैसा होगा।

यह भी पढ़ें: Positive India: ऋषिकेश में निजी खर्च से जरूरतमंदों की भूख मिटा रही खाकी

बस नहीं मिली तो स्कूटी से पहुंचीं नैनीताल से दून

कांस्टेबल चंपा ने बताया कि 25 मार्च को वह दून लौटीं। उस दिन लॉकडाउन के कारण यातायात सेवाएं बंद थीं। ऐसे में वह अपनी स्कूटी से ही देहरादून के लिए चल पड़ीं। सुबह सात बजे वह स्कूटी से घर से निकलीं और एक बजे देहरादून पहुंच गईं। बताया कि रास्ते में जगह-जगह चेकिंग चल रही थी। कई जगह उन्हें रोका भी गया। इसके अलावा भी सफर में कई परेशानियां उठानी पड़ीं।

यह भी पढ़ें: Positive India: जरूरतमंदों को खाना खिलाया, घरों में पहुंचाया राशन

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।