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Power Cut in Uttarakhand: भीषण गर्मी में बिजली कटौती ने किया बेहाल, ऊर्जा निगम की मुश्किलें बढ़ीं

Power Cut in Uttarakhand गर्मी के कारण बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है और लोड बढ़ने से जगह-जगह फाल्ट भी आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भी बिजली की आंख-मिचौनी चल रही है। ग्रामीण और छोटे शहरों में कटौती बढ़ गई है। कहीं-कहीं दिनभर में कई बार बत्ती गुल हो रही है।

By Vijay joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 17 May 2024 07:46 AM (IST)
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Power Cut in Uttarakhand: ग्रामीण और छोटे शहरों में कटौती बढ़ गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: Power Cut in Uttarakhand: उत्तराखंड में पारा चरम पर पहुंच गया है और भीषण गर्मी से जनजीवन प्रभावित है। साथ ही अघोषित बिजली कटौती से आमजन बेहाल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भी बिजली की आंख-मिचौनी चल रही है।

कहीं-कहीं दिनभर में कई बार बत्ती गुल हो रही है। गर्मी के कारण बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है और लोड बढ़ने से जगह-जगह फाल्ट भी आ रहे हैं। इस माह बीते 15 दिन में बिजली की मांग 10 मिलियन यूनिट तक बढ़ गई है। जबकि, उपलब्धता मांग के सापेक्ष न हो पाने से कटौती की जा रही है।

आने वाले दिनों में चुनौती और बढ़ने की आशंका

ऊर्जा निगम की ओर से बाजार से बिजली खरीद कर आपूर्ति के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में चुनौती और बढ़ने की आशंका है। उत्तराखंड में इस वर्ष पहली बार प्रतिदिन बिजली की मांग 54 मिलियन यूनिट के पार पहुंच गई है। जिसका कारण चढ़ता पारा है। भीषण गर्मी के चलते पंखे, कूलर व एसी का प्रयोग बढ़ने से बिजली खपत में इजाफा हुआ है।

केंद्र से अतिरिक्त बिजली मिलने के बावजूद मांग के सापेक्ष उपलब्धता नहीं है। ऐसे में ग्रामीण और छोटे शहरों में कटौती की जा रही है। 15 दिन पूर्व जहां विद्युत मांग 44 मिलियन यूनिट के आसपास थी, वह अब 54 मिलियन यूनिट पहुंच गई है। केंद्र सरकार से उत्तराखंड को करीब आठ एमयू अतिरिक्त बिजली मिल रही है। इसके बावजूद उपलब्धता पर्याप्त नहीं है।

दून में भी बिजली कटौती से आमजन हलकान

पिछले कुछ समय से ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती की जा रही थी। हालांकि, अब दून के विभिन्न क्षेत्रों में अघोषित कटौती की जा रही है। दिनभर बिजली की आंख-मिचौनी चल रही है। साथ ही कई क्षेत्रों में एक से दो घंटे बिजली गुल हो रही है। इसका कारण फाल्ट बताया जा रहा है।

बढ़ती मांग और कम उपलब्धता के कारण ग्रामीण और छोटे शहरों में कटौती बढ़ गई है। हरिद्वार-रुड़की में मंगलौर, लक्सर, ज्वालापुर, भगवानपुर आदि छोटे शहरों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में एक से डेढ़ घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। कोटद्वार और ऊधम सिंह नगर में एक से डेढ़ घंटा, प्रदेश के स्टील फर्नेस में चार से पांच घंटे कटौती हो रही है।

बिजली की मांग और उपलब्धता

  • जल विद्युत से, 15 एमयू
  • अन्य स्रोत, 10 एमयू
  • केंद्र से प्राप्त अंश, 17 एमयू
  • बाजार से खरीद, 10 एमयू

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  • कुल मांग, 54 एमयू
  • कुल उपलब्धता, 52 एमयू
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